बस्ती: जिले के बाढ़ खण्ड के उच्चाधिकारी सरयू नदी तट पर पूजा-पाठ करा रहे हैं. अधिकारी प्रार्थना कर रहे हैं कि सरयू ग्रामीणों को बाढ़ के प्रकोप से बचाए रखे. बता दें, बस्ती जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का एक बड़ा हिस्सा हर्रैया तहसील क्षेत्र में पड़ता है.
बता दें, क्षेत्र का बीडी बांध जिले का अति संवेदनशील बांध माना जाता है. यह सरयू नदी के विकराल रूप धारण करने पर लगभग आधे जिले के लिए सुरक्षा कवच के रूप में मौजूद है. इसी के चलते हर्रैया तहसील का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा सरयू के प्रकोप से बच जाता है.
विभाग के अधिकारियों ने की पूजा
बता दें कि लोलपुर-विक्रमजोत तटबंध पर प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन एके सिंह व मुख्य अभियंता गंडक आलोक जैन ने तटबंधों का निरीक्षण किया. बाढ़ विभाग के अधिकारियों ने बाघानाला गांव के पास पंडित बुलाकर सरयू नदी के तट पर ग्रामीणों को बाढ़ से बचाने के लिए पूजा-अर्चना की.
खतरे के निशान से ऊपर बह रहा पानी
सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बंधा और दरिया के बीच बसे दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के अनुसार, सोमवार की शाम सरयू नदी का जलस्तर 92.90 मीटर मापा गया है, जो खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर है. जलस्तर जिस गति से बढ़ रहा है उसे देखकर लग रहा है कि बुधवार तक काफी गांव जलमग्न हो जाएंगे. बाढ़ का पानी किशुनपुर-मोजपुर रिंगबांध तक पहुंच चुका है.
कई गांव में खेतों में भर रहा पानी
टकटकवा गांव की सुरक्षा के लिए बनाए गए रिंगबांध पर पानी का दबाव बढ़ गया है. तटबंध विहीन गांव के लिए कटान समस्या बनी हुई है. कल्याणपुर, भरथापुर, बाघानाला, चांदपुर, फूलडीह, रिधौरा, लम्ती, रानीपुर, कठवनिया में बाढ़ का पानी धान के खेतों में तेजी से बढ़ रहा है. कल्याणपुर के ग्रामीणों को प्रशासन पहले ही गांवों से बाहर कर चुका है. उन्हें जबरिया निकला जा रहा था, जिसको लेकर काफी नोक झोंक भी हुआ था, लेकिन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के समझाने पर गांव वाले मान गए थे.
सरकारी स्कूल पर बढ़ा खतरा
यहां स्थित सरकारी स्कूल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. स्कूल कब सरयू में समाहित हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. कल्याणपुर पड़ाव स्थित 12 हेक्टेयर डोंगरा रेजीमेंट (सेना) की जमीन भी जल में पूरी तरह से डूब गई है.
पूजा करने पर क्या बोले अधिकारी
बंधे पर तांत्रिक से विशेष पूजा कराने में शामिल रहे बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता अवनीश शाहू ने इस बारे में बात की. उन्होंने बताया कि सरयू माता की पूजा करना कोई गलत नहीं है. वैसे भी कोई काम शुरू करने से पहले भगवान का अनुसरण किया जाता है. बाढ़ को लेकर विभाग पूरी तरह तैयार है.