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बस्ती: कोरोना ने किया मंदिर सूना, बाबा भदेश्वर के दर्शन करने आते थे लाखों लोग

बस्ती के बाबा भदेश्वर मंदिर में हर साल लाखों लोग श्रावण मास में दर्शन करने आते थे, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से कुछ ही लोग आ रहे हैं. जो भी लोग दर्शन करने आ रहे हैं उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए दर्शन कराया जा रहा है. मास्क के बिना आने वाले लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है.

baba bhadeshwar temple
बाबा भदेश्वर मन्दिर.
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Published : Jul 13, 2020, 1:35 PM IST

बस्ती: श्रावण मास में बाबा भदेश्वर मंदिर में लगभग 10 लाख लोग हर साल अयोध्या से जल लेकर चढ़ाने आते हैं, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से मन्दिर सूना पड़ा है. सिर्फ आस-पास के लोग ही भोलेनाथ को जल चढ़ाने पहुंच रहे हैं. जिला प्रशासन ने मन्दिर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी है. साथ ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि मन्दिर में भीड़ न हो पाए.

दरअसल, बाबा भदेश्वर नाथ मन्दिर जिला मुख्यालय से लगभग 5-6 किमी पर कुवानो नदी के तट पर स्थित है. भगवान शिव का यह एक पौराणिक प्रसिद्ध मंदिर है. ऐसा माना जाता था कि यह मंदिर त्रेतायुग में लंका के राजा रावण ने कैलाश से लाकर स्थापित किया था. इस शिवलिंग और भदेश्वर नाथ का जिक्र शिवपुराण में भी है. शिव भक्तों के लिए बस्ती का बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर अगाध आस्था का केंद्र है. कई हजार साल तक यह स्थान जंगलों के बीच छिपा रहा.

जानकारी देते बाबा भदेश्वर मंदिर के पुजारी.

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर तमाम रहस्यों को अपने आप में समेटे हुए है. पुजारी ने बताया कि एक बार कुछ चोरों ने शिवलिंग को चुराने की कोशिश की थी, लेकिन 50 फिट खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला तो थक-हारकर चोर भागने लगे. ऐसे में आकाशीय बिजली गिरी और उनकी गाड़ी का पहिया वहीं धंसकर पत्थर बन गया, जो आज भी मंदिर के एक हिस्से में मौजूद है.

मान्यता है कि शिव लिंग का रंग अपने आप बदलता रहता है. साथ ही आज तक तमाम लोगों ने आजमाइश की, लेकिन कोई भी शिवलिंग को अपने बाजुओं में नहीं भर पाया. पुजारी बताते हैं लिंग का आकार अपने आप बढ़ जाता है.

पुजारी ने बताया कि कोरोना की वजह से भक्त इस बार नहीं पहुंच पाए, लेकिन कुछ लोग अब भी आ रहे हैं. आने वाले सभी लोगों को मंदिर में मास्क के बिना प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. दर्शन के दौरान सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

बस्ती: श्रावण मास में बाबा भदेश्वर मंदिर में लगभग 10 लाख लोग हर साल अयोध्या से जल लेकर चढ़ाने आते हैं, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से मन्दिर सूना पड़ा है. सिर्फ आस-पास के लोग ही भोलेनाथ को जल चढ़ाने पहुंच रहे हैं. जिला प्रशासन ने मन्दिर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी है. साथ ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि मन्दिर में भीड़ न हो पाए.

दरअसल, बाबा भदेश्वर नाथ मन्दिर जिला मुख्यालय से लगभग 5-6 किमी पर कुवानो नदी के तट पर स्थित है. भगवान शिव का यह एक पौराणिक प्रसिद्ध मंदिर है. ऐसा माना जाता था कि यह मंदिर त्रेतायुग में लंका के राजा रावण ने कैलाश से लाकर स्थापित किया था. इस शिवलिंग और भदेश्वर नाथ का जिक्र शिवपुराण में भी है. शिव भक्तों के लिए बस्ती का बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर अगाध आस्था का केंद्र है. कई हजार साल तक यह स्थान जंगलों के बीच छिपा रहा.

जानकारी देते बाबा भदेश्वर मंदिर के पुजारी.

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर तमाम रहस्यों को अपने आप में समेटे हुए है. पुजारी ने बताया कि एक बार कुछ चोरों ने शिवलिंग को चुराने की कोशिश की थी, लेकिन 50 फिट खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला तो थक-हारकर चोर भागने लगे. ऐसे में आकाशीय बिजली गिरी और उनकी गाड़ी का पहिया वहीं धंसकर पत्थर बन गया, जो आज भी मंदिर के एक हिस्से में मौजूद है.

मान्यता है कि शिव लिंग का रंग अपने आप बदलता रहता है. साथ ही आज तक तमाम लोगों ने आजमाइश की, लेकिन कोई भी शिवलिंग को अपने बाजुओं में नहीं भर पाया. पुजारी बताते हैं लिंग का आकार अपने आप बढ़ जाता है.

पुजारी ने बताया कि कोरोना की वजह से भक्त इस बार नहीं पहुंच पाए, लेकिन कुछ लोग अब भी आ रहे हैं. आने वाले सभी लोगों को मंदिर में मास्क के बिना प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. दर्शन के दौरान सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

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