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बाबा के बुलडोजर का कारनामा, करने लगे जज साहब ड्रामा

बस्ती के छपिया शुक्ल गांव में नहर की खुदाई कर रही जेसीबी के आगे न्यायिक अधिकारी लेट गए. जबरदस्ती जमीन खुदवाने का आरोप लगाते हुए नहर खुदाई का काम रूकवा दिया.

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न्यायिक अधिकारी
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Published : Mar 24, 2022, 6:30 PM IST

बस्ती. बाबा के बुलडोजर को लेकर कहा जा रहा है कि अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की कार्यवाही अब एक शगल बन गई है. बाबा का बुलडोजर अपराधियों के अवैध आशियानों पर चल रहा है. हालांकि बस्ती में बाबा के बुलडोजर पर एक जज साहब कुंडली मार कर बैठ गए. लाख कोशिश के बावजूद बाबा का बुलडोजर अपना काम नहीं कर पाया. उन्होंने 15 घंटे तक बाबा के बुलडोजर के आगे लेट कर विरोध जताया. इसके बाद अब जज साहब बाकायदा खटिया डालकर बैठे हुए हैं. बाबा का बुलडोजर जज साहब के हटने के इंतजार में खड़ा है.

गौरतलब है कि हरैया थानांतर्गत छपिया शुक्ल गांव में नहर खुदाई कर रही जेसीबी के आगे जमीन पर एक न्यायिक अधिकारी लेट गए. अपनी जमीन को जबरदस्ती खोदने का आरोप लागते हुए कार्य रूकवा दिया. सूचना पर जिले के अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस पहुंच गई. अधिकारी न्यायिक अधिकारी को समझाने का प्रयास करते रहे. हर्रैया-रजवाहा नहर लगभग 28.5 किमी खुदाई होनी थी. नहर की खुदाई लगभग पूरी हो गई है. केवल छपिया शुक्ल निवासी जगदीश प्रसाद शुक्ल की जमीन की खुदाई बाकी थी.

न्यायिक अधिकारी

जगदीश प्रसाद शुक्ल अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र देकर अपनी जमीन में नहर बनाने का विरोध भी जताया है लेकिन नहर विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार जय मंगल सिंह के साथ मौके पर पहुंचकर उनकी जमीन में जेसीबी से खुदाई शुरू करवा दी. परिजन मयंक और योगेंद्र ने विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. छुट्टी लेकर घर आए जगदीश प्रसाद शुक्ल के पुत्र अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ल मौके पर पहुंचे और खुदाई रोकने लगे तो ठेकेदार नहीं माने.

अपर जिला जज कोट पैंट और टाई पहने जेसीबी के आगे जमीन पर लेट गए. उन्होंने जिलाधिकारी पर जबरदस्ती नियम के विरुद्ध उनकी जमीन में नहर खुदवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक खोदी हुई जमीन पाट कर उन्हें नहर न खोदने का आश्वासन नहीं मिलेता, तब तक जमीन पर ही लेटे रहेंगे. पूरी रात एसडीएम सदर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अमृत पाल कौर, नहर विभाग के अधिशासी अभियंता जय सिंह, एइ राज कुमार आजाद, जेइ पवन कुमार सहित तमाम अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल और आसपास के तमाम लोग मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें:भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण की भव्य तैयारियां, सुरक्षा ऐसी कि परिंदा भी पर न मार पाए..

अधिकारी अपर जिला जज को मनाने का प्रयास करते रहे. नहर विभाग के अधिकारी ने बताया कि उनका लगभग 34 लाख मुआवजा बना है. एसएलओ ऑफिस बस्ती से उन्हें कहा गया लेकिन नहीं ले रहे हैं. अपर जिला जज का कहना है कि वे अपनी जमीन नहीं देंगे. जिलाधिकारी नियम विरुद्ध तरीके से जबरन उनकी जमीन से नहर निकलवा रहे है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर मौके पर पहुंची हरैया तहसील की एसडीएम, जिले के एडीएम, सरयू नहर परियोजना के अफसरों से लेकर जिले की डीएम सौम्या अग्रवाल से प्रशासनिक पक्ष जानने की काफी कोशिश की. जज का मामला बताकर कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए और कहा ऐसी खबर चलाने को रहने दीजिए.

