बस्ती: जनपद के बड़े वन टोल प्लाजा के बाद चौकड़ी टोल प्लाजा के अनुबंध में भी करोड़ों रुपये की स्टांप चोरी का मामला सामने आया है. इस मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने 46 करोड़ रुपये के वसूली का नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई है. वहीं अभी हाल ही में बड़े वन टोल प्लाजा पर भी स्टांप चोरी के ही मामले में कार्रवाई की गई थी.
पूर्व एआईजी ने स्टांप चोरी का पकड़ा था मामला
दरअसल, टोल प्लाजा के दोनों अनुबन्धकर्ताओं को वसूली का नोटिस भेजा गया है. अनुबंध में स्टांप चोरी का मामला पूर्व एआईजी स्टांप अशोक कुमार तिवारी ने पकड़ा था. जांच में पाया गया था कि टोल टैक्स वसूली के लिए एनएचएआई ने शिव कॉर्पोरेशन नामक जिस फर्म से अनुबंध किया था, उसने उप निबंधन कार्यालय में टोल वसूली का पंजीकरण ही नहीं कराया था. यानी फर्म ने 2 फीसदी की दर से लगने वाला स्टांप शुल्क जमा नहीं किया. अनुबंध में साल 2012-2013 में 52 करोड़ 90 लाख रुपये का कर वसूली का अधिकार दिया गया था.
बड़े वन टोल प्लाजा को पहले ही किया गया था सील
मामला सामने आने के बाद इसमें एआईजी स्टांप की ओर से कलेक्टर कोर्ट में वाद दाखिल किया गया, जिसके बाद आरोप सही मिलने पर न्यायालय ने अर्थदंड लगाने का आदेश पारित किया. इसमें स्टांप शुल्क और ब्याज के 63 करोड़ के बकाए के मामले में जिला प्रशासन बड़े वन टोल प्लाजा के आधे हिस्से और बैंक खाते को पहले ही सील कर चुका है.
46 करोड़ का स्टांप शुल्क बकाया
इस बाबत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि एसएमएस टोल प्राइवेट लिमिटेड इंडिया पर कुल 46 करोड़ का स्टांप शुल्क बकाया है, जिसमें जिले भर में कार्रवाई की जा रही है. चौकड़ी टोल प्लाजा को नोटिस भेजा गया है और सोमवार शाम तक का समय दिया गया है. अगर किसी तरह का उनके पास कोई कागज है या कोर्ट का आदेश है, उसी अनुसार सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.
कंपनी के खाते किए गए सीज
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि 46 करोड़ का जो बकाया है, उसकी वसूली हो जाए. उन्होंने कहा कि एसबीआई पुरानी बस्ती में कंपनी के संचालित खाते भी सीज किए जा चुके हैं. उसमें से कोई निकासी नहीं हो सकती. टोल प्लाजा पर ग्राम सभा की जमीन कब्जे के भी आरोप हैं, जिसकी अलग से जांच कराई जाएगी.
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