बस्ती: राम मन्दिर निर्माण के पक्ष में फैसला और फिर ट्रस्ट बनने के बाद श्री राम से जुड़ी सभी जगहों के विकास का रास्ता भी खुल गया है. इसी कड़ी में बस्ती जिला भी जहां है जिसका सम्बन्ध भगवान श्री राम के जन्म से है साथ ही उनके गुरु वशिष्ठ की भी नगरी है. इसको लेकर समाजसेवी और कांग्रेस नेता राणा दिनेश प्रताप सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर धार्मिक राजधानी बनाने की मांग की है.
- राम मंदिर के लिहाज से बस्ती का अपना एक अलग व अहम महत्व है.
- पौराणिक कथाओं के मुताबिक बस्ती में राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ किया था.
- इसके परिणामस्वरूप उन्हें पुत्रों की प्राप्ति हुई थी.
- इसलिए बस्ती का गहरा संबंध भगवान राम के जन्म से माना जाता है.
- इसी को ध्यान में रखते हुए राणा दिनेश सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मांग की है.
- अयोध्या-बस्ती को एनसीआर की तर्ज में डेवलप कर एक धार्मिक राजधानी का निर्माण किया जाए.
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कांग्रेस नेता राणा दिनेश सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि बस्ती गुरु वशिष्ठ की नगरी है, श्रृंगी ऋषि की नगरी है, यह भगवान श्री राम की उद्भव स्थली है, यहां हनुमानबाग है. इसलिए मैंने पत्र लिखकर पीएम मोदी से मांग की है कि अयोध्या-बस्ती को जोड़कर एक विशेष क्षेत्र बनाया जाए. जैसे एनसीआर या आईटी सिटी बैंगलोर है. इसी तर्ज पर एक धार्मिक राजधानी बनाया जाए. इससे रोजगार बढ़ेगा, पर्यटन भी बढ़ेगा, साथ ही बस्ती की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी.
अभी तक सिर्फ मन्दिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. शिष्य की पहचान गुरु से होती है, लेकिन श्री राम की उद्भव स्थली होने के बावजूद यहां वशिष्ठ जी का कोई मंदिर नहीं. इसलिए ये जरूरी है कि इस क्षेत्र को अंतराष्ट्रीय धार्मिक राजधानी के रूप में डेवलप किया जाए. इससे बस्ती में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी, जिससे व्यापार को नई उर्जा मिलेगी. इसका सीधा फायदा यहां के युवाओं को मिलेगा.
-राणा दिनेश प्रताप सिंह, कांग्रेस नेता