बुलंदशहर: जिले में 3 दिसम्बर 2018 को हुई हिंसा के मामले में आरोपी शिखर अग्रवाल का नाम फिर एक बार सुर्खियों में है. आरोपी शिखर अग्रवाल को निषाद पार्टी ने प्रदेश का महासचिव बनाया है. शिखर पर हिंसा भड़काने समेत कई धाराओं में मामले चल रहे हैं. पूर्व में सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार की जब शिखर को जिम्मेदारी मिली थी, तो कई विपक्षी पार्टियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
स्याना इलाके में हुई थी हिंसा
3 दिसंबर 2018 को स्याना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत चिंगरावटी पुलिस चौकी पर हिंसा हुई थी. इस मामले में हिंसा के आरोपी रहे शिखर अग्रवाल को अब नया ठिकाना मिल गया है. दरअसल, पिछले महीने प्रधानमंत्री की जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान से शिखर को जोड़ा गया था. लेकिन तब विपक्ष ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देनी शुरू की, तो शिखर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. अब एक बार फिर 2018 में बुलंदशहर में हुई बहुचर्चित हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल को निषाद पार्टी ने प्रदेश का महासचिव बना दिया है.
शिखर अग्रवाल पर कई मुकदमें लंबित
शिखर अग्रवाल पर स्याना हिंसा को भड़काने से लेकर, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा अभी कोर्ट में लंबित हैं. हालांकि हिंसा के बाद शिखर पर भी एनएसए लगाया गया था, लेकिन जांच के बाद एनएसए को हटा दिया गया था. शिखर अग्रवाल जिला जेल से जमानत पर बाहर आए, लेकिन लगातार किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. जेल से निकलने पर फूल मालाओं से स्वागत और नारे लगाने पर भी शिखर सुर्खियों में आये थे. प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना समिति के कार्यकर्ताओं ने शिखर से किनारा करते हुए, विपक्ष के हमलों से बचने के लिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.