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बस्ती में पौधारोपण का हाल, चंदो ताल में ढूंढे नहीं मिल रहे 22 हजार पौधे - chando tal plantation

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में वन विभाग ने पौधारोपण लक्ष्य के तहत 22 हजार पौधे लगाए थे. बहादुरपुर ब्लॉक में लगाए पौधों में से अधिकतर पौधे सूख गए हैं और जो बाकी बचे वह जमीन पर गिर गए हैं. वन विभाग से मामले पर बातचीत करने पर विभाग ने जलजमाव को कारण बताकर पल्ला झाड़ लिया.

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देखभाल के अभाव में नष्ट पौधे हुए.
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Published : Jan 1, 2020, 11:54 AM IST

बस्ती: हर साल की तरह इस बार भी वन विभाग को पौधारोपण का लक्ष्य मिला था. लक्ष्य के अनुरूप पौधारोपण का दावा भी किया गया, लेकिन धरातल पर पौधे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. बहादुरपुर ब्लॉक में वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की स्थिति बेहद खराब है. हजारों की संख्या में लगे पौधों में से आधे भी सुरक्षित नहीं हैं. वन विभाग जलजमाव को कारण बताकर पल्ला झाड़ रहा है.

देखभाल के अभाव में नष्ट पौधे हुए.

बहादुरपुर ब्लॉक में 22 हजार पौधे लगाए गए थे. पौधे चंदो ताल के पास लगाए गए थे, लेकिन अब यहां गिनती के पौधे ही नजर आते हैं. देखभाल के अभाव में अधिकांश पौधे सूख गए या फिर बेसहारा पशुओं की भेंट चढ़ गए. आलम यह है कि अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसे पौधे लगा दिए गए जो ज्यादा पानी में लग ही नहीं सकते. वर्तमान स्थिति यह है कि आधे से ज्यादा पौधे सूख गए कुछ तो अब क्यारियों में नजर भी नहीं आते हैं.

कर्मचारी ने दी जानकारी
चंदो ताल में काम करने वाले कर्मचारी सलाउद्दीन ने बताया कि सिर्फ अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसे पौधे लगा दिए गए, जो पानी में लगने वाली प्रजाति ही नहीं है. इसलिए जो पानी में लग ही नहीं सकते हैं वह कैसे बच पाएंगे.

स्थानीय राजाराम ने बताया कि चंदो ताल में हमेशा पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन वह लगते नहीं हैं. अभी जल्दी ही हजारों पौधे रोपे गए, जिसमें से ज्यादा सूख गए या फिर गिर गए. उन्होंने कहा कि पानी की प्रजाति न होने से ऐसी स्थिति है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ में ठंड का सितम, कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूल 3 जनवरी तक बंद

डीएफओ नवीन शाक्य ने बताया कि 22 हजार पौधे लगाए गए थे, जिसमें से कुछ सूख गए हैं. हम सीडीओ से इसकी जांच करा रहे हैं कि विभागीय गलती से पौधे सूखे हैं या पानी भरने से. डीएफओ ने कहा कि जब पौधे लगे उस वक्त यहां पानी नहीं था. किसी बांध के टूटने से यहां पानी भर गया.

बस्ती: हर साल की तरह इस बार भी वन विभाग को पौधारोपण का लक्ष्य मिला था. लक्ष्य के अनुरूप पौधारोपण का दावा भी किया गया, लेकिन धरातल पर पौधे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. बहादुरपुर ब्लॉक में वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की स्थिति बेहद खराब है. हजारों की संख्या में लगे पौधों में से आधे भी सुरक्षित नहीं हैं. वन विभाग जलजमाव को कारण बताकर पल्ला झाड़ रहा है.

देखभाल के अभाव में नष्ट पौधे हुए.

