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कबीर हत्याकांड: परिजनों ने अखिलेश यादव से लगाई न्याय की गुहार, सौंपा ज्ञापन - कबीर तिवारी हत्याकांड में परिजनों ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश के बस्ती में कबीर तिवारी हत्याकांड मामले में न्याय की गुहार लगाने के लिए परिजन अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे. कबीर की बहन ने न्याय के लिए अखिलेश को ज्ञापन सौंपा.

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कबीर की बहन ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jan 4, 2020, 10:26 PM IST

बस्ती: जिले के बहुचर्चित कबीर हत्याकांड में न्याय न मिलने से परेशान परिजन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे. इस दौरान कबीर की बहन ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कबीर के परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है.

कबीर की बहन ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन.

कबीर की बहन ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन
अखिलेश यादव से मिलने पहुंची कबीर की बहन रंजना तिवारी का कहना है कि सीएम योगी ने मामले की जांच एसआईटी से लेकर सीबीसीआईडी को दे दी है, जो पीड़ित परिवार के ही खिलाफ हैं. अखिलेश को दिये ज्ञापन में रंजना ने साफ कहा है कि भाजपा नेता उसके परिवार को बरगला रहे हैं, इसीलिए भाजपा से न्याय की उम्मीद नहीं है. हत्याकांड के साजिशकर्ता को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

बीजेपी के थे सक्रिय नेता
कबीर तिवारी बीजेपी के सक्रिय नेता और छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष थे. 9 अक्टूबर 2019 को दिनदहाड़े कबीर तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना में 8 नामजद और दो अज्ञात आरोपियों में से महज चार की गिरफ्तारी हो पाई है.

10 आरोपियों में से 4 की हुई गिरफ्तारी
घटना को अंजाम दने वाले दो शूटरों को पब्लिक ने मौके पर ही पकड़ लिया था. दो आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने असलहा सप्लाई करने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया. साथ ही हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी को एसटीएफ की टीम ने लखनऊ में गिरफ्तार किया था. इस तरह 10 आरोपियों में से कुल 4 की ही गिरफ्तारी हो पाई है.

इसे भी पढ़ें:- कबीर हत्याकांड: 36 उपद्रवियों के खिलाफ चार्जशीट, पाई-पाई की होगी वसूली

बस्ती: जिले के बहुचर्चित कबीर हत्याकांड में न्याय न मिलने से परेशान परिजन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे. इस दौरान कबीर की बहन ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कबीर के परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है.

कबीर की बहन ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन.

कबीर की बहन ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन
अखिलेश यादव से मिलने पहुंची कबीर की बहन रंजना तिवारी का कहना है कि सीएम योगी ने मामले की जांच एसआईटी से लेकर सीबीसीआईडी को दे दी है, जो पीड़ित परिवार के ही खिलाफ हैं. अखिलेश को दिये ज्ञापन में रंजना ने साफ कहा है कि भाजपा नेता उसके परिवार को बरगला रहे हैं, इसीलिए भाजपा से न्याय की उम्मीद नहीं है. हत्याकांड के साजिशकर्ता को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

बीजेपी के थे सक्रिय नेता
कबीर तिवारी बीजेपी के सक्रिय नेता और छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष थे. 9 अक्टूबर 2019 को दिनदहाड़े कबीर तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना में 8 नामजद और दो अज्ञात आरोपियों में से महज चार की गिरफ्तारी हो पाई है.

10 आरोपियों में से 4 की हुई गिरफ्तारी
घटना को अंजाम दने वाले दो शूटरों को पब्लिक ने मौके पर ही पकड़ लिया था. दो आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने असलहा सप्लाई करने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया. साथ ही हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी को एसटीएफ की टीम ने लखनऊ में गिरफ्तार किया था. इस तरह 10 आरोपियों में से कुल 4 की ही गिरफ्तारी हो पाई है.

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Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: जनपद के बहुचर्चित कबीर हत्याकांड में न्याय न मिलने से परेशान परिजन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे. इस दौरान कबीर की बहन ने मीडिया के सामने रो-रो कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. साथ ही अपने भाई कबीर की हत्या पर बीजेपी नेताओं और पुलिस पर आरोप लगाया. वहीं अखिलेश यादव से न्याय दिलाने की गुहार लगाई. बता दें कि कबीर तिवारी की 9 अक्टूबर 2019 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. कबीर बीजेपी के सक्रिय नेता और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष थे.

अखिलेश यादव से मिलने पहुंची कबीर की बहन रंजना तिवारी का कहना है कि मामले की जांच मुख्यमंत्री ने एसआईटी से लेकर सीबीसीआईडी को दे दिया है. जो पीड़ित परिवार के ही खिलाफ है. अखिलेश को दिये ज्ञापन में रंजना से साफ कहा है कि भाजपा नेता उसके परिवार को बरगला रहे हैं, उनसे न्याय की उम्मीद नही है. हत्याकांड के साजिशकर्ता को पुलिस आज तक गिरफ्तार नही कर पायी. उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और पुलिस की निगरानी में हत्या की गई.

Body:बीतते समय के साथ इस मामले में राजनीति बढ़ती जा रही है. सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी नेता आखिर जांच को क्यों प्रभावित करेंगे. उनका इसमें क्या लाभ है. कबीर भी तो भाजपा में ही अपना भविष्य तलाश रहा था. आखिर किसकी आंख का किरकिरी बना था. ऐसे तमाम सवालों के जवाब में क्या किसी भाजपा नेता का भी नाम आ सकता है. घटना के बाद मुख्यमंत्री की गंभीरता, एडीजी आशतुष पाण्डेय की कैम्पिंग, फटाफट अफसरों के तबादलों और सांसद तथा उनके समर्थकों का गुस्सा देख ऐसा लगा था कि कुछ ही दिनो में पीड़ित परिवार को न्याय मिल जाएगा लेकिन हुआ कुछ नही. इतना ही नही कबीर के परिजनों को ढाढ़स बंधाने कानून मंत्री बृजेश पाठक खुद उसके गांव ऐंठी पहुचे थे. उन्होने एक सप्ताह के भीतर परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था.

Conclusion:इस चर्चित हत्याकांड में पुलिस के वर्क आउट की बात करें तो 8 नामजद दो अज्ञात आरोपियों में महज एक को गिरफ्तार कर पायी. घटना को अंजाम देने वाले दो शूटरों को पब्लिक ने ही मौके पर पकड़ लिया था. बाद में पुलिस ने बहुत हाथ पांव मारा तो शूटरों को असलहा सप्लाई करने वाला उनके हाथ लग गया. साथ ही हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी को लखनऊ में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. कुल मिलाकर 10 आरोपियों में 4 गिरफ्तार किये गये.

बाइट....रंजना, कबीर की बहन
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