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'Swami Prasad Maurya ने रामचरितमानस के सहारे बेटी को बनाया सांसद, अब चर्चा में रहने के लिए दे रहे उल्टे-सीधे बयान'

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) बस्ती में स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) पर बरसे. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) के लिए कहा कि उनका भी वही हश्र होगा जो गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) का हुआ. अयोध्या में भी ओपी राजभर स्वामी प्रसाद मौर्य पर बरसे.

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Published : Jan 24, 2023, 3:35 PM IST

Updated : Jan 24, 2023, 6:39 PM IST

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर बस्ती में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए.

बस्ती: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के बागी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लंबी दौड़ लगाने वाले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का अब हृदय परिवर्तन हो गया है. अभी कुछ महीने पहले तक स्वामी प्रसाद मौर्य को साथ लेकर वह प्रदेश की योगी सरकार को धूल चटाने की बात कर रहे थे. लेकिन, अब ओमप्रकाश राजभर उन्हीं स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हो गए हैं.

ताजा मामले में रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर ओमप्रकाश राजभर भी नाराज हैं. बस्ती में मीडिया के सामने उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य निशाना साधा. कहा कि मौर्य पहले बसपा में थे, उसके बाद वह राम के शरण में चले गए और भाजपा की सरकार में आ गए. भाजपा सरकार में मंत्री बनने के बाद वे रामचरितमानस पर फूल-माला चढ़ाते रहें. इतना ही नहीं रामचरितमानस के सहारे अपनी बेटी को भाजपा से सांसद भी बनवा दिया. 5 साल भाजपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कभी रामचरितमानस के खिलाफ नहीं बोला और जैसे ही वह समाजवादी पार्टी में आए और सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में नहीं बनी तो चर्चा में बने रहने के लिए वह इस तरीके का बयान दे रहे हैं.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा दिए गए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारत देश संविधान से चलता है और इसे हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार उनका व्यक्तिगत हो सकता है. अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो वह उनसे सवाल पूछते हैं कि क्या भारत में मुस्लिम या ईसाई नहीं रहने पाएंगे. ओपी राजभर ने कहा कि राम रहीम की तरह ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री का भी हश्र होगा.

भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती के खिलाड़ियों के बीच चल रही तकरार के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. ओमप्रकाश राजभर ने इस दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधा.

अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को लेकर पूछे गए सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ये लोग हमेशा चर्चा में इसलिए बने रहते हैं कि इनकी लड़ाई हिंदू और मुस्लिम की है. इन लोगों पर कुछ न कुछ कार्रवाई होती रहती है और चर्चा होती रहती है. कांग्रेस, सपा और बसपा पर सवाल खड़ा करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ये तीनों पार्टियां मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझती हैं और भाजपा का सिर्फ डर दिखाकर इस समुदाय से वोट लेते हैं.

अयोध्या में भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर बरसे ओपी राजभर

अयोध्या में कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर कहा कि चर्चा में आने के लिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया है. जब वे बसपा में थे, चार बार मंत्री बने, तब उनको वो चौपाई क्यों नहीं याद आई. जब बसपा की सरकार जाने लगी तब 'रामम शरणम गच्छामि' करते हुए राम की शरण में चले गए. उस रामचरितमानस पर उन्होंने माला भी चढ़ाया. उसी के सहारे बेटी को सांसद बना लिया और खुद मंत्री भी बन गए. 5 साल तक स्वामी को यह बात याद नहीं आई, जब उनको लगा सरकार बदलने वाली है फिर करवट बदल ली और सपा में चले गए. सरकार नहीं बनी तब उन्होंने सोचा चर्चा में कैसे बने रहें. चर्चा में आने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस तरह का बयान दिया है.

यह भी पढ़ेंः पूर्व विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया निराधार, कहा- जेल में सभी बंदी एक समान

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर बस्ती में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए.

बस्ती: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के बागी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लंबी दौड़ लगाने वाले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का अब हृदय परिवर्तन हो गया है. अभी कुछ महीने पहले तक स्वामी प्रसाद मौर्य को साथ लेकर वह प्रदेश की योगी सरकार को धूल चटाने की बात कर रहे थे. लेकिन, अब ओमप्रकाश राजभर उन्हीं स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हो गए हैं.

ताजा मामले में रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर ओमप्रकाश राजभर भी नाराज हैं. बस्ती में मीडिया के सामने उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य निशाना साधा. कहा कि मौर्य पहले बसपा में थे, उसके बाद वह राम के शरण में चले गए और भाजपा की सरकार में आ गए. भाजपा सरकार में मंत्री बनने के बाद वे रामचरितमानस पर फूल-माला चढ़ाते रहें. इतना ही नहीं रामचरितमानस के सहारे अपनी बेटी को भाजपा से सांसद भी बनवा दिया. 5 साल भाजपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कभी रामचरितमानस के खिलाफ नहीं बोला और जैसे ही वह समाजवादी पार्टी में आए और सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में नहीं बनी तो चर्चा में बने रहने के लिए वह इस तरीके का बयान दे रहे हैं.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा दिए गए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारत देश संविधान से चलता है और इसे हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार उनका व्यक्तिगत हो सकता है. अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो वह उनसे सवाल पूछते हैं कि क्या भारत में मुस्लिम या ईसाई नहीं रहने पाएंगे. ओपी राजभर ने कहा कि राम रहीम की तरह ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री का भी हश्र होगा.

भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती के खिलाड़ियों के बीच चल रही तकरार के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. ओमप्रकाश राजभर ने इस दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधा.

अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को लेकर पूछे गए सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ये लोग हमेशा चर्चा में इसलिए बने रहते हैं कि इनकी लड़ाई हिंदू और मुस्लिम की है. इन लोगों पर कुछ न कुछ कार्रवाई होती रहती है और चर्चा होती रहती है. कांग्रेस, सपा और बसपा पर सवाल खड़ा करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ये तीनों पार्टियां मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझती हैं और भाजपा का सिर्फ डर दिखाकर इस समुदाय से वोट लेते हैं.

अयोध्या में भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर बरसे ओपी राजभर

अयोध्या में कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान पर कहा कि चर्चा में आने के लिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया है. जब वे बसपा में थे, चार बार मंत्री बने, तब उनको वो चौपाई क्यों नहीं याद आई. जब बसपा की सरकार जाने लगी तब 'रामम शरणम गच्छामि' करते हुए राम की शरण में चले गए. उस रामचरितमानस पर उन्होंने माला भी चढ़ाया. उसी के सहारे बेटी को सांसद बना लिया और खुद मंत्री भी बन गए. 5 साल तक स्वामी को यह बात याद नहीं आई, जब उनको लगा सरकार बदलने वाली है फिर करवट बदल ली और सपा में चले गए. सरकार नहीं बनी तब उन्होंने सोचा चर्चा में कैसे बने रहें. चर्चा में आने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस तरह का बयान दिया है.

यह भी पढ़ेंः पूर्व विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया निराधार, कहा- जेल में सभी बंदी एक समान

Last Updated : Jan 24, 2023, 6:39 PM IST
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