बिजनौर: स्वास्थ्य विभाग से चंद कदमों की दूरी पर शहर के बीचोंबीच फर्जी नर्सिंग होम धड़ल्ले से चल रहा था. जिला अधिकारी के आदेश पर प्लस केयर नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग और एसडीएम ने छापा मारा. अस्पताल के डॉक्टर और नोडल अफसर में जमकर नोकझोंक भी हुई. स्वास्थ्य विभाग को निजी अस्पताल का स्टाफ जरूरी कागजात नहीं दिखा पाया. हॉस्पिटल संचालक बिना रजिस्ट्रेशन के महीनों से हॉस्पिटल चला रहा था. नोडल अफसर और एसडीएम ने हॉस्पिटल को सील कर दिया है. हॉस्पिटल में भर्ती सभी 10 मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. हॉस्पिटल के डॉक्टर ने नोडल अफसर डॉ. एसके निगम पर रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है.
जिले में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से शहर के बीचों-बीच बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी हॉस्पिटल धड़ल्ले से चल रहा था. लोगों द्वारा प्लस केयर हॉस्पिटल की शिकायत जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय से की गई थी. जिला अधिकारी के आदेश पर शनिवार शाम स्वास्थ्य विभाग के नोडल अफसर डॉ. एसके निगम और एसडीएम सदर ब्रजेश कुमार ने छापा मारा, तो फर्जी नर्सिंग होम की पोल खुल गई. स्वास्थ्य विभाग के अफसर और एसडीएम ने अस्पताल संचालक से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मांगा, तो अस्पताल के डॉ. राजेश छापा मारने आई टीम से भिड़ गए. दोनों पक्षो में जमकर नोकझोंक हुई.
फर्जी नरसिंग होम में ICU की सुविधा
अस्पताल संचालक एसडीएम सदर को रजिस्ट्रेशन नहीं दिखा पाए. अस्पताल को सील कर दिया गया है. साथ ही भर्ती 10 मरीजों को रेफर कर दिया गया. ये नर्सिंग होम बिना रजिस्ट्रेशन, बिना मेडिकल स्टोर लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहा था. इस फर्जी नरसिंग होम में बाकायदा ICU भी था, जिसमें मरीजों को भर्ती किया गया था.
पहले भी हुई थी छापेमारी
वहीं छापा मारने गए नोडल अफसर एसके निगम का कहना है कि यह छापा जिला अधिकारी के आदेश पर मारा गया है. बिना रजिस्ट्रेशन के निजी हॉस्पिटल संचालित हो रहा था, जिसको सील करा दिया गया है. नोडल अफसर ने कुछ दिन पहले भी इस हॉस्पिटल पर छापा मारा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की थी.
रिश्वत मांगने का आरोप
इस मामले में प्लस केयर अस्पताल के डॉक्टर राजेश का कहना है कि हमने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अप्लाई किया हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया है कि हमसे रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर 2 लाख रुपये मांगे गए थे. हमने रिश्वत नहीं दी, तो नोडल अफसर ने एसडीएम के साथ मिलकर छापा मार दिया और हमारा अस्पताल सील कर दिया है.
बिजनौर: निजी अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी - बिजनौर समाचार
यूपी के बिजनौर में एक नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग और एसडीएम ने छापेमारी की. अस्पताल के डॉक्टर और नोडल अफसर में जमकर नोकझोंक भी हुई. बिना रजिस्ट्रेशन के महीनों से हॉस्पिटल चल रहा था. नोडल अफसर और एसडीएम ने हॉस्पिटल को सील कर दिया है. हॉस्पिटल संचालक ने टीम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है.
बिजनौर: स्वास्थ्य विभाग से चंद कदमों की दूरी पर शहर के बीचोंबीच फर्जी नर्सिंग होम धड़ल्ले से चल रहा था. जिला अधिकारी के आदेश पर प्लस केयर नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग और एसडीएम ने छापा मारा. अस्पताल के डॉक्टर और नोडल अफसर में जमकर नोकझोंक भी हुई. स्वास्थ्य विभाग को निजी अस्पताल का स्टाफ जरूरी कागजात नहीं दिखा पाया. हॉस्पिटल संचालक बिना रजिस्ट्रेशन के महीनों से हॉस्पिटल चला रहा था. नोडल अफसर और एसडीएम ने हॉस्पिटल को सील कर दिया है. हॉस्पिटल में भर्ती सभी 10 मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. हॉस्पिटल के डॉक्टर ने नोडल अफसर डॉ. एसके निगम पर रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है.
जिले में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से शहर के बीचों-बीच बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी हॉस्पिटल धड़ल्ले से चल रहा था. लोगों द्वारा प्लस केयर हॉस्पिटल की शिकायत जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय से की गई थी. जिला अधिकारी के आदेश पर शनिवार शाम स्वास्थ्य विभाग के नोडल अफसर डॉ. एसके निगम और एसडीएम सदर ब्रजेश कुमार ने छापा मारा, तो फर्जी नर्सिंग होम की पोल खुल गई. स्वास्थ्य विभाग के अफसर और एसडीएम ने अस्पताल संचालक से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मांगा, तो अस्पताल के डॉ. राजेश छापा मारने आई टीम से भिड़ गए. दोनों पक्षो में जमकर नोकझोंक हुई.
फर्जी नरसिंग होम में ICU की सुविधा
अस्पताल संचालक एसडीएम सदर को रजिस्ट्रेशन नहीं दिखा पाए. अस्पताल को सील कर दिया गया है. साथ ही भर्ती 10 मरीजों को रेफर कर दिया गया. ये नर्सिंग होम बिना रजिस्ट्रेशन, बिना मेडिकल स्टोर लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहा था. इस फर्जी नरसिंग होम में बाकायदा ICU भी था, जिसमें मरीजों को भर्ती किया गया था.
पहले भी हुई थी छापेमारी
वहीं छापा मारने गए नोडल अफसर एसके निगम का कहना है कि यह छापा जिला अधिकारी के आदेश पर मारा गया है. बिना रजिस्ट्रेशन के निजी हॉस्पिटल संचालित हो रहा था, जिसको सील करा दिया गया है. नोडल अफसर ने कुछ दिन पहले भी इस हॉस्पिटल पर छापा मारा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की थी.
रिश्वत मांगने का आरोप
इस मामले में प्लस केयर अस्पताल के डॉक्टर राजेश का कहना है कि हमने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अप्लाई किया हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया है कि हमसे रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर 2 लाख रुपये मांगे गए थे. हमने रिश्वत नहीं दी, तो नोडल अफसर ने एसडीएम के साथ मिलकर छापा मार दिया और हमारा अस्पताल सील कर दिया है.