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शर्मनाक: कलम के बजाय बच्चों के हाथों में थमा दी झाड़ू, क्या होगा मासूमों का भविष्य?

उत्तर प्रदेश के बस्ती से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या है हमारे देश के मासूमों का भविष्य. जिले के एक प्राथमिक विद्यालय पर बच्चों को शिक्षा देने के बजाए उनसे साफ-सफाई करवाई जा रही है.

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क्या है इन मासूमों का भविष्य.
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Published : Jan 25, 2020, 1:43 PM IST

बस्ती: जिस उम्र में बच्चों के हाथ में कलम किताब होनी चाहिए, जिस उम्र में उन्हें शिक्षा लेनी चाहिए...उस उम्र में उन्हें अगर झाड़ू पोछा थमा दिया जाए तो उन मासूमों का भविष्य क्या होगा? सरकार गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए हर समय दावे करती रहती है, लेकिन बस्ती के हरैया तहसील एरिया के बड़ हरकला प्राइमरी स्कूल के बच्चों की हालत ने उन सभी दावों की पोल खोलते हुए उन्हें खोखला साबित कर दिया है.

क्या है इन मासूमों का भविष्य.

स्कूल में बच्चे करते हैं साफ-सफाई
जी हां, इस प्राथमिक विद्यालय पर जब बच्चे आते हैं तो उन्हें स्कूल में झाड़ू-पोछा लगाने के लिए कहा जाता है. विद्यालय की प्रधानाचार्य रौब झाड़ते हुए पहले बच्चों से साफ-सफाई करवाती हैं, फिर उन्हें पढ़ने को मिलता है. पढ़ाई भी किस स्तर की...उसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा यहां के लापरवाह टीचरों को देख कर.

प्रधानाचार्य पहले करवाती है साफ-सफाई
जब इस मुद्दे पर विद्यालय की प्रधानाचार्य से ईटीवी संवाददाता ने बात करनी चाही तो उन्होंने वीडियो बनाने का विरोध करते हुए इस मामले पर ऐसा वाक्या कह डाला, जो कि हद से ज्यादा शर्मनाक था. प्रधानाचार्य का कहना था कि स्कूल में कोई सफाई कर्मचारी नहीं है तो सफाई बच्चों से नहीं कराएं तो किस से कराएं.

कर्मचारी नहीं तो बच्चों से करवाती हैं साफ-सफाई
मैडम जी के इस वाक्य ने बच्चों की दशा को हमारे सामने रख दिया. इस विद्यालय में मासूम बच्चों के भविष्य के साथ पढ़ाई के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है.वहीं अधिकारी तो बस कुर्सी पर बैठकर आराम फरमाते है...फिर चाहे बच्चों का भविष्य अंधकार में जाए, उनसे क्या...

क्या है इन बच्चों का भविष्य
मोटी सैलेरी लेकर लापरवाह शिक्षक सरेआम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. अब सवाल यह है कि क्या यही मुख्यमंत्री योगी का सुशासन है, जहां मासूम बच्चों के हाथ में कलम की जगह झाड़ू थमा दिया जाता है. चुनाव के समय तो जनता के सामने सरकार बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन जब बात शिक्षा के स्तर की होती है तो सरकार की खोखली राजनीति की पोल खुलकर सामने आती है.

एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा वीडियो को देखने के बाद आश्चर्यचकित हो गए और मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि एबीएसए से इस मामले में रिपोर्ट तलब किया गया है. स्पष्टीकरण मिलने के बाद दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बस्ती: जिस उम्र में बच्चों के हाथ में कलम किताब होनी चाहिए, जिस उम्र में उन्हें शिक्षा लेनी चाहिए...उस उम्र में उन्हें अगर झाड़ू पोछा थमा दिया जाए तो उन मासूमों का भविष्य क्या होगा? सरकार गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए हर समय दावे करती रहती है, लेकिन बस्ती के हरैया तहसील एरिया के बड़ हरकला प्राइमरी स्कूल के बच्चों की हालत ने उन सभी दावों की पोल खोलते हुए उन्हें खोखला साबित कर दिया है.

क्या है इन मासूमों का भविष्य.

स्कूल में बच्चे करते हैं साफ-सफाई
जी हां, इस प्राथमिक विद्यालय पर जब बच्चे आते हैं तो उन्हें स्कूल में झाड़ू-पोछा लगाने के लिए कहा जाता है. विद्यालय की प्रधानाचार्य रौब झाड़ते हुए पहले बच्चों से साफ-सफाई करवाती हैं, फिर उन्हें पढ़ने को मिलता है. पढ़ाई भी किस स्तर की...उसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा यहां के लापरवाह टीचरों को देख कर.

प्रधानाचार्य पहले करवाती है साफ-सफाई
जब इस मुद्दे पर विद्यालय की प्रधानाचार्य से ईटीवी संवाददाता ने बात करनी चाही तो उन्होंने वीडियो बनाने का विरोध करते हुए इस मामले पर ऐसा वाक्या कह डाला, जो कि हद से ज्यादा शर्मनाक था. प्रधानाचार्य का कहना था कि स्कूल में कोई सफाई कर्मचारी नहीं है तो सफाई बच्चों से नहीं कराएं तो किस से कराएं.

कर्मचारी नहीं तो बच्चों से करवाती हैं साफ-सफाई
मैडम जी के इस वाक्य ने बच्चों की दशा को हमारे सामने रख दिया. इस विद्यालय में मासूम बच्चों के भविष्य के साथ पढ़ाई के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है.वहीं अधिकारी तो बस कुर्सी पर बैठकर आराम फरमाते है...फिर चाहे बच्चों का भविष्य अंधकार में जाए, उनसे क्या...

क्या है इन बच्चों का भविष्य
मोटी सैलेरी लेकर लापरवाह शिक्षक सरेआम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. अब सवाल यह है कि क्या यही मुख्यमंत्री योगी का सुशासन है, जहां मासूम बच्चों के हाथ में कलम की जगह झाड़ू थमा दिया जाता है. चुनाव के समय तो जनता के सामने सरकार बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन जब बात शिक्षा के स्तर की होती है तो सरकार की खोखली राजनीति की पोल खुलकर सामने आती है.

एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा वीडियो को देखने के बाद आश्चर्यचकित हो गए और मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि एबीएसए से इस मामले में रिपोर्ट तलब किया गया है. स्पष्टीकरण मिलने के बाद दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो -9889557333

स्लग - शर्मनाक, हाथो में कलम के बजाय झाड़ू और पोछा

एंकर - उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में सरकार की योजनाओं का प्राथमिक विद्यालयो में पोल खुलकर सामने आ गया है। जिन हाथो में कलम और किताब होना चाहिए उन मासूम हाथो में झाड़ू और पोछा थमा दिया गया है। यहां मासूम बच्चों के भविष्य के साथ पढाई के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है, सरकार जहां एक तरफ गरीब मासूम बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए ढिंढोरा पिटती है वही दूसरी ओर सरकारी विद्यालय की इस स्थिति ने उन सभी दावों की पोल खोल दी है। अधिकारी तो बस कुर्सी पर बैठकर आराम फरमाते है फिर चाहे बच्चो का भविष्य अंधकार में जाए।

मामला बस्ती के हरैया तहसील एरिया के बड़ हरकला प्राइमरी स्कूल का है जंहा छोटे छोटे मासूम बच्चों को पढने के बजाए उनसे सफाई करवाई जाती है। स्कूल आते ही इन गरीब बच्चो के हाथो में गुरी जी के आदेश से झाड़ू और पोछा थमा दिया जाता है उसके बाद ही इन बच्चो को पढ़ने को मिलता है। इस मामले में जब विद्यालय की प्रधानाचार्य से बात की गई तो उन्होंने जो कहा वह तो और भी शर्मनाक है।


Body: उन्होंने वीडियो बनाने का विरोध किया और कहा कि स्कूल में कोई सफाई कर्मचारी नही है सफाई बच्चों से नही कराएं तो किस से कराएं। अब आप यही से अंदाज़ा लगा सकते है कि प्राइमरी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था किस कदर बद से बदतर है। मोटी सैलेरी लेकर लापरवाह शिक्षक सरेआम बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। जिस दौरान बच्चे स्कूल में झाड़ू लगा रहे थे तब प्रिंसिपल मोहतरमा बड़े ही आराम से उन्हें सफाई करते देख रही थी और अपने प्रिंसिपल होने का रौब झाड़ रही थी। क्या यही मुख्यमंत्री योगी का सुशासन है जंहा मासूम बच्चो के हाथ में कलम की जगह झाड़ू थमा दिया जाता है। चुनाव के समय तो जनता के सामने बड़े बड़े वादे करते है लेकिन जब बात शिक्षा के स्तर की आती है तो सरकार की खोखली राजनीति की पोलखुलकर सामने आती है।


Conclusion:वहीं एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा वीडियो को देखने के बाद आश्चर्यचकित हो गए और मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। कहां की एबीएसए से इस मामले में रिपोर्ट तलब किया गया है और स्पष्टीकरण मिलने के बाद दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बाइट - छात्र
बाइट - छात्रा
बाइट - प्रेम प्रकाश मीणा,,, SDM


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