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1.50 करोड़ की ठगी के आरोपी दबोचे, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

बस्ती जिले में बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. अभियुक्तों ने फर्जी वेबसाइट और ई-मेल के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है.

ऑनलाइन ठगी का खुलासा
ऑनलाइन ठगी का खुलासा
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Published : Jan 15, 2021, 5:36 PM IST

Updated : Jan 15, 2021, 6:17 PM IST

बस्ती: जिले की सदर कोतवाली पुलिस और साइबर सेल ने फर्जी वेबसाइट और ईमेल से करोड़ों की ठगी करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों के पास से बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और पासबुक बरामद हुए हैं. इस गैंग ने अब तक डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की है.

बेरोजगार युवकों को बनाते थे निशाना
कोतवाली पुलिस ने 6 जनवरी को साइबर ठगी के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जांच के दौरान पुलिस ने ऑनलाइन ठगी में शामिल रंजीत गुप्ता और रितेश कुमार को जिले के मूडघाट के तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया. ये बदमाश बेरोजगार युवकों को अपना निशाना बनाते थे. बेरोजगारों को कंपनी में नौकरी का झांसा देकर फर्जी खाता खुलवाते थे. वेरिफिकेशन के नाम पर उनसे आधार, एटीएम और पासबुक लेते थे. इसके बाद उनके खाते से पैसे खुद के खाते में ट्रांसफर कर लिया करते थे.

आरोपियों की पहचान बस्ती जिले के आवास विकास कॉलोनी कटा निवासी रंजीत गुप्ता और गोरखपुर जिले के कोतवाली क्षेत्र निवासी रितेश कुमार उर्फ रिक्की के रूप में हुई है. रंजीत गुप्ता कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर है. इसके खिलाफ साल 2017 से अब तक चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.

नौकरी का देते थे झांसा
पूछताछ में आरोपी रंजीत गुप्ता ने बताया कि गैंग के सदस्य लोगों का खाता खुलवाकर उनका आधार कार्ड, पासबुक, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि ले लेते थे. उसे बता देते थे कि उनकी कंपनी में उन्हें जॉब मिल जाएगी और खाते में कंपनी वेतन और कमीशन डालेगी. इसके लिए ये खाता संख्या, पैन कार्ड, आधार कार्ड सब कंपनी को देना है. ये सब जमा करने के बाद वेरिफिकेशन होगा. उसके बाद उनकी जॉब पक्की हो जाएगी.

रंजीत और रितेश बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर उनका खाता किसी भी बैंक में खुलवा देते थे. उन्हीं फोटो को लगाकर फर्जी आधार कार्ड और दूसरा खाता खुलवाते थे. गैंग के सदस्य बैंकों के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड का डाटा फर्जी वेबसाइट से संबद्ध कर देते थे. उसी डाटा के आधार पर वे दूसरे लोगों के खाते से रुपये उनके खुलवाए खातों में ट्रांसफर कर देते थे.

अन्य सदस्यों की तलाश जारी
पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी के इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है. पुलिस के अनुसार, इस गैंग के सदस्यों ने अभी तक कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की है. दोनों अभियुक्तों के पास से पांच फर्जी आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक वोटर आईडी, तीन एटीएम, एक पासबुक, एक चेकबुक, एक कार और 2500 रुपये नगद बरामद किए गए हैं.

बस्ती: जिले की सदर कोतवाली पुलिस और साइबर सेल ने फर्जी वेबसाइट और ईमेल से करोड़ों की ठगी करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों के पास से बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और पासबुक बरामद हुए हैं. इस गैंग ने अब तक डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की है.

बेरोजगार युवकों को बनाते थे निशाना
कोतवाली पुलिस ने 6 जनवरी को साइबर ठगी के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जांच के दौरान पुलिस ने ऑनलाइन ठगी में शामिल रंजीत गुप्ता और रितेश कुमार को जिले के मूडघाट के तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया. ये बदमाश बेरोजगार युवकों को अपना निशाना बनाते थे. बेरोजगारों को कंपनी में नौकरी का झांसा देकर फर्जी खाता खुलवाते थे. वेरिफिकेशन के नाम पर उनसे आधार, एटीएम और पासबुक लेते थे. इसके बाद उनके खाते से पैसे खुद के खाते में ट्रांसफर कर लिया करते थे.

आरोपियों की पहचान बस्ती जिले के आवास विकास कॉलोनी कटा निवासी रंजीत गुप्ता और गोरखपुर जिले के कोतवाली क्षेत्र निवासी रितेश कुमार उर्फ रिक्की के रूप में हुई है. रंजीत गुप्ता कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर है. इसके खिलाफ साल 2017 से अब तक चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.

नौकरी का देते थे झांसा
पूछताछ में आरोपी रंजीत गुप्ता ने बताया कि गैंग के सदस्य लोगों का खाता खुलवाकर उनका आधार कार्ड, पासबुक, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि ले लेते थे. उसे बता देते थे कि उनकी कंपनी में उन्हें जॉब मिल जाएगी और खाते में कंपनी वेतन और कमीशन डालेगी. इसके लिए ये खाता संख्या, पैन कार्ड, आधार कार्ड सब कंपनी को देना है. ये सब जमा करने के बाद वेरिफिकेशन होगा. उसके बाद उनकी जॉब पक्की हो जाएगी.

रंजीत और रितेश बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर उनका खाता किसी भी बैंक में खुलवा देते थे. उन्हीं फोटो को लगाकर फर्जी आधार कार्ड और दूसरा खाता खुलवाते थे. गैंग के सदस्य बैंकों के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड का डाटा फर्जी वेबसाइट से संबद्ध कर देते थे. उसी डाटा के आधार पर वे दूसरे लोगों के खाते से रुपये उनके खुलवाए खातों में ट्रांसफर कर देते थे.

अन्य सदस्यों की तलाश जारी
पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी के इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है. पुलिस के अनुसार, इस गैंग के सदस्यों ने अभी तक कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की है. दोनों अभियुक्तों के पास से पांच फर्जी आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक वोटर आईडी, तीन एटीएम, एक पासबुक, एक चेकबुक, एक कार और 2500 रुपये नगद बरामद किए गए हैं.

Last Updated : Jan 15, 2021, 6:17 PM IST
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