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बस्ती : सांसद के गोद लिए गांव नहीं बन पाए आदर्श, देंखे ग्राउंड रिपोर्ट - बस्ती न्यूज

'सांसद आदर्श ग्राम योजना' के तहत सांसद हरीश द्विवेदी ने जिले के अगौना, अमोढ़ा और पैड़ा गांव को गोद लिया था, लेकिन आज भी ये गांव नाली, आवास, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं.

सांसद आदर्श ग्राम योजना'
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Published : May 5, 2019, 8:21 PM IST

बस्ती : सत्ता हासिल करने के बाद लालकिले की प्राचीर से पहली बार बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' का ऐलान किया था. इसके तहत सांसदों को पांच साल में तीन आदर्श गांव बनाने थे. योजना जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 अक्तूबर 2014 को लांच की गई. इसके बाद बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी ने भी तीन गांवों को गोद लिया, लेकिन ये गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वचिंत हैं.

देंखे ग्राउंड रिपोर