बस्ती: पूरा जिला दो वर्ष पहले ही ओडीएफ घोषित हो गया था. ये बात अलग है कि जिले के सरकारी स्कूलों में अभी तक शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है और छात्र-छात्राएं खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
जिले के विक्रमजोत विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय अमोढ़ा में शौचालय की स्थिति इस तरह खस्ताहाल है कि कोई भी स्कूली छात्र उसमें जाने से डरता है. कई महीनों से शौचालय की सफाई नहीं हो पाई है. पानी की टंकी लगी है, लेकिन पानी का कनेक्शन नहीं है.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक अनिल तिवारी के मुताबिक इस प्राथमिक विद्यालय में सब व्यवस्था एकदम ठीक है. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी आ नहीं रहा है, लेकिन उसे बुलवाकर सफाई करवा देंगे. प्रधानाध्यापक का कहना है कि बच्चों को सफाई रखने और खुले में शौच न जाने की जानकारी दी जाती है, लेकिन वो ये नहीं बता पाए कि जब शौचालय का हाल बेहाल है, तो वो जाएं कहां. बड़ी बात ये भी है कि जब बच्चे बाहर शौच जाते हैं तो उनकी सुरक्षा पर भी सवाल उठता है कि स्कूल की छात्राएं कैसे सुरक्षित रहेंगी.
बाहर शौच करने को मजबूर छात्र
स्कूल के जब छात्रों से बातचीत की गई तो छात्रों ने कहा कि शौचालय खराब है और वह प्रयोग लायक नहीं है, इसलिए हम लोगों को बाहर खुले में शौच जाना पड़ता है. अब सवाल यह है कि जहां प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को हर सुविधा मुहैया कराने का दावा किया जाता है, वहीं इन बच्चों को खुले में शौच भेजा जा रहा है.
3 सालों से इस विद्यालय के शौचालय का है ऐसा हाल
यह कार्यक्रम 3 सालों से चल रहा है. अगर दुर्भाग्यवश किसी छात्र के साथ कोई घटना घटती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने इस मामले को लेकर कहा कि यह गम्भीर बात है कि बच्चे खुले में शौच जा रहे हैं. हम इसकी जांच कराकर जल्द ही व्यवस्था भी करेंगे और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई भी करेंगे.
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