बस्तीः जिले में एक माह पहले जमीन के विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई थी. इस बवाल में एक पक्ष के विपिन जायसवाल बुरी तरह घायल हो गए थे, जिनकी लखनऊ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई. इसके बाद परिजन शव को लेकर सीधा पुरानी बस्ती थाने पहुंच गए और जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए हत्या आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है. परिजनों ने थाने के अंदर शव रखकर घंटों प्रदर्शन किया. इस दौरान पुरानी बस्ती के थानेदार योगेश सिंह से विपिन जायसवाल की बेटियों की जमकर तू-तू मैं-मैं भी हुई.
विपिन की बेटियों का आरोप है कि उनके पिता की हत्या कर दी गई. वे लोग अनाथ हो गए, जबकि पुलिस ने हत्या आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की. बल्कि, उन लोगों पर ही केस दर्ज कर लिया. वहीं, पुलिस का कहना है कि इस मामले में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. जो भी रिपोर्ट आएगी उस आधार पर धाराएं बढ़ाकर विधिक कार्रवाई की जाएगी.
सीओ आलोक प्रसाद ने बताया कि परिजनों ने मारपीट में आई चोट की वजह से मौत का आरोप लगाया है. जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि पिछले एक साल से विपिन को लिवर की बीमारी थी, जिसका इलाज कैली हॉस्पिटल में चल रहा था. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि रानी पोखरा गांव के रहने वाले विपिन जायसवाल और उनकी बहन के बीच 13 फरवरी को विवाद हो गया था. देखते ही देखते विवाद मारपीट में बदल गया था. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज कराया गया था. इसमें विपिन को गंभीर चोट आ गई थी. इलाज के लिए उन्हें लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. वहां 37 दिन बाद इलाज के दौरान सोमवार को विपिन ने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजन शव लेकर थाने पहुंच गए. यहां उन्होंने शव को रख कर आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की. पुलिस के काफी प्रयास और आश्वाशन के बाद परिजनों ने शव को थाने से हटाया.
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