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दूसरों के सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहीं दो टीचर बर्खास्त, बीएसए ने वेतन रिकवरी के दिए निर्देश

फर्जी दस्तावेजों की मदद से दो शिक्षिकाएं कई साल से नौकरी कर रहीं थी. मामले सामने आने पर बीएसए ने दोनों को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही वेतन रिकवरी का आदेश दिया गया है.

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Published : Dec 21, 2022, 9:34 AM IST

बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि फर्जी शिक्षिकाओं को बर्खास्त किया गया है.

बस्तीः जिले में दूसरे के दस्वेजों पर दो शिक्षिकाएं नौकर कर रहीं थी. मामले की जानकारी होने पर दोनों शिक्षिकाओं को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है. दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वेतन वसूल का निर्देश दिया गया है.

सहायक अध्यापिका अनीता सिंह सन 1994 से नौकरी कर रही हैं. वह मौजूदा समय में प्राथमिक विद्यालय दासिया में टीचर थी. खंड शिक्षा अधिकारी ने जब पैरोल माड्यूल पर इनका डेटा अपलोड किया, तो फरीजीवाड़े का खुलासा हुआ. जांच में पता चला की असली टीचर अनीता सिंह मऊ जिले के ख्वाजा जहांपुर में टीचर हैं. हाई स्कूल के अंकपत्र की जांच में प्रकाश में आया कि वास्तविक अनीता सिंह मऊ में पढ़ा रही हैं और उनकी जगह पर फर्जी टीचर अनीता सिंह बस्ती में पढ़ा रही हैं.

वहीं, दूसरी फर्जी टीचर प्रेमलता सिंह 1997 से पढ़ा रही हैं. इस समय वह प्राथमिक विद्यालय महुआ डाबर में प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात थी. इनके खिलाफ गोरखपुर में सहायक अध्यापिका असली टीचर प्रेमलता सिंह ने शिकायत की थी. असली प्रेमलता सिंह के अभिलेख और पैन कार्ड का दुरुपयोग करते हुए बस्ती की प्रेमलता ने नौकरी हथिया ली थी. शिकायत पर जब विभागीय जांच शुरू हुई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि जांच में दोनों टीचर फर्जी अभिलेख से वर्षों से नौकरी कर रही थी. जांच रिपोर्ट के बाद दोनों टीचरों की सेवा समाप्त कर दी गई है. साथ ही मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया है और जो भी नौकरी के दौरान इन्होंने वेतन लिया है, उस की रिकवरी का भी आदेश दिया गया है.

पढ़ेंः बस्ती: पिता फर्जी प्रिंसिपल तो बेटा निकला फर्जी टीचर, एफआईआर दर्ज

बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि फर्जी शिक्षिकाओं को बर्खास्त किया गया है.

बस्तीः जिले में दूसरे के दस्वेजों पर दो शिक्षिकाएं नौकर कर रहीं थी. मामले की जानकारी होने पर दोनों शिक्षिकाओं को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है. दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वेतन वसूल का निर्देश दिया गया है.

सहायक अध्यापिका अनीता सिंह सन 1994 से नौकरी कर रही हैं. वह मौजूदा समय में प्राथमिक विद्यालय दासिया में टीचर थी. खंड शिक्षा अधिकारी ने जब पैरोल माड्यूल पर इनका डेटा अपलोड किया, तो फरीजीवाड़े का खुलासा हुआ. जांच में पता चला की असली टीचर अनीता सिंह मऊ जिले के ख्वाजा जहांपुर में टीचर हैं. हाई स्कूल के अंकपत्र की जांच में प्रकाश में आया कि वास्तविक अनीता सिंह मऊ में पढ़ा रही हैं और उनकी जगह पर फर्जी टीचर अनीता सिंह बस्ती में पढ़ा रही हैं.

वहीं, दूसरी फर्जी टीचर प्रेमलता सिंह 1997 से पढ़ा रही हैं. इस समय वह प्राथमिक विद्यालय महुआ डाबर में प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात थी. इनके खिलाफ गोरखपुर में सहायक अध्यापिका असली टीचर प्रेमलता सिंह ने शिकायत की थी. असली प्रेमलता सिंह के अभिलेख और पैन कार्ड का दुरुपयोग करते हुए बस्ती की प्रेमलता ने नौकरी हथिया ली थी. शिकायत पर जब विभागीय जांच शुरू हुई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि जांच में दोनों टीचर फर्जी अभिलेख से वर्षों से नौकरी कर रही थी. जांच रिपोर्ट के बाद दोनों टीचरों की सेवा समाप्त कर दी गई है. साथ ही मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया है और जो भी नौकरी के दौरान इन्होंने वेतन लिया है, उस की रिकवरी का भी आदेश दिया गया है.

पढ़ेंः बस्ती: पिता फर्जी प्रिंसिपल तो बेटा निकला फर्जी टीचर, एफआईआर दर्ज

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