बस्ती: पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में तैनात सैकड़ों अनुदेशक शनिवार को बड़ी संख्या में शास्त्री चौक से बैनर पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए डीएम व बीजेपी कार्यालय पहुंचे. नियमितीकरण की मांग व अल्प मानदेय वृद्धि के विरोध में डीएम कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी व भाजपा जिला अध्यक्ष महेश शुक्ला (BJP District President Mahesh Shukla) को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को के नाम का ज्ञापन सौंपा.
पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति (Pre-Secondary Instructors Welfare Committee) के जिला अध्यक्ष अमित कुमार सिंह ने बताया कि अनुदेशक पिछले 9 वर्षों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं. अनुदेशकों को प्रति माह 7000 रुपये मिल रहे हैं. पूर्व में अखिलेश सरकार ने अनुदेशकों के मानदेय ने 1470 रुपये की बढ़ोतरी की थी.
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वर्तमान योगी सरकार ने सत्ता में आने पर अनुदेशकों का मानदेय मार्च 2017 में रुपये 17,000 कर दिया था. लेकिन 5 साल बीतने को है, राज्य सरकार ने 17,000 मानदेय देने की बात तो दूर बढ़े मानदेय की रिकवरी कर ली.
17,000 मानदेय के मामले को न्यायालय में ले जाने पर माननीय उच्च न्यायालय की दोनों खंडपीठ इलाहाबाद व लखनऊ के सिंगल बेंच ने राज्य सरकार को 17,000 मानदेय देने का आदेश दिया गया. लेकिन उस आदेश का पालन नहीं हुआ. बीते 29 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री ने अनुदेशकों के मानदेय में 2,000 रुपये की वृद्धि की, जो अपमानजनक है. मुख्यमंत्री से निवेदन है कि अनुदेशकों के मानदेय वृद्धि पर पुनर्विचार करते हुए उन्हें उन्हीं के पद पर नियमित कर दें. अन्यथा आने वाले विधानसभा चुनाव में इसके गंभीर परिणाम होंगे.
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