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बस्ती: उफान पर सरयू, दो नावों के सहारे ग्रामीणों का जीवन - बस्ती में लगातार हो रही बारिश

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में लगातार हो रही बारिश से सरयू का जलस्तर बढ़ने लगा है. ऐसे में तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है. वहीं तटबंध विहीन गांवों में दहशत का माहौल है.

बस्ती में लगातार बारिश से गांव में घुसा पानी
बस्ती में लगातार बारिश से गांव में घुसा पानी
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Published : Jul 19, 2020, 4:32 PM IST

बस्ती: सरयू नदी का जलस्तर घटने-बढ़ने के कारण माझा क्षेत्र में कटान शुरू हो गई है. एक हफ्ते से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इस समय नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. ऐसे में तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है. वहीं तटबंध विहीन गांवों में दहशत का माहौल है.

पानी भरने से ग्रामीणों में दहशत
दुबौलिया ब्लॉक के बाघानाला और भरथापुर के निकट नदी के किनारे कटान शुरू हो गया है. सुविखा बाबू गांव में नदी गांव के करार से सट कर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है. नदी का तेजी से बढ़ता जलस्तर देखकर ग्रामीण दहशत में हैं. पिछले साल आई बाढ़ का जख्म अभी भरा नहीं कि फिर बाढ़ की भयावह स्थिति बनती जा रही है. गांव में पानी भरने से ग्रामीणों को नाव का ही सहारा है. अति संवेदनशील तटबंध कटरिया चांदपुर और गौरा सैफाबाद पर नदी का दबाव तेजी से बना हुआ है.

बस्ती में लगातार बारिश से गांव में घुसा पानी

गांव में संक्रमण फैलने का डर
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ खण्ड की लापरवाही से कटान नहीं रुक रही है. अब तो घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ऊपर खतरा मंडरा रहा है और प्रशासन की तरफ से अभी तक दो नावों के अलावा कुछ भी व्यवस्था नहीं की गयी है. गांव में संक्रमण फैलने का डर है, लेकिन अभी तक ग्राम प्रधान और प्रशासन की तरफ से कोई भी दवा का छिड़काव नहीं हुआ है. पशुपालकों के सामने भी चारे का संकट खड़ा हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लगभग 65 घरों के लोगों के लिए एक मात्र सहारा नाव ही रह गया है. तटबंध से गांव की दूरी तीन किलोमीटर है, ग्रामीणों का कहना है कि हर साल गांव वालों को आने-जाने के लिए नाव लगाई जाती हैं.

राशन की व्यवस्था
इस बाबत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि बाढ़ क्षेत्र के गांव की लगातार निगरानी की जा रही है. जो गांव पानी से घिरे हैं वहां नाव की व्यवस्था की गई है. जहां पर लोगों को राशन की समस्या है, वहां पर राशन की व्यवस्था की जा रही है.

बस्ती: सरयू नदी का जलस्तर घटने-बढ़ने के कारण माझा क्षेत्र में कटान शुरू हो गई है. एक हफ्ते से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इस समय नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. ऐसे में तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है. वहीं तटबंध विहीन गांवों में दहशत का माहौल है.

पानी भरने से ग्रामीणों में दहशत
दुबौलिया ब्लॉक के बाघानाला और भरथापुर के निकट नदी के किनारे कटान शुरू हो गया है. सुविखा बाबू गांव में नदी गांव के करार से सट कर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है. नदी का तेजी से बढ़ता जलस्तर देखकर ग्रामीण दहशत में हैं. पिछले साल आई बाढ़ का जख्म अभी भरा नहीं कि फिर बाढ़ की भयावह स्थिति बनती जा रही है. गांव में पानी भरने से ग्रामीणों को नाव का ही सहारा है. अति संवेदनशील तटबंध कटरिया चांदपुर और गौरा सैफाबाद पर नदी का दबाव तेजी से बना हुआ है.

बस्ती में लगातार बारिश से गांव में घुसा पानी

गांव में संक्रमण फैलने का डर
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ खण्ड की लापरवाही से कटान नहीं रुक रही है. अब तो घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ऊपर खतरा मंडरा रहा है और प्रशासन की तरफ से अभी तक दो नावों के अलावा कुछ भी व्यवस्था नहीं की गयी है. गांव में संक्रमण फैलने का डर है, लेकिन अभी तक ग्राम प्रधान और प्रशासन की तरफ से कोई भी दवा का छिड़काव नहीं हुआ है. पशुपालकों के सामने भी चारे का संकट खड़ा हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लगभग 65 घरों के लोगों के लिए एक मात्र सहारा नाव ही रह गया है. तटबंध से गांव की दूरी तीन किलोमीटर है, ग्रामीणों का कहना है कि हर साल गांव वालों को आने-जाने के लिए नाव लगाई जाती हैं.

राशन की व्यवस्था
इस बाबत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि बाढ़ क्षेत्र के गांव की लगातार निगरानी की जा रही है. जो गांव पानी से घिरे हैं वहां नाव की व्यवस्था की गई है. जहां पर लोगों को राशन की समस्या है, वहां पर राशन की व्यवस्था की जा रही है.

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