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बुलंदशहर: कौशल विकास मिशन योजना नहीं कर पा रही लोगों के सपने को साकार - बुलंदशहर समाचार

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सरकार ने कौशल विकास योजना के कई केंद्र खुलवाए थे. यह योजना जिले में अब धाराशाई होता नजर आ रहा है, जिससे लोगों को हुनरमंद बनने के सपने पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

कौशल विकास योजना हुई फेल
कौशल विकास योजना हुई फेल
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Published : Mar 5, 2020, 6:07 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: केंद्र और प्रदेश की सरकार ने एक अच्छी मंशा के साथ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की है. लेकिन यूपी के बुलंदशहर में तो यह पूरी तरह से धराशाई होती नजर आ रही है. जिले में कौशल विकास मिशन के जितने भी केंद्र पिछले वर्षों में खुले, अब सभी के शटर लगभग बन्द हो चुके हैं.

कौशल विकास मिशन योजना हुआ धाराशाई

प्रधानमंत्री मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक था कौशल विकास मिशन. इसके अंतर्गत लोगों को हुनरमंद बनाना और इस मंशा से न सिर्फ केंद्र सरकार ने बल्कि प्रदेश सरकार के ने भी देशभर में काफी सेंटर्स की स्थापना की. बुलंदशहर में भी एक समय ऐसा आया जब यहां करीब 75 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना हो गई थी. अलग-अलग विधाओं में यहां लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए कवायदें हुईं और बड़े-बड़े दावे किए गए.

जानकारी देते संवाददाता.

कौशल विकास योजना के जरिए लोगों को हुनरमंद बनाकर उनके हाथों को काम देने की कागजी कवायदें शुरू किए गए थे. अब यह योजना धराशाई होती नजर आ रही हैं. ईटीवी भारत ने बुलंदशहर के कौशल विकास मिशन से जुड़े केंद्रों की जमीनी हकीकत परखी. इसमें पाया गया कि एक के बाद एक लगातार सभी कौशल विकास केंद्र यहां पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. जो भी एक या दो केंद्र बचे हुए हैं उनकी स्थिति भी अच्छी नहीं है.

इस बारे में कौशल विकास केंद्र चलाने वाले दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने इस उम्मीद से सेंटर की स्थापना की थी कि लोगों को इससे फायदा होगा. इससे लोगों को तकनीकी ज्ञान होगा और वह हुनरमंद बन सकेंगे. यहां सभी योजनाओं को लखनऊ में बैठे जिम्मेदारों पलीता लगा डाला है.

67 केंद्रों में नहीं बचा एक भी
जिले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर पीएमकेवीवाई के तहत 75 कौशल विकास केंद्र खुलवाए थे. पंडित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के अंतर्गत कुल 3 केंद्र खोलवाए गए थे, लेकिन जिले के इन सभी केंद्रों की हालत बद से बदतर हो गई है.

कौशल विकास मिशन के जिला कार्यालय के जिम्मेदार एमआईएस सीनियर मैनेजर संदीप कुमार का कहना है कि वह जिले के सभी संचालित केंद्रों की स्थिति पर नजर रखते हैं. लखनऊ स्थित मिशन के कार्यालय से सामंजस्य रखकर सभी केंद्रों के साथ तालमेल रखना और आवश्यक दिशानिर्देशों पर अमल कराना है. संदीप कुमार का कहना है कि 2014 में जब इन केंद्रों की स्थापना हुई थी तो काफी कुछ ठीक था. कुछ समय बाद धीरे-धीरे जहां केंद्रों की संख्या बढ़ी वहां दिक्कते भी अधिक हो गई.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर: दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिरोही के पार्थिव शरीर का दर्शन करने पहुंचे सीएम योगी

बुलंदशहर: केंद्र और प्रदेश की सरकार ने एक अच्छी मंशा के साथ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की है. लेकिन यूपी के बुलंदशहर में तो यह पूरी तरह से धराशाई होती नजर आ रही है. जिले में कौशल विकास मिशन के जितने भी केंद्र पिछले वर्षों में खुले, अब सभी के शटर लगभग बन्द हो चुके हैं.

कौशल विकास मिशन योजना हुआ धाराशाई

प्रधानमंत्री मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक था कौशल विकास मिशन. इसके अंतर्गत लोगों को हुनरमंद बनाना और इस मंशा से न सिर्फ केंद्र सरकार ने बल्कि प्रदेश सरकार के ने भी देशभर में काफी सेंटर्स की स्थापना की. बुलंदशहर में भी एक समय ऐसा आया जब यहां करीब 75 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना हो गई थी. अलग-अलग विधाओं में यहां लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए कवायदें हुईं और बड़े-बड़े दावे किए गए.

जानकारी देते संवाददाता.

कौशल विकास योजना के जरिए लोगों को हुनरमंद बनाकर उनके हाथों को काम देने की कागजी कवायदें शुरू किए गए थे. अब यह योजना धराशाई होती नजर आ रही हैं. ईटीवी भारत ने बुलंदशहर के कौशल विकास मिशन से जुड़े केंद्रों की जमीनी हकीकत परखी. इसमें पाया गया कि एक के बाद एक लगातार सभी कौशल विकास केंद्र यहां पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. जो भी एक या दो केंद्र बचे हुए हैं उनकी स्थिति भी अच्छी नहीं है.

इस बारे में कौशल विकास केंद्र चलाने वाले दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने इस उम्मीद से सेंटर की स्थापना की थी कि लोगों को इससे फायदा होगा. इससे लोगों को तकनीकी ज्ञान होगा और वह हुनरमंद बन सकेंगे. यहां सभी योजनाओं को लखनऊ में बैठे जिम्मेदारों पलीता लगा डाला है.

67 केंद्रों में नहीं बचा एक भी
जिले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर पीएमकेवीवाई के तहत 75 कौशल विकास केंद्र खुलवाए थे. पंडित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के अंतर्गत कुल 3 केंद्र खोलवाए गए थे, लेकिन जिले के इन सभी केंद्रों की हालत बद से बदतर हो गई है.

कौशल विकास मिशन के जिला कार्यालय के जिम्मेदार एमआईएस सीनियर मैनेजर संदीप कुमार का कहना है कि वह जिले के सभी संचालित केंद्रों की स्थिति पर नजर रखते हैं. लखनऊ स्थित मिशन के कार्यालय से सामंजस्य रखकर सभी केंद्रों के साथ तालमेल रखना और आवश्यक दिशानिर्देशों पर अमल कराना है. संदीप कुमार का कहना है कि 2014 में जब इन केंद्रों की स्थापना हुई थी तो काफी कुछ ठीक था. कुछ समय बाद धीरे-धीरे जहां केंद्रों की संख्या बढ़ी वहां दिक्कते भी अधिक हो गई.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर: दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिरोही के पार्थिव शरीर का दर्शन करने पहुंचे सीएम योगी

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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