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CAA-NRC का मतलब नहीं पता, लेकिन लोग कर रहे प्रदर्शन

यूपी में नागरिकता संशोधन कानून का लगातार विरोध हो रहा है. गुरुवार को सपा के आह्वान पर पूरे प्रदेश में सपाइयों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान राजधानी में भी हिंसा हुई. वहीं अन्य जनपदों जैसे बस्ती और बलिया में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

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CAA को लेकर प्रदर्शन.
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Published : Dec 20, 2019, 9:35 AM IST

बलिया/बस्ती: देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध लगातार जारी है. कई जगह तो यह विरोध हिंसा में तब्दील हो गया. गुरुवार को इस कानून के विरोध में पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी सड़क पर उतरी. राजधानी लखनऊ में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई. प्रदेश के अन्य जिलों में भी विरोध हुआ. कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई. खास बात ये है कि प्रदर्शन में कई लोग ऐसे भी शामिल हुए हैं जिनको यह पता ही है कि आखिर प्रदर्शन हो क्यों रहा है और सीएए और एनआरसी का मतलब क्या है?

CAA को लेकर प्रदर्शन.


बलिया: NRC और CAA के विरोध में समाजवादी पार्टी गुरुवार को सड़क पर उतर आई. बलिया में सपा कार्यालय से सपाइयों ने जुलूस निकालकर सरकार के फैसले का विरोध किया. इस दौरान पूर्व मंत्री नारद राय ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने संविधान का मजाक बनाया है.

भाजपा ला रही काला कानून

सपा के प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले के अधिकांश थानों की फोर्स के अलावा पुलिस लाइन की फोर्स को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात कर रखा था. कलेक्ट्रेट परिसर पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया था. इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश तोड़ने के लिए काला कानून लागू कर रही है.

नहीं जानते कानून का मतलब और कर रहे प्रदर्शन

बस्ती: जनपद में प्रदर्शन के दौरान युवा और महिलाएं भी शामिल रहीं. जनपद में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदर्शन में कई लोग ऐसे भी शामिल हुए हैं जिनको यह नहीं पता है कि आखिर प्रदर्शन हो क्यों रहा है? विरोध किसलिए कर रहे हैं? विरोध किसका हो रहा है? और सीएए का मतलब और फुल फॉर्म क्या है? इन्हें यह भी पता नहीं है कि कानून क्या कहता है?

बस्ती में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कार्तिकेय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने खूब नारेबाजी भी की. इसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर शिव प्रताप शुक्ला ने ज्ञापन लिया और प्रदर्शन खत्म कराया. पूरे जिले में पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर है.

बलिया/बस्ती: देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध लगातार जारी है. कई जगह तो यह विरोध हिंसा में तब्दील हो गया. गुरुवार को इस कानून के विरोध में पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी सड़क पर उतरी. राजधानी लखनऊ में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई. प्रदेश के अन्य जिलों में भी विरोध हुआ. कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई. खास बात ये है कि प्रदर्शन में कई लोग ऐसे भी शामिल हुए हैं जिनको यह पता ही है कि आखिर प्रदर्शन हो क्यों रहा है और सीएए और एनआरसी का मतलब क्या है?

CAA को लेकर प्रदर्शन.


बलिया: NRC और CAA के विरोध में समाजवादी पार्टी गुरुवार को सड़क पर उतर आई. बलिया में सपा कार्यालय से सपाइयों ने जुलूस निकालकर सरकार के फैसले का विरोध किया. इस दौरान पूर्व मंत्री नारद राय ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने संविधान का मजाक बनाया है.

भाजपा ला रही काला कानून

सपा के प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले के अधिकांश थानों की फोर्स के अलावा पुलिस लाइन की फोर्स को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात कर रखा था. कलेक्ट्रेट परिसर पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया था. इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश तोड़ने के लिए काला कानून लागू कर रही है.

नहीं जानते कानून का मतलब और कर रहे प्रदर्शन

बस्ती: जनपद में प्रदर्शन के दौरान युवा और महिलाएं भी शामिल रहीं. जनपद में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदर्शन में कई लोग ऐसे भी शामिल हुए हैं जिनको यह नहीं पता है कि आखिर प्रदर्शन हो क्यों रहा है? विरोध किसलिए कर रहे हैं? विरोध किसका हो रहा है? और सीएए का मतलब और फुल फॉर्म क्या है? इन्हें यह भी पता नहीं है कि कानून क्या कहता है?

बस्ती में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कार्तिकेय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने खूब नारेबाजी भी की. इसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर शिव प्रताप शुक्ला ने ज्ञापन लिया और प्रदर्शन खत्म कराया. पूरे जिले में पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर है.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शन कुछ जगह हिंसक भी हो गया है. प्रदर्शन में बड़ी मात्रा में युवा और महिलाएं भी शामिल हो रही है. लेकिन यहां सवाल यह है कि क्या प्रदर्शन कर रहे लोगों को पता है कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं ? देखिए खास रिपोर्ट.....

दरअसल आज बस्ती जनपद में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदर्शन में कई लोग ऐसे भी शामिल हुए हैं जिनको यह नहीं पता है कि आखिर प्रदर्शन हो क्यों रहा है? विरोध किसलिए कर रहे हैं? विरोध किसका हो रहा है? और सीएए का मतलब और फुल फॉर्म क्या है? इन्हें यह भी पता नहीं है कि कानून क्या कहता है?




Body:प्रदर्शन में शामिल लोगों से जब सवाल पूछा गया कि आप क्यों प्रोटेस्ट कर रहे हैं तो जवाब मिला कि आजादी के लिए. किसी ने कहा हमें देश से सरकार निकाल रही है. किसी ने कहा एनआरसी को कानून बना दिया गया है. कैब और एनआरसी का फुल फॉर्म तक नहीं पता है. सवाल यह भी है कि आखिर इनके जैसे कितने प्रदर्शनकारी शामिल हुए जिन्हें प्रदर्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

दरअसल कुछ लोगों को ऐसा भ्रम भी था कि मुसलमानों को इस बिल के बाद देश से निकाल दिया जाएगा. इसलिए लोग प्रदर्शन में बड़ी मात्रा में शामिल हो गए. हालांकि इस प्रदर्शन में थोड़ी धक्का-मुक्की पुलिस के साथ कम्युनिस्टों की हुई लेकिन कोई बड़ा बवाल नहीं हुआ. वहीं एसडीएम सदर शिव प्रताप शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर ज्ञापन लिया और प्रदर्शन खत्म कराया. पूरे जिले में पुलिस इस दौरान पूरी तरह अलर्ट है.

बाइट....प्रदर्शनकारी


Conclusion:
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