बस्ती: जनपद के गौर ब्लॉक के चनईपुर गांव में सड़क निर्णाण में हुए घोटाले की ऑडिट जांच के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी पिछले 1 साल से कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं. जिस वजह से शिकायतकर्ता प्रवेश पांडेय ने थक-हार कर प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखा और दोषी प्रधान व सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बस्ती : बिना निर्माण के ही गबन किए लाखों रुपये, शिकायतकर्ता ने पीएमओ को लिखा पत्र - budget scam in village of basti
बस्ती जिले के गौर ब्लॉक के चनईपुर गांव में बिना सड़क निर्माण के लाखों रुपये गबन का मामला सामने आया था. जिसमें शिकायतकर्ता ने गांव के दोषी प्रधान व सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने मामले में कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखा.
शिकायतकर्ता, प्रवेश पांडेय
बस्ती: जनपद के गौर ब्लॉक के चनईपुर गांव में सड़क निर्णाण में हुए घोटाले की ऑडिट जांच के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी पिछले 1 साल से कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं. जिस वजह से शिकायतकर्ता प्रवेश पांडेय ने थक-हार कर प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखा और दोषी प्रधान व सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, जिले में बिन काम के लाखों रुपये गबन की शिकायत की गई थी. जिसमें एक ऑडिट टीम इस गांव में जांच करने पहुंची थी और बिना काम कराए भुगतान कराए जाने की शिकायत को सही पाया था, जिसमें साढ़े 4 लाख की रिकवरी की रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी गई थी. इन सबके बावजूद इस जांच पर कार्रवाई करने के बजाय जिम्मेदारों ने फिर से जांच कराने के लिए टीम गठित किया और 1 साल तक जिला प्रशासन की जांच पूरी ही नहीं हो पा रही है. जिस वजह से मामला अधर में लटका हुआ है.
सरकारी धन गबन करने वाले प्रधान और सेक्रेटरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही. शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस गांव में बिना सड़क बनाए ही लाखों का भुगतान हो गया है. बल्कि वहां पर फसल लहलहा रही है और कागजों में प्रधान ने सड़क बना दिया और जिम्मेदारों ने उस पर लाखों का भुगतान भी कर दिया. ऐसी एक दो नहीं बल्कि कई सड़के हैं जिसको बिना बनाए ही प्रधान ने भुगतान करा लिया है. मगर जिम्मेदार इस मामले में एक जांच रिपोर्ट को सही मानने के बजाय उस जांच रिपोर्ट की भी जांच कराने पर तुले हुए हैं और घोटालेबाज प्रधान को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
दरअसल, जिले में बिन काम के लाखों रुपये गबन की शिकायत की गई थी. जिसमें एक ऑडिट टीम इस गांव में जांच करने पहुंची थी और बिना काम कराए भुगतान कराए जाने की शिकायत को सही पाया था, जिसमें साढ़े 4 लाख की रिकवरी की रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी गई थी. इन सबके बावजूद इस जांच पर कार्रवाई करने के बजाय जिम्मेदारों ने फिर से जांच कराने के लिए टीम गठित किया और 1 साल तक जिला प्रशासन की जांच पूरी ही नहीं हो पा रही है. जिस वजह से मामला अधर में लटका हुआ है.
सरकारी धन गबन करने वाले प्रधान और सेक्रेटरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही. शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस गांव में बिना सड़क बनाए ही लाखों का भुगतान हो गया है. बल्कि वहां पर फसल लहलहा रही है और कागजों में प्रधान ने सड़क बना दिया और जिम्मेदारों ने उस पर लाखों का भुगतान भी कर दिया. ऐसी एक दो नहीं बल्कि कई सड़के हैं जिसको बिना बनाए ही प्रधान ने भुगतान करा लिया है. मगर जिम्मेदार इस मामले में एक जांच रिपोर्ट को सही मानने के बजाय उस जांच रिपोर्ट की भी जांच कराने पर तुले हुए हैं और घोटालेबाज प्रधान को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
Last Updated : Sep 18, 2020, 1:46 PM IST