बस्ती: जिले के महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज में कोरोना काल में करीब पांच महीने के दौरान आठ संक्रमितों की मौत हो चुकी है. इनमें से पांच को सांस फूलने की शिकायत थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज में 18 वेंटिलेटर होने के बावजूद एक भी मरीज को इसकी सुविधा नहीं मिली. मेडिकल कॉलेज बस्ती में 18 वेंटिलेटर शासन की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं. वार्ड पूरी तरह से तैयार है. मशीनें इंस्टॉल हैं और पूरी तरह से इस्तेमाल के लिए लायक हैं. शासन से नामित तीन-तीन नोडल अधिकारी आए और वार्ड देखकर चले गए. हर किसी ने एक ही सवाल किया कि यहां कितने मरीजों का इलाज हुआ.
बोदवल मुंडेरवा के कोरोना पॉजिटिव अधेड़ की सांस फूलने की शिकायत पर मौत हुई तो परिजन उस दिन शव तक लेने नहीं आए. परिजनों की मानें तो पांडेय बाजार के व्यापारी और हरेवा सोनहा के अधेड़ को सांस फूलने की शिकायत पर ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. हर्रैया के कृष्णौता निवासी एक व्यक्ति को भी इसी तरह की शिकायत हुई. इन सभी की मौत सांस फूलने के चलते हुई, लेकिन किसी को भी वेंटिलेटर पर नहीं ले जाया गया. अस्पताल प्रबंधन ने केवल ऑक्सीजन से काम चलाने का प्रयास किया.
वेंटिलेटर चलाने के लिए चौबीसों घंटे एनेस्थेटिक की जरूरत होती है. अस्पतालों को अधिक से अधिक वेंटिलेटर देकर गंभीर मरीजों को इलाज की सुविधा दी जाए, इस पर शासन-प्रशासन का जोर है. विधायक और सांसद निधि से धन लेकर वेंटिलेटर खरीदे जा रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि सभी वेंटिलेटर चालू हालत में हैं. आवश्यकता पड़ने पर मरीज को वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिन मरीजों की मेडिकल कॉलेज में मौत हुई है, उन्हें वेंटिलेटर तक ले जाने का अवसर ही नहीं मिला.