बस्तीः शारदा, सरयू और गिरजा बैराज से छोडे गये पानी से सरयू नदी का जलस्तर पूरे उफान पर है. नदी का जलस्तर बढने के कारण अतिसंवेदनशील तटबंध कटरिया चाँदपुर व गौरा सैफाबाद तटबंध पर तेज बहाव का दबाव बना हुआ है. बाढ़ के चलते सैकड़ों बीघा फसल डूब चुकी है. गांव जाने वाले रास्ते पर पानी भर गया है. इससे ग्रामीण दहशत में हैं. बच्चों को पढ़ने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
केन्द्रीय जल आयोग, अयोध्या के अनुसार शनिवार शाम तक आठ बजे नदी का जलस्तर 93.18 सेंटीमीटर पर रिकार्ड किया गया जो की ड्रेजर लेवल 92.73 से 45 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी और तटबंध के बीच बसे सूविखा बाबू , टेढ़वा, माझा किताअव्वल ग्राम पंचायत के आधा दर्जन पूरवे बाढ़ के पानी से घिर गए हैं.
विशुनदासपुर की दलित बस्ती भी आंशिक रूप से बाढ़ से घिरने लगी है. सुविखा बाबू गांव के लोग नाव से सवार होकर तटबंध पर आ-जा रहे है. गांव के करीब दो दर्जन बच्चे नाव से पढ़ने जा रहे हैं. गांव के अमित निषाद, शिवा राजभर, विकास राजभर, संगम निषाद, अंशिका ने बताया की अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव जाने वाले रास्ते पर एक से दो मीटर पानी भर गया है. दो दिन हम लोग पानी मे होकर स्कूल गये थे. पानी अधिक हो जाने के कारण आज नाव से स्कूल जा रहे हैं. खंड के अधिषाशी अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया नदी का तेज दबाव तटबंध पर बना हुआ है.
ये भी पढ़ेंः फिल्मों की कहानी भी सच होती है..यकीन न हो तो इन बॉक्सर बेटियों का संघर्ष पढ़ लीजिए
उनके मुताबिक अभी नदी का जलस्तर बढने का अनुमान है. कटरिया चांदपुर तटबंध पर कटरिया गांव के पास पहुंचे तहसीलदार सतेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी. बाढ़ से बर्बाद हुई फसल का आकलन जलस्तर घटने के बाद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही पशुपालन विभाग से बात कर चारे का वितरण कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि गांव में आने-जाने के लिए तीन नावें लगाईं गईं हैं.