बस्तीः पुलिस और आरपीएफ की टीम ने रेलवे रिजर्वेशन के ई-टिकट के फर्जी सॉफ्टवेयर रेडचिली और एएनएमएस को ऑनलाइन बेचने वाले अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह के 25 हजार के इनामी अभियुक्त मनोज महतो को अरेस्ट किया है. मनोज महतो बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला बताया जा रहा है. पकड़े गए अभियुक्त के पास से दो लैपटाप, 12 एटीएम कार्ड, फर्जी पोर्टल से 8 लाख जब्त, 12 बचत खातों से 2 लाख जब्त, 9 बचत पत्र और 30 बांड से 16 लाख रुपये जब्त किए गए.
इस के अलावा नोएडा में 1.26 करोड़ की प्रापर्टी का एग्रीमेंट पेपर जब्त किया गया है, जिसमें इसने 17 लाख का भुगतान किया है. इसके अलावा गाजियाबाद में 18 लाख की प्रापर्टी जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इस के अलावा पुलिस को तीन रजिस्टर बरामद हुए हैं. जिसमें अब तक के रिकार्ड के अनुसार लगभग 15 करोड़ के ट्रांसफर का रिकॉर्ड पुलिस को मिला है.
पकड़ा गया आरोपी मनोज मेहतो सॉफ्टवेयर बेचने वाले गैंग के लिए एकाउंटेंट का काम करता था. फरार चल रहे गैंग के सरगना हामिद अशरफ के द्वारा रेलवे का फर्जी सॉफ्टवेयर पूरे देश में एजेंटों को बेचा जाता था. इस सॉफ्टवेयर के जरिए रेलवे के तत्काल ई-टिकट को रेलवे की साइट के खुलते ही बुक कर लिया जाता था. इन टिकट को ब्लैक में बेच कर मोटा मुनाफा कमाया जाता था. लोग रेलवे की टिकट विंडो पर तत्काल टिकट के लिए लाइन लगाते थे. उन का नंबर आने से पहले ही तत्काल टिकट बुक हो जाते थे.
रेडचिली एएनएमएस सॉफ्टवेयर को पूरे देश में ऑनलाइन एजेंटों को बेचा जाता था, जो एजेंट इन के सॉफ्टवेयर से टिकट बुक करते थे. उन से कमीशन लिया जाता था. इस ब्लैक मनी को मल्टीलिंक, स्पाई इण्डिया, स्मार्टशाप आदि के जरिए नेपाल से सटे बिहार के जिले सीतामढ़ी में पकड़े गए आरोपी मनोज मेहतो के विभिन्न फर्जी खातों में भेजा जाता था. मनोज मेहतो ब्लैक मनी को नगद कर हवाला के माध्यम से नेपाल भेजता था. अंदेशा लगया जा रहा है की फरार चल रहा गैंग का सरगना हामिद नेपाल में बैठ कर पूरा सिस्टम आप्रेट कर रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.