बस्तीः सरकारी अस्पतालों में गरीबों की सहूलियत के लिए आने वाली दवाओं की किस तरह से बर्बादी हो रही है इसका जीता जागता उदाहरण जिला अस्पताल के स्टोर रूम में देखने को मिला है. लाखों की सरकारी दवाएं स्टोर में पड़े-पड़े एक्सपायर हो गईं लेकिन जरूरतमंद तक जिम्मेदारों ने पहुंचाना उचित नहीं समझा. दवाएं वर्ष 2018,19 में खरीदी गई थी लेकिन समय रहते इन का प्रयोग नहीं किया गया. जिस वजह से स्टोर में रखे रखे एक्सपायर हो गई. जबकि हकीकत यह है कि अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को अधिकतर दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं. एक्सपायर हुई दवाओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जिला अस्पताल के स्टोर रूम में रखी गई दवाएं फैली हुई हैं. सरकारी दवाओं के कुछ डिब्बे तो खुले ही नहीं है, जबकि दवाओं के कुछ पत्ते जमीन पर बिखरे पड़े दिख रहे हैं. एक तरफ सरकार दावा करती है कि सरकारी अस्पतालों की दूर व्यवस्थाओं को योगी सरकार में काफी हद तक सुधार किया है. लेकिन बस्ती के जिला अस्पताल के हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ती ही जा रहे है.
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लाखों रुपये खर्च करके जिन दवाओं को सरकारी अस्पतालों में भेज रही है लेकिन उपयोग ही नहीं किया जा रहा है. आखिर क्या कारण है कि इन सरकारी दबाव को सड़ने के लिए सालों से स्टोर रूम में ही छोड़ दिया. क्या और जिम्मेदार कभी इस ओर ध्यान भी नहीं दिये. जिला अस्पताल के प्रभारी एसआईसी डॉक्टर राम प्रकाश को इस मामले की जानकारी ही नहीं है, जो यह साफ दर्शाता है कि अस्पताल की व्यवस्था राम भरोसे ही चल रही है. फिलहाल एसआईसी ने कहा कि जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.