फर्रुखाबादः बिजनौर से शुरू हुई गंगा यात्रा बुधवार को शहर पहुंचेगी. इसके लिए शहर के पांचाल घाट की तीन नंबर सीढ़ी पर गंगा आरती और दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया है, लेकिन पांचाल घाट के ठीक सामने दो नाले गंगा में सीधे गिर रहे हैं. इससे गंगा के दूषित पानी में आरती और दीपदान किया जाएगा. वहीं एसडीएम सदर ने अपना बचाव करते हुए बताया कि नालों को बंद करा दिया गया है. कुछ पानी ओवरफ्लो होकर आ रहा है. उसे नगर पालिका द्वारा ट्रीटमेंट कराया जा रहा है, अभी इसकी डिटेल नहीं है.
कई दिनों से तैयारियों में जुटा प्रशासन
जिला प्रशासन पिछले दस दिनों से गंगा यात्रा की तैयारियों को लेकर जुटा हुआ है. कार्यक्रम के अनुसार, बुधवार को गंगा आरती और दीपदान किया जाना है. इसके बाद गुरुवार को सुबह यज्ञ और गंगा पूजन होगा, लेकिन घाट के ठीक सामने गंगा तट पर दो नाले सीधे नदी में गिर रहे हैं.
धीमरपुरा नाले से गंदगी और छपाई कारखानों से आ रहा केमिकल युक्त पानी गंगा में गिर रहा है, तो वहीं भैरवघाट के नालों का पानी गंगा में आ रहा है. नगरपालिका द्वारा नाला बंद कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
गंगा को प्रदूषित कर रहा कारखानों का पानी
विगत पांच साल से नमामि-गंगे और गंगा-स्वच्छता अभियान के ढोल पीटे जा रहे हैं. इसके बावजूद लाखों लीटर गंदगी और छपाई कारखानों से निकलने वाला केमिकल युक्त रंगीन पानी लगातार गंगा को प्रदूषित कर रहा है.
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नहीं शुरू हो सका काम
213 करोड़ रुपये की परियोजना के अंर्तगत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भैरोघाट पर 28 एमएलडी, बरगदिया घाट पर दो व फतेहगढ़ में पांच एमएलडी के प्लांट का टेंडर हो गया है. कार्यदायी संस्था एस्सेल इन्फांस्ट्रकचर प्राइवेट लिमिटेड को ठेका हो गया है. जानकारी के मुताबिक परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के सापेक्ष 39 किसानों को मुआवजा देने के लिए 18 करोड़ रुपये की धनराशि जारी हो गई थी. इसके बावजूद भी काम नहीं शुरू हो सका है.