बुलंदशहर: यूं तो बुलन्दशहर में होने जा रहे उपचुनाव में 18 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी अपनी दावेदारी पेश किए हुए हैं, लेकिन जो 5 प्रत्याशी प्रमुख रूप से यहां मैदान में हैं, उनमें भाजपा, रालोद व सपा गठबंधन, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी व भीम आर्मी सुप्रीमो की 6 माह पूर्व बनाई गई आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी प्रमुख तौर पर मैदान में हैं.
आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी ने बुलंदशहर विधानसभा उपचुनाव को बनाया त्रिकोणीय
यूपी के बुलंदशहर जिले में सदर सीट पर होने वाला उपचुनाव अब काफी रोचक हो चुका है. 6 माह पहले आजाद समाज पार्टी की नींव रखी गयी और अब बुलंदशहर में पार्टी ने मजबूत दावेदारी पेश करके यहां ताल ठोक रही है. पहली बार मैदान में एएसपी ने अपने प्रत्याशी को उतारा है. आजाद सामाज पार्टी के प्रत्याशी के आने के बाद से अब यहां का चुनाव काफी रोचक हो गया है.
आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी.
बुलंदशहर: यूं तो बुलन्दशहर में होने जा रहे उपचुनाव में 18 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी अपनी दावेदारी पेश किए हुए हैं, लेकिन जो 5 प्रत्याशी प्रमुख रूप से यहां मैदान में हैं, उनमें भाजपा, रालोद व सपा गठबंधन, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी व भीम आर्मी सुप्रीमो की 6 माह पूर्व बनाई गई आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी प्रमुख तौर पर मैदान में हैं.
आठवीं पास हैं हाजी यामीन
आजाद समाज पार्टी ने हाजी यामीन को उम्मीदवार बनाया है, जो कि जिले के खुर्जा के रहने वाले हैं. उनकी शिक्षा की बात की जाए तो सिर्फ आठवीं पास हैं. वे एक मीट कारोबारी हैं. जिले के बड़े एक्सपोर्टर में इनकी गिनती होती है. हाजी यामीन का कहना है कि समाज के लिए किए गए कामों को गिनाया नहीं जाता. उन्हें भरोसा है कि जिस तरह से वर्तमान में भाजपा और बीएसपी का आपसी प्रेम फिर एक बार सामने आया है, इसका फायदा आजाद समाज पार्टी को मिलेगा. बसपा का परंपरागत वोटर बीएसपी सुप्रीमो मायावती के हाल ही के उठाये गए कदम से आहत है.
भाजपा और बसपा के बीच कई बार से हो रहा मुकाबला
पूर्व में यहां बीएसपी और बीजेपी में कड़ा मुकाबला होता आया है. इस बार कहीं न कहीं आजाद समाज पार्टी ने यहां प्रत्याशी उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है. आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारे गए हाजी यामीन का कहना है कि उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है. हालांकि फैसला जनता को करना है.
बीएसपी और भाजपा में होती रही है टक्कर
बुलंदशहर में अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो जहां भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हाल फिलहाल था. वहीं उससे पूर्व में 10 साल तक यहां बहुजन समाज पार्टी के पास बुलंदशहर की सदर सीट थी. दो पार्टियों में कांटे की टक्कर होती रही है, इस मुकाबले को आजाद समाज पार्टी ने अब सीधे-सीधे त्रिकोणीय बना दिया है. आजाद समाज पार्टी से प्रत्याशी हाजी यामीन का कहना है कि इस सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी और बीएसपी मुख्य मुकाबले में रहे हैं. बाकी पार्टियों का तो कुछ खास यहां रुझान लोगों में नहीं है,उनका कहना है कि कानून व्यवस्था फेल है, रोजी-रोजगार तक कि दिक्कतें हैं. उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधियों पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि बुलन्दशहर में विकास किसी ने नहीं किया है. हाजी यामीन का कहना है कि आजाद समाज पार्टी अब डलियों के उत्थान के लिए सबसे आगे है. मुस्लिमों समेत सभी वर्ग के मतदाताओं का उन्हें प्रेम करते हैं और उन्हें विधानसभा पहुंचाएगा.