बहादुरपुर ब्लॉक में 22 हजार पौधे लगाए गए थे. पौधे चंदो ताल के पास लगाए गए थे, लेकिन अब यहां गिनती के पौधे ही नजर आते हैं. देखभाल के अभाव में अधिकांश पौधे सूख गए या फिर बेसहारा पशुओं की भेंट चढ़ गए. आलम यह है कि अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसे पौधे लगा दिए गए जो ज्यादा पानी में लग ही नहीं सकते. वर्तमान स्थिति यह है कि आधे से ज्यादा पौधे सूख गए कुछ तो अब क्यारियों में नजर भी नहीं आते हैं.

कर्मचारी ने दी जानकारी
चंदो ताल में काम करने वाले कर्मचारी सलाउद्दीन ने बताया कि सिर्फ अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसे पौधे लगा दिए गए, जो पानी में लगने वाली प्रजाति ही नहीं है. इसलिए जो पानी में लग ही नहीं सकते हैं वह कैसे बच पाएंगे.

स्थानीय राजाराम ने बताया कि चंदो ताल में हमेशा पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन वह लगते नहीं हैं. अभी जल्दी ही हजारों पौधे रोपे गए, जिसमें से ज्यादा सूख गए या फिर गिर गए. उन्होंने कहा कि पानी की प्रजाति न होने से ऐसी स्थिति है.

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डीएफओ नवीन शाक्य ने बताया कि 22 हजार पौधे लगाए गए थे, जिसमें से कुछ सूख गए हैं. हम सीडीओ से इसकी जांच करा रहे हैं कि विभागीय गलती से पौधे सूखे हैं या पानी भरने से. डीएफओ ने कहा कि जब पौधे लगे उस वक्त यहां पानी नहीं था. किसी बांध के टूटने से यहां पानी भर गया.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: हर साल की तरह इस बार भी वन विभाग को पौधारोपण का लक्ष्य मिला था. लक्ष्य के अनुरूप पौधारोपण का दावा भी किया गया लेकिन धरातल पर पौधे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. यकीन न हो तो बहादुरपुर ब्लॉक में वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की स्थिति देख लीजिए. हजारों की संख्या में लगे पौधों में से आधे भी सुरक्षित नहीं है. वहीं वन विभाग जलजमाव को कारण बताकर पल्ला झाड़ रहा है.

दरअसल बहादुरपुर ब्लाक में 22 हजार पौधे लगाए थे. पौधे चंदो ताल के पास लगाए गए थे लेकिन अब यहां गिनती के पौधे ही नजर आते हैं. देखभाल के अभाव में अधिकांश पौधे सूख गए या फिर बेसहारा पशुओं की भेंट चढ़ गए. इतना ही नही आलम यह है कि अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसे पौधे लगा दिए गए जो ज्यादा पानी में लग ही नहीं सकते. अब आज यह स्थिति है कि आधे से ज्यादा पौधे सूख गए, कुछ तो अब क्यारियों में नजर भी नहीं आते.




Body:स्थानीय राजाराम ने बताया कि चंदो ताल में हमेशा पौधे लगाए जाते हैं लेकिन वह लगते नहीं है. अभी जल्दी ही हजारों पौधे रोपे गए जिसमें से ज्यादा सूख गए या फिर गिर गए. उन्होंने कहा कि पानी की प्रजाति ना होने से ऐसी स्थिति है. वहीं चंदो ताल में काम करने वाले कर्मचारी सलाउद्दीन ने बताया कि सिर्फ अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसे पौधे लगा दिए गए जो पानी में लगने वाली प्रजाति ही नहीं है इसलिए जो पानी में लग ही नहीं सकते हैं वह कैसे बच पाएंगे.




Conclusion:इस बाबत डीएफओ नवीन शाक्य ने बताया कि 22 हजार पौधे लगाए गए थे. जिसमें से कुछ सूख गए हैं. हम सीडीओ से इसकी जांच करा रहे हैं कि विभागीय गलती से पौधे सूखे हैं या पानी भरने से. डीएफओ ने कहा कि जब पौधे लगे उस वक्त यहां पानी नहीं था. किसी बांध के टूटने से यहां पानी भर गया.

बाइट .....राजाराम , स्थानीय
बाइट...... सलाउद्दीन, कर्मचारी
बाइट.......नवीन शाक्य, डीएफओ
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