बस्ती: कृषि कानून के खिलाफ किसानों को जागरूक करने और इस कानून की कमियों को समझाने के लिए रालोद, भाकियू सहित बड़े किसान नेता अब पूर्वांचल की ओर अपना रुख कर रहे हैं. मंगलवार को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी रुधौली क्षेत्र में किसान महापंचायत को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान रालोद नेता जयंत चौधरी ने सोमवार को मुजफ्फरनगर जिले में बीजेपी नेता और किसानों के बीच हुई हिंसक झड़प पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गांव के लोगों से किया दुर्व्यवहार
जयंत चौधरी ने कहा कि मंत्री संजीव बालियान की मौजूदगी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गांव के लोगों से दुर्व्यवहार किया और मारपीट की है. उनमें से कई लोगों को चोटें भी आईं हैं, जिनका इलाज चल रहा है. भाजपा का तो गांव में विरोध है ही, इसलिए उन्होंने भी किसानों से कहा है कि भाजपा के नेताओं को गांव में बुलाइए और उनसे पूछिए आखिर वे किसान कानून के खिलाफ उनके साथ क्यों नहीं है.
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बलियान के बयान को किया खारिज
जयंत चौधरी ने कहा कि बीजेपी के नेता अगर अहंकारी रवैये के साथ जनता के बीच जाएंगे और जनता, किसान के साथ मारपीट करेंगे तो यह उचित नहीं है. संजीव बालियान के आरोपों को खारिज करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि किसान ने किसी पर भी हाथ नहीं उठाया है. केवल किसान एकता जिंदाबाद का नारा लगाने पर मंत्री के लोग भड़क गए और मारपीट की.
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'काले हैं कृषि कानून'
जयंत चौधरी ने बीजेपी नेताओं को एक सलाह देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक बैठक करें और उनको समझाएं कि जनता समझ चुकी है कि किस तरह से कृषि कानून काले हैं. जयंत ने कहा कि विदेशी कलाकार भी ट्वीट कर सरकार के कृषि कानून को गलत ठहरा रहे हैं. इसलिए अब सरकार को इन कानूनों को वापस ले लेना चाहिए. नहीं तो जनता और किसान यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को आइना दिखा देगी.