ASP कमजोर पड़ी तो BJP को हो सकता है फायदा
बुलन्दशहर सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर यहां सभी राजनीतिक दल अपने अपने जोड़ गुना भाग में लगे हैं. हालांकि आजाद समाज पार्टी सुप्रीमो की जिले में हुई कामयाब जनसभा में जिस तरह से युवाओं का हूजूम उमड़ा उससे आजाद समाज पार्टी गदगद है. आजाद समाज पार्टी से बीएसपी का परंपरागत वोटर खासतौर से युवा वोटर खासा प्रभावित नजर आ रहा है. हालांकि ऐसे में पार्टी के प्रत्याशी हाजी यामीन का तो यहां तक कहना है कि उनको सर्वसमाज का प्यार और दुलार मिल रहा है. अगर ये सच हुआ तो करिश्मा हो सकता है, लेकिन अगर उनका दावा कमजोर पड़ा, तो इससे भाजपा को यहां फायदा हो सकता है. हालांकि भाजपा से बागी उर्मिला की वजह से उधर बीजेपी के सामने भी चुनोती कम नहीं हैं. अब बुलन्दशहर का चुनाव क्या कहता है, ये तो 10 नवम्बर को ही साफ होगा.
आठवीं पास हैं हाजी यामीन
आजाद समाज पार्टी ने हाजी यामीन को उम्मीदवार बनाया है, जो कि जिले के खुर्जा के रहने वाले हैं. उनकी शिक्षा की बात की जाए तो सिर्फ आठवीं पास हैं. वे एक मीट कारोबारी हैं. जिले के बड़े एक्सपोर्टर में इनकी गिनती होती है. हाजी यामीन का कहना है कि समाज के लिए किए गए कामों को गिनाया नहीं जाता. उन्हें भरोसा है कि जिस तरह से वर्तमान में भाजपा और बीएसपी का आपसी प्रेम फिर एक बार सामने आया है, इसका फायदा आजाद समाज पार्टी को मिलेगा. बसपा का परंपरागत वोटर बीएसपी सुप्रीमो मायावती के हाल ही के उठाये गए कदम से आहत है.
भाजपा और बसपा के बीच कई बार से हो रहा मुकाबला
पूर्व में यहां बीएसपी और बीजेपी में कड़ा मुकाबला होता आया है. इस बार कहीं न कहीं आजाद समाज पार्टी ने यहां प्रत्याशी उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है. आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारे गए हाजी यामीन का कहना है कि उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है. हालांकि फैसला जनता को करना है.
बीएसपी और भाजपा में होती रही है टक्कर
बुलंदशहर में अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो जहां भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हाल फिलहाल था. वहीं उससे पूर्व में 10 साल तक यहां बहुजन समाज पार्टी के पास बुलंदशहर की सदर सीट थी. दो पार्टियों में कांटे की टक्कर होती रही है, इस मुकाबले को आजाद समाज पार्टी ने अब सीधे-सीधे त्रिकोणीय बना दिया है. आजाद समाज पार्टी से प्रत्याशी हाजी यामीन का कहना है कि इस सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी और बीएसपी मुख्य मुकाबले में रहे हैं. बाकी पार्टियों का तो कुछ खास यहां रुझान लोगों में नहीं है,उनका कहना है कि कानून व्यवस्था फेल है, रोजी-रोजगार तक कि दिक्कतें हैं. उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधियों पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि बुलन्दशहर में विकास किसी ने नहीं किया है. हाजी यामीन का कहना है कि आजाद समाज पार्टी अब डलियों के उत्थान के लिए सबसे आगे है. मुस्लिमों समेत सभी वर्ग के मतदाताओं का उन्हें प्रेम करते हैं और उन्हें विधानसभा पहुंचाएगा.
ASP कमजोर पड़ी तो BJP को हो सकता है फायदा
बुलन्दशहर सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर यहां सभी राजनीतिक दल अपने अपने जोड़ गुना भाग में लगे हैं. हालांकि आजाद समाज पार्टी सुप्रीमो की जिले में हुई कामयाब जनसभा में जिस तरह से युवाओं का हूजूम उमड़ा उससे आजाद समाज पार्टी गदगद है. आजाद समाज पार्टी से बीएसपी का परंपरागत वोटर खासतौर से युवा वोटर खासा प्रभावित नजर आ रहा है. हालांकि ऐसे में पार्टी के प्रत्याशी हाजी यामीन का तो यहां तक कहना है कि उनको सर्वसमाज का प्यार और दुलार मिल रहा है. अगर ये सच हुआ तो करिश्मा हो सकता है, लेकिन अगर उनका दावा कमजोर पड़ा, तो इससे भाजपा को यहां फायदा हो सकता है. हालांकि भाजपा से बागी उर्मिला की वजह से उधर बीजेपी के सामने भी चुनोती कम नहीं हैं. अब बुलन्दशहर का चुनाव क्या कहता है, ये तो 10 नवम्बर को ही साफ होगा.