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बस्ती: कोटेदार कर रहा था गरीबों का अनाज हजम! एसडीएम ने ली खबर - kotedar fraud in basti

बस्ती के कुदरहा ब्लॉक के अमरौना गांव में एक कोटेदार का फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. गांव के ही एक युवक की शिकायत पर एसडीएम ने जांच कराई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. बताया जा रहा है कि कोटेदार ने 267 लोगों के नाम का फर्जी प्रस्ताव बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था.

कोटेदार कर रहा था गरीबों का अनाज हजम
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Published : Nov 13, 2019, 4:55 AM IST

बाराबंकी: जिले में गरीब परिवारों को सस्ते दर पर राशन देने की सरकार की मंशा पर जिम्मेदार पानी फेर रहे हैं. कुदरहा ब्लॉक के अमरौना गांव में 25 जुलाई 2019 को अधिकारियों के द्वारा कोटे का चयन हुआ, लेकिन फर्जी तरीके से कोटे की दुकान हासिल करने वाले नटवरलाल कोटेदार नंदलाल की पोल खुल गयी.

कोटेदार कर रहा था गरीबों का अनाज हजम
नकली सिग्नेचर कराकर फर्जीवाड़े को दिया अंजामफर्जी तरीके से कोटा लेने की शिकायत गांव के ही शत्रुघ्न ने जब की तो पता चला कि दिल्ली और मुम्बई में रहने वाले लोग के फर्जी सिग्नेचर कर उनके नाम का प्रस्ताव बना लिया गया. साथ ही गांव के 267 लोगों के नाम का फर्जी प्रस्ताव बनाकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

एसडीएम ने जांच कराकर कोटा निरस्त किया
फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कराकर गांव के प्रधान रामदीन यादव और सेक्रेटरी वीरेंद्र की मिलीभगत से फर्जी कोटे का चयन भी कर लिया गया. इसके बाद नटवरलाल कोटेदार ने जिला पूर्ति विभाग से राशन भी ले लिया लेकिन उस राशन की वह कालाबाजारी कर गरीबों के पेट पर सेंधमारी कर ली. लेकिन जब एसडीएम ने जांच कराई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए तत्काल कोटा निरस्त कर दिया गया. वहीं अभी तक सेक्रेटरी और प्रधान के खिलाफ दोषी पाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बाराबंकी: जिले में गरीब परिवारों को सस्ते दर पर राशन देने की सरकार की मंशा पर जिम्मेदार पानी फेर रहे हैं. कुदरहा ब्लॉक के अमरौना गांव में 25 जुलाई 2019 को अधिकारियों के द्वारा कोटे का चयन हुआ, लेकिन फर्जी तरीके से कोटे की दुकान हासिल करने वाले नटवरलाल कोटेदार नंदलाल की पोल खुल गयी.

कोटेदार कर रहा था गरीबों का अनाज हजम
नकली सिग्नेचर कराकर फर्जीवाड़े को दिया अंजामफर्जी तरीके से कोटा लेने की शिकायत गांव के ही शत्रुघ्न ने जब की तो पता चला कि दिल्ली और मुम्बई में रहने वाले लोग के फर्जी सिग्नेचर कर उनके नाम का प्रस्ताव बना लिया गया. साथ ही गांव के 267 लोगों के नाम का फर्जी प्रस्ताव बनाकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

एसडीएम ने जांच कराकर कोटा निरस्त किया
फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कराकर गांव के प्रधान रामदीन यादव और सेक्रेटरी वीरेंद्र की मिलीभगत से फर्जी कोटे का चयन भी कर लिया गया. इसके बाद नटवरलाल कोटेदार ने जिला पूर्ति विभाग से राशन भी ले लिया लेकिन उस राशन की वह कालाबाजारी कर गरीबों के पेट पर सेंधमारी कर ली. लेकिन जब एसडीएम ने जांच कराई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए तत्काल कोटा निरस्त कर दिया गया. वहीं अभी तक सेक्रेटरी और प्रधान के खिलाफ दोषी पाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- नटवरलाल कोटेदार की खुली पोल

एंकर- जिले में गरीब परिवारों को सस्ते दर पर राशन देने की योगी सरकार की मंसा पर उन्ही के मातहत पानी फेर रहे है, कुदरहा ब्लॉक के अमरौना गांव में 25 जुलाई 2019 को अधिकारियों के द्वारा कोटे का चयन हुआ, लेकिन फर्जी तरीके से कोटे की दुकान हासिल करने वाले नटवरलाल कोटेदार नंदलाल की पोल खुल गयी, एसडीएम और बीडीओ की आंख में धूल झोंक कर फर्जी तरीके से कोटा लेने की गांव के ही शत्रुघ्न ने शिकायत की तो पता चला कि दिल्ली और मुम्बई व विदेश में रहने वाले लोग के फर्जी सिग्नेचर कर उनके नाम का प्रस्ताव बना लिया, गांव के 267 लोगो के नाम का फर्जी प्रस्ताव बना कर इन फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया, एसडीएम सदर की जांच में 3 व्यक्ति ऐसे मिले है जो गांव में रहने वाले थे बाकी सभी बाहर ही रहकर अपना जीवन यापन कर रहे है, बावजूद उनके हस्ताक्षर पर प्रस्ताव बना लिए गए, गांव के प्रधान रामदीन यादव और सेक्रेटरी वीरेंद्र की मिलीभगत से फर्जी कोटे का चयन कर लिया गया, इसके बाद नटवरलाल कोटेदार नंदलाल जिला पूर्ति विभाग से राशन का उठान भी कर लिया लेकिन उस राशन की वह कालाबाज़ारी कर गरीबो के पेट पर सेंधमारी कर ली, लेकिन फर्जी कोटेदार की दाल ज्यादा देर तक नही गल सकी, एसडीएम ने जांच कराई तो मामला अफसरो के संज्ञान में आया, जिसके बाद कार्यवाही करते हुए तत्काल कोटा निरस्त कर दिया गया, लेकिन अभी तक सेक्रेटरी और प्रधान के खिलाफ जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है, 





Body:सीडीओ अरविंद पांडे ने बताया कि फर्जी कोटे की शिकायत मिलने पर जांच कराई गई और जांच रिपोर्ट आने पर दोषी कोटेदार का कोटा निरस्त कर दिया गया, वही फर्जी प्रस्ताव बनाने वाले प्रधान और सेक्रेटरी के खिलाफ कार्यवाही के लिए डीडीओ को उनके स्तर से पत्र लिखा गया है।

बाइट- शिकायतकर्ता
बाइट- ग्रामीण
बाइट- अरविंद......सीडीओ


बस्ती यूपी


Conclusion:
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