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बुलंदशहर: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 80 दिन में दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई गई सजा

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 25 जून को चंद्रपाल नाम के युवक ने घर में सो रही बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म की शिकार पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए बुलंदशहर पुलिस ने 25 जून को एफआईआर दर्ज की. एफआईआर दर्ज किए जाने के 80 दिन बाद आरोपी को कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई है.

बुलंदशहर कोर्ट
बुलंदशहर कोर्ट
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Published : Sep 16, 2020, 12:46 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना के मामले में आरोपी को 80 दिन में सजा सुनाई गई है. पुलिस की ओर से की गई प्रभावी पैरवी पर न्यायालय की ओर से आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है. विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 80 दिन की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने दी जानकारी.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि न्यायाधीश एडीजे पंचम विरेंद्र कुमार के न्यायालय में यह मामला चल रहा था. इसमें सीओ डिबाई वंदना शर्मा ने खुद प्रत्येक तारीख पर पैरवी की थी. उन्होंने बताया कि चाचा के घर में सो रही नाबालिग को दूसरे गांव का एक व्यक्ति उठाकर ले गया और उसके साथ हैवानियत की. बाद में पीड़िता ने आरोपी को पहचान लिया. 25 जून को यह घटना हुई थी. 3 जुलाई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी और 24 दिन तक इस मामले में कोर्ट में ट्रायल भी चला.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में आरोपी चंद्रपाल को 20 साल की सजा और 50000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है. वहीं विवेचना में शामिल दोनों आरक्षियों को पांच-पांच हजार के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है.

बता दें कि पूरे प्रकरण में कोरोना काल के चलते कोर्ट की बंदी के बावजूद निरंतर मॉनिटरिंग करते हुए प्रत्येक तारीख पर क्षेत्राधिकारी डिबाई वंदना शर्मा द्वारा व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर गवाहों के बयान दर्ज कराए गए. साथ ही अभियोजन की कार्रवाई सम्पन्न कराने पर सीओ डिबाई को भी अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन से पत्र के माध्यम से सम्म्मनित करने की घोषणा की गई है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: प्रतीक्षारत आठ आईएएस अफसरों को मिली नई तैनाती

बुलंदशहर: जिले में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना के मामले में आरोपी को 80 दिन में सजा सुनाई गई है. पुलिस की ओर से की गई प्रभावी पैरवी पर न्यायालय की ओर से आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है. विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 80 दिन की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने दी जानकारी.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि न्यायाधीश एडीजे पंचम विरेंद्र कुमार के न्यायालय में यह मामला चल रहा था. इसमें सीओ डिबाई वंदना शर्मा ने खुद प्रत्येक तारीख पर पैरवी की थी. उन्होंने बताया कि चाचा के घर में सो रही नाबालिग को दूसरे गांव का एक व्यक्ति उठाकर ले गया और उसके साथ हैवानियत की. बाद में पीड़िता ने आरोपी को पहचान लिया. 25 जून को यह घटना हुई थी. 3 जुलाई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी और 24 दिन तक इस मामले में कोर्ट में ट्रायल भी चला.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में आरोपी चंद्रपाल को 20 साल की सजा और 50000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है. वहीं विवेचना में शामिल दोनों आरक्षियों को पांच-पांच हजार के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है.

बता दें कि पूरे प्रकरण में कोरोना काल के चलते कोर्ट की बंदी के बावजूद निरंतर मॉनिटरिंग करते हुए प्रत्येक तारीख पर क्षेत्राधिकारी डिबाई वंदना शर्मा द्वारा व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर गवाहों के बयान दर्ज कराए गए. साथ ही अभियोजन की कार्रवाई सम्पन्न कराने पर सीओ डिबाई को भी अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन से पत्र के माध्यम से सम्म्मनित करने की घोषणा की गई है.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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