बस्ती: प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से अपने गृह राज्य के लिए कहीं पैदल, कहीं साइकिल, तो कहीं ठेले पर सैकड़ों किलोमीटर की सफर पर निकले लोगों की तस्वीर देख कर दिल दहल उठता है. इन्हें कोरोना का भय नहीं है. ये बस चाहते हैं किसी तरह अपने घर पहुंच जाएं.
इन लोगों को लॉकडाउन में सड़क पर देख कर हर कोई इन्हें कोस तो सकता है, लेकिन ऐसे ही कोई अपने सिर पर कफन बांध कर नहीं निकल जाता. ऐसे ही कुछ यात्री सीतापुर से बस्ती होते हुए पश्चिम बंगाल जाते हुए मिले. रास्ते में ईटीवी भारत ने इनसे बातचीत की.
ईटीवी भारत से की बातचीत
लॉकडाउन के बावजूद सड़क पर निकलने का कारण पूछे जाने पर इन्होंने बताया कि ये सीतापुर में काम करते हैं. वहां एक कमरे में पांच लोग रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टनसिंग कैसे हो पाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार ने वैसे तो खाने पीने से लेकर सभी आवश्यक व्यवस्था की है, लेकिन अगर हमें कोरोना हो गया तो हम क्या करेंगे. हम सब लोग चाहते हैं कि अगर हमें कुछ होता भी है तो घर पर हो. हम अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं.
बस्ती में क्वारंटाइन जमाती दे रहे गाली, मांग रहे अंडा, बिरयानी और टीवी
हैरानी की बात ये भी है कि सीतापुर से ये पांच लोग बस्ती पहुंच गये, लेकिन रास्ते में किसी ने जांच तक नहीं की और न ही इन्हें जागरूक करने की कोशिश की. ऐसे लोगों से बात करके तो ये जरूर पता चलता है कि कहीं न कहीं लोग कंफ्यूज़ हैं और इसलिए अपने साथ-साथ दूसरों की जिंदगी भी खतरे में डाल रहे हैं.