बस्ती: बस्ती महोत्सव में मैथिली ठाकुर के गीतों के बाद देर रात 2:30 बजे तक कवि सम्मेलन और मुशायरे का दौर चलता रहा. मशहूर कवि और लेखक कुमार विश्वास के साथ-साथ देश के कई नामचीन कवियों और गीतकारों ने अपनी रचनाएं सुनाई. अमन अक्षर, हेमंत पांडे, शबा कानपुरी, मुमताज नसीम, दिनेश बावरा आदि से सजे मंच पर देश काल के हालात से लेकर श्रृंगार और हास्य रस की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों की श्रृंखला चलती रही. खास बात यह थी कि आज कुमार विश्वास का जन्मदिन भी था.
हल्की-हल्की ओस की बूंदों के बीच ज्यों-ज्यों रात ढल रही थी, त्यों-त्यों रात तालियों और वाह-वाह की आवाज से गुलजार हो रही थी. कवि सम्मेलन की शुरुआत से पहले काव्य जगत को ऊंचाई पर पहुंचाने वाले कुमार विश्वास ने मंच पर उपस्थित कवियों रचनाकारों का परिचय कराते हुए महोत्सव समिति के प्रति आभार व्यक्त किया.
कुमार विश्वास ने कहा कि इस वर्ष की काव्य यात्रा के दौरान आज 28 जनवरी को महर्षि वशिष्ठ और महान समालोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल की धरती का वंदन अभिनंदन करने का अवसर मिला. ग्राउंड में उपस्थित बाई तरफ के जनसमूह देख गदगद कुमार विश्वास ने कहा कि वह पहला वामपंथ देख रहे हैं, जो इतना मुखर है. कवि सम्मेलन की शुरुआत स्थानीय कवियों से हुई.
वहीं तेजी से ख्याति प्राप्त करते जा रहे युवा कवि अमन अक्षर ने अपनी बहुचर्चित कविता 'भाव सूचियां बहुत हैं, भाव सिर्फ राम हैं' सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया. इसी क्रम में 'हम पर तुम्हारे प्यार ने एहसान कर दिया, पूछा सहेलियों ने दिल में बसा है कौन, मैंने तुम्हारे नाम का एलान कर दिया'. साथ ही दिनेश बावरा ने खूब व्यंग के तीर चलाए. अंत में कुमार विश्वास की मशहूर कविताओं पर देर रात तक श्रोता झूमते रहे. इस दौरान कुमार विश्वास ने राजनीतिक टिप्पणियों के साथ-साथ लोगों को खूब हंसाया.