बुलंदशहर: जिले में एक अलग तरह का मामला सामने आया है. एक 8 साल के बच्चे की मां ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे के साथ लेडी ट्यूशन टीचर ने उसका दो साल तक यौन शोषण किया है. इतना ही नहीं, दवाइयों की हैवी डोज भी दिए जाने का गम्भीर आरोप मासूम की मां ने लगाया है. मां पिछले 1 साल से अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटक रही है. अब उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति वर्मा ने मामले का संज्ञान लिया है.
जानकारी के अनुसार, जिले की यमुनापुरम में रहने वाली महिला अपने 8 साल के मासूम बच्चे को पड़ोस में ही एक रहने वाली लेडी टीचर के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए भेजती थी. बच्चे की मां ने कहा कि उन्होंने बच्चे की भविष्य बनाने के लिए ट्यूशन लगाया था, लेकिन लेडी टीचर ने उसका जीवन ही बर्बाद कर दी. अब बच्चे के सामने दिक्कत आनी शुरू हो गई है.
इस मामले को लेकर बच्चे की मां इंसाफ के लिए पिछले 1 साल से जिले के अफसरों के चक्कर काट रही है. मासूम की मां की माने तो पिछले साल अक्टूबर माह में इस मामले की शिकायत करनी चाही, लेकिन उनका कहना है कि जिस लड़की के पास मासूम ट्यूशन पढ़ने जाता था, उस लड़की के मां-बाप ने इज्जत का वास्ता देते हुए मामले को रखा-दफा करने की बात कही. जब बच्चे की दिक्कत बढ़नी शुरू हो गई तो मां से अपने मासूम बच्चे का दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने कानूनी तौर पर इस मामले को लेकर आरोपी लेडी टीचर के खिलाफ शिकायत की. एक साल हो चुका है, लेकिन 1 साल गुजरने के बाद अभी तक भी वह न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं.
मासूम की मां का कहना है कि पुलिस उस पर लगातार मामले को रफा-दफा करने का दवाब बनाती रही है, जबकि उसके बच्चे के शरीर में जो अंतर आ रहे हैं, उन्हें समझने को कोई तैयार नहीं है. अब इस मामले को लेकर पीड़ित बच्चे संग मां ने सोमवार को उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति वर्मा से भी आपबीती सुनाई है.
प्रीति वर्मा ने बताया कि इस मामले में गंभीरता से जांच होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की पूरी जानकारी उन्होंने हासिल की है. बाल आयोग की सदस्य ने पीड़ित की मां का दर्द समझते हुए उसकी हिम्मत और जज़्बे की तारीफ करते हुए कहा कि एक मां जिस तरह से अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए परेशान है, उससे एक मां की भावना समझी जा सकती है. प्रीति वर्मा ने इस बारे में सीओ सिटी को भी निर्देशित किया कि इस प्रकरण को समझकर जो भी उचित न्याय संगत कार्रवाई सम्भव है वो की जाएं. साथ ही ये भी निर्देशित किया कि जल्द से जल्द इस पूरे मामले में गहनता से पड़ताल की जाए व आरोपी के खिलाफ पॉक्सो समेत जिन भी धाराओं में कार्रवाई की जाए. आखिर कार्रवाई अब तक क्यों नहीं हुई, इस बारे में भी जांच होनी चाहिए.