बस्ती: बस्ती जनपद की सबसे हॉट सीट हर्रैया में दो क्षेत्रिय नेता एक-दूसरे के सामने हैं और दोनों में अब वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है. दोनों नेता विधायक बनने के लिए हिंसक होने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. इसी क्रम जनपद के परशुरामपुर थाना क्षेत्र इलाके में बसपा के उम्मीदवार व तीन बार के पूर्व मंत्री रहे राजकिशोर सिंह अपने कार्यालय पर बैठे थे तभी भाजपा के विधायक अजय सिंह अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और उन पर हमला बोल दिए. इस दौरान दोनों भी ओर से जमकर हाथापाई के साथ ही समर्थकों की ओर से लाठी डंडों, ईट पत्थरों से एक-दूसरे पर हमले किए. वहीं, लग्जरी गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई. घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ने बीच बचाव करने की कोशिश की तो इस घटना में थाना प्रभारी के साथ ही एक सिपाही जख्मी हो गया. इस हिंसक झड़प में दोनो नेताओं के कई समर्थक भी घायल हुए हैं.
बसपा के राजकिशोर सिंह का हर्रैया विधानसभा सीट कब्जा हुआ करता था और वो यहां से तीन बार चुनाव भी जीते लेकिन पिछले मोदी लहर में उन्हें भाजपा के अजय सिंह के हाथों पराजय का मुंह देखना पड़ा. वहीं, राजकिशोर सिंह की छवि एक बड़े क्षत्रिय नेता की है, जिनका पूर्वांचल में बोलबाला है. लेकिन भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे विधायक अजय सिंह भी खुद को क्षत्रियों का बड़ा नेता मनवाने में लगे रहते हैं.
शायद यही वजह है कि दोनों नेता एक-दूसरे पर जुबानी हमलों के साथ ही अब हिंसक झड़प पर आमादा हो गए हैं. परशुरामपुर में अजय सिंह और राजकिशोर सिंह के बीच हुई तकरार के बाद अब जुबानी हमले भी तेज हो गए हैं. इन दोनों क्षत्रिय नेताओं के बीच हुई मारपीट का मजा अब सपा प्रत्याशी त्रयंबक पाठक ले रहे हैं.
इस पूरे मामले में भाजपा प्रत्याशी व विधायक अजय सिंह ने कहा कि हम गांधीजी के सिद्धांतों पर चलते हैं. मगर कोई एक गाल पर बदनीयती से मारेगा तो हम उसका मुहतोड़ जवाब देते हुए उसके दोनों गालों पर मारेंगे. वहीं, बसपा प्रत्याशी राजकिशोर सिंह ने कहा कि वो अपनी हार से बौखला गए हैं. उन्हे आज ही आभाष हो गया है कि वो हार रहे हैं. इसलिए अब चुनाव की दिशा मोड़ने के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
वहीं, इसे पूरे मामले पर सपा प्रत्याशी व क्षेत्र के बड़े ब्राह्मण नेता त्रयंबकनाथ पाठक ने कहा कि बीती रात बसपा प्रत्याशी राजकिशोर सिंह और भाजपा प्रत्याशी अजय सिंह के बीच जिस तरह से मारपीट व हिंसक तकरार हुई उससे साफ है कि दोनों धनबल की ताकत दिखा रहे हैं. साथ ही दोनों पैसे बांटने को लेकर आपस में लड़ झगड़ रहे हैं. ये दोनों ही नेता वोटरों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.
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