बस्ती: पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब ने जमातियों की वजह से देश में बढ़े कोरोना संक्रमित और डॉक्टरों-पुलिस वालों पर हमले के सवाल विवादित बयान दिया है. उनका कहना है कि इस बीमारी को कुछ लोग सांप्रदायिक नजर से देख रहे हैं. अगर जनता को ठीक तरीके से इस बीमारी को लेकर समझाया जाता, तो पुलिस या डॉक्टर पर कोई हमला नहीं करता.
मुरादाबाद की घटना को लेकर डॉ. अयूब ने पुलिस और डॉक्टरों पर हमला करने वाले वर्ग विशेष के लोगों का बचाव करते हुए कहा कि प्रशासन को भी देखना चाहिए कि उनके अंदर कहां कमी है. जिस वजह से जनता इतनी उग्र हो रही है.
मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश
डॉक्टर और पुलिस के कार्य करने की शैली पर सवाल खड़ा करते हुए हमला करने वाले लोगों को उन्होंने क्लीन चिट देते हुए कहा कि जनता आहत होकर उनका विरोध कर रही है, इसलिए पहले वो अपने अंदर सुधार लाएं. उन्होंने कहा कि मुरादाबाद की घटना में उन्हें लगता है कि मुसलमानों को बदनाम करने की साज़िश की गई है, लेकिन सच जांच के बाद पता चलेगा.
जमातियों का लिया पक्ष
डॉ. अयूब ने जमातियों का पक्ष लेते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक लोग इसका सांप्रदायिक फायदा उठा रहे हैं और शासन-प्रशासन में भी बैठे कुछ सांप्रदायिक मानसिकता के लोग हैं. जो इसे दूसरा रंग दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की दूषित मानसिकता का विरोध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया के लोग भी उनका साथ दे रहे हैं.
सरकारें भी नहीं करती अनुपालन
डॉ. अयूब ने साफ तौर पर जमातियों का बचाव करते हुए कहा कि जो लोग हमारे धर्म के लोगों पर इस बीमारी को बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं. वह अपनी कमी को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं. जमातियों के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के सवाल पर डॉ. अयूब ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा यूपी विधानसभा में भी सरकारें उसका अनुपालन नहीं कर रही हैं, तो एक वर्ग विशेष के लोगों को टारगेट करना ठीक नहीं है.
धर्म जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता
जमातियों के डॉक्टरों पर थूकने, अश्लील हरकत करने के सवाल पर डॉ. अयूब ने जमतियो का सीधे तौर पर बचाव किया और कहा कि यह काम जमतियों का नहीं है बल्कि खराब मानसिकता वाले लोगों का है, क्योंकि जमात में इस तरह के लोगों की कोई जगह नहीं होती. उन्होंने कहा की कोई एक व्यक्ति अगर गलत कार्य करता है तो पूरे धर्म और समाज को उसका जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.