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बस्ती. बाबा के बुलडोजर को लेकर कहा जा रहा है कि अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की कार्यवाही अब एक शगल बन गई है. बाबा का बुलडोजर अपराधियों के अवैध आशियानों पर चल रहा है. हालांकि बस्ती में बाबा के बुलडोजर पर एक जज साहब कुंडली मार कर बैठ गए. लाख कोशिश के बावजूद बाबा का बुलडोजर अपना काम नहीं कर पाया. उन्होंने 15 घंटे तक बाबा के बुलडोजर के आगे लेट कर विरोध जताया. इसके बाद अब जज साहब बाकायदा खटिया डालकर बैठे हुए हैं. बाबा का बुलडोजर जज साहब के हटने के इंतजार में खड़ा है.

गौरतलब है कि हरैया थानांतर्गत छपिया शुक्ल गांव में नहर खुदाई कर रही जेसीबी के आगे जमीन पर एक न्यायिक अधिकारी लेट गए. अपनी जमीन को जबरदस्ती खोदने का आरोप लागते हुए कार्य रूकवा दिया. सूचना पर जिले के अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस पहुंच गई. अधिकारी न्यायिक अधिकारी को समझाने का प्रयास करते रहे. हर्रैया-रजवाहा नहर लगभग 28.5 किमी खुदाई होनी थी. नहर की खुदाई लगभग पूरी हो गई है. केवल छपिया शुक्ल निवासी जगदीश प्रसाद शुक्ल की जमीन की खुदाई बाकी थी.

न्यायिक अधिकारी

जगदीश प्रसाद शुक्ल अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र देकर अपनी जमीन में नहर बनाने का विरोध भी जताया है लेकिन नहर विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार जय मंगल सिंह के साथ मौके पर पहुंचकर उनकी जमीन में जेसीबी से खुदाई शुरू करवा दी. परिजन मयंक और योगेंद्र ने विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. छुट्टी लेकर घर आए जगदीश प्रसाद शुक्ल के पुत्र अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ल मौके पर पहुंचे और खुदाई रोकने लगे तो ठेकेदार नहीं माने.

अपर जिला जज कोट पैंट और टाई पहने जेसीबी के आगे जमीन पर लेट गए. उन्होंने जिलाधिकारी पर जबरदस्ती नियम के विरुद्ध उनकी जमीन में नहर खुदवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक खोदी हुई जमीन पाट कर उन्हें नहर न खोदने का आश्वासन नहीं मिलेता, तब तक जमीन पर ही लेटे रहेंगे. पूरी रात एसडीएम सदर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अमृत पाल कौर, नहर विभाग के अधिशासी अभियंता जय सिंह, एइ राज कुमार आजाद, जेइ पवन कुमार सहित तमाम अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल और आसपास के तमाम लोग मौजूद रहे.

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अधिकारी अपर जिला जज को मनाने का प्रयास करते रहे. नहर विभाग के अधिकारी ने बताया कि उनका लगभग 34 लाख मुआवजा बना है. एसएलओ ऑफिस बस्ती से उन्हें कहा गया लेकिन नहीं ले रहे हैं. अपर जिला जज का कहना है कि वे अपनी जमीन नहीं देंगे. जिलाधिकारी नियम विरुद्ध तरीके से जबरन उनकी जमीन से नहर निकलवा रहे है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर मौके पर पहुंची हरैया तहसील की एसडीएम, जिले के एडीएम, सरयू नहर परियोजना के अफसरों से लेकर जिले की डीएम सौम्या अग्रवाल से प्रशासनिक पक्ष जानने की काफी कोशिश की. जज का मामला बताकर कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए और कहा ऐसी खबर चलाने को रहने दीजिए.

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