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बस्ती: पिता के हत्यारों को नहीं मिली सजा, न्याय के लिए भटक रहे बेटे

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Published : Aug 18, 2020, 6:58 PM IST

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पिता की हत्या के बाद परिजन न्याय के लिए भटक रहे हैं. इस मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने 3 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है. इस पूरे मामले की जांच के लिए दूसरी टीम गठित कर दी गई है.

पिता की हत्या के बाद न्याय के लिए भटक रहे बच्चे
पिता की हत्या के बाद न्याय के लिए भटक रहे बच्चे

बस्ती: पिता की हत्या के बाद अब उनके बेटे न्याय के लिए पुलिस के आला अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. जमीन विवाद को लेकर बेटों के सामने ही पिता की हत्या कर दी गई थी. जब पुलिस की कार्रवाई की बारी आई तो पुलिस ने आरोपियों में से कुछ को पकड़ा लिया और कुछ को गिरफ्तार करने से कतरा रही है.

पिता की हत्या के बाद न्याय के लिए भटक रहे बच्चे

मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब वह हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए थानेदार के पास जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि संयोग था कि घटना हो गई अब आप सब्र करिए. जबकि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड, पूर्व जिला पंचायत सदस्य और बसपा नेता अवधेश यादव हैं, जो खुलेआम आज भी घूम रहे हैं. वह मृतक के परिजनों को मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहे हैं. बता दें कि इस मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने 3 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है और इस पूरे मामले की जांच के लिए दूसरी टीम गठित कर दी गई है.

पढ़ें पूरा मामला
जिले में लुंबिनी-दुद्धी मार्ग पर कलवारी थाना क्षेत्र स्थित सरयू नदी पर बने पुल के पास धोबहट गांव के राजेश यादव और जगदीश यादव के बीच खेत को लेकर विवाद चल रहा था. दोनों पक्ष उसमें अपनी-अपनी दावेदारी करते चले आ रहे थे. 4 दिन पहले की बात है, एक पक्ष ने खेत में बोई गई चरी को काट लिया. इसको लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद तनाव और बढ़ गया. रविवार को राजेश अपने भाई उमेश के साथ टांडा पुल के पास सरयू नदी में नहाने गए थे. लौटते समय पुल के पास जगदीश के साथ चार-पांच लोग मिल गए. दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई, जो बढ़कर मारपीट में तब्दील हो गई. जिसमें राजेश गंभीर रूप से घायल हो गया. शोरगुल होने पर राजेश के बेटे अम्बिका, भाई दिनेश और योगेन्द्र भी मौके पर पहुंच गए. दोनों पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में 6 लोग घायल हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने खून से लथपथ राजेश को जिला अस्पताल भेज दिया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घायलों में उमेश, अम्बिका, दिनेश, योगेन्द्र, जगदीश और चन्द्रहास शामिल हैं. एसपी हेमराज मीणा ने बताया इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि मृतक राजेश यादव तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. वह छोटे भाई दिनेश और उमेश के साथ खेती-बाड़ी करके परिवार संभालते थे. राजेश की छह संतानें हैं. चार बेटे बजरंग प्रसाद 22 वर्ष, अम्बिका 20 वर्ष, अरविन्द 14 वर्ष, विकास 11 वर्ष और बेटी कविता 19 वर्ष और दिव्या 17 वर्ष हैं.

बस्ती: पिता की हत्या के बाद अब उनके बेटे न्याय के लिए पुलिस के आला अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. जमीन विवाद को लेकर बेटों के सामने ही पिता की हत्या कर दी गई थी. जब पुलिस की कार्रवाई की बारी आई तो पुलिस ने आरोपियों में से कुछ को पकड़ा लिया और कुछ को गिरफ्तार करने से कतरा रही है.

पिता की हत्या के बाद न्याय के लिए भटक रहे बच्चे

मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब वह हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए थानेदार के पास जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि संयोग था कि घटना हो गई अब आप सब्र करिए. जबकि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड, पूर्व जिला पंचायत सदस्य और बसपा नेता अवधेश यादव हैं, जो खुलेआम आज भी घूम रहे हैं. वह मृतक के परिजनों को मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहे हैं. बता दें कि इस मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने 3 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है और इस पूरे मामले की जांच के लिए दूसरी टीम गठित कर दी गई है.

पढ़ें पूरा मामला
जिले में लुंबिनी-दुद्धी मार्ग पर कलवारी थाना क्षेत्र स्थित सरयू नदी पर बने पुल के पास धोबहट गांव के राजेश यादव और जगदीश यादव के बीच खेत को लेकर विवाद चल रहा था. दोनों पक्ष उसमें अपनी-अपनी दावेदारी करते चले आ रहे थे. 4 दिन पहले की बात है, एक पक्ष ने खेत में बोई गई चरी को काट लिया. इसको लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद तनाव और बढ़ गया. रविवार को राजेश अपने भाई उमेश के साथ टांडा पुल के पास सरयू नदी में नहाने गए थे. लौटते समय पुल के पास जगदीश के साथ चार-पांच लोग मिल गए. दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई, जो बढ़कर मारपीट में तब्दील हो गई. जिसमें राजेश गंभीर रूप से घायल हो गया. शोरगुल होने पर राजेश के बेटे अम्बिका, भाई दिनेश और योगेन्द्र भी मौके पर पहुंच गए. दोनों पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में 6 लोग घायल हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने खून से लथपथ राजेश को जिला अस्पताल भेज दिया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घायलों में उमेश, अम्बिका, दिनेश, योगेन्द्र, जगदीश और चन्द्रहास शामिल हैं. एसपी हेमराज मीणा ने बताया इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि मृतक राजेश यादव तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. वह छोटे भाई दिनेश और उमेश के साथ खेती-बाड़ी करके परिवार संभालते थे. राजेश की छह संतानें हैं. चार बेटे बजरंग प्रसाद 22 वर्ष, अम्बिका 20 वर्ष, अरविन्द 14 वर्ष, विकास 11 वर्ष और बेटी कविता 19 वर्ष और दिव्या 17 वर्ष हैं.

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