बस्ती: दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात कार्यक्रम के नाम पर जुटे एक समुदाय के हजारों लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया. इसके बाद पूरे देश में दहशत का माहौल बन गया है, क्योंकि इस कार्यक्रम में शामिल कई लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इससे इस वायरस के देश में तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है. वहीं पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अयूब ने कहा है कि तबलीगी जमात के मरकज को सरकार बदनाम कर रही है.
तबलीगी जमात कांड के सामने आने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर राजनीति करना शुरू कर दिया है. पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अयूब ने मीडिया में अपना बयान देते हुए दिल्ली में हुए तबलीगी जमात के मौलाना और अन्य लोगों पर की गई कानूनी कार्रवाई को गलत ठहराते हुए कहा है कि दिल्ली और केंद्र की सरकार को तबलीगी जमात के मौलाना मोहम्मद साहब ने पहले ही लोगों के फंसे होने की सूचना दे दी थी. लेकिन किसी ने भी उसे गंभीरता से नहीं लिया. डॉक्टर अयूब ने आरोप लगाया कि मरकज के लोगों को समय रहते निकाला जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. जिस वजह से वह लोग वहीं फंसे रहे और अब मरकज के कई लोग कारोना पॉजिटिव पाए गए हैं, लेकिन इसमें उनका कोई दोष नहीं है.
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डॉक्टर अयूब ने कहा कि सरकार मरकज के मौलाना मोहम्मद साद और जमाती के ऊपर कानूनी कार्रवाई कर रही है. यहां तक कि मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. जोकि जुल्म और ज्यादती की श्रेणी में आता है. मरकज के कोरोना पॉजिटिव जमातियों को अगर दोषी कहा जा रहा है तो यह न्याय संगत नहीं है.
वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली के आनंद विहार में 50,000 से अधिक मजदूर पलायन करने के लिए पहुंचे और वहां इकट्ठा भी हुए. उन्हें लगता है कि क्या उनसे कोरोना वायरस नहीं फैल सकता. ऐसे में सिर्फ जमात को ही गलत कहना ठीक नहीं है. तबलीगी जमात के मरकज को सरकार बदनाम कर रही है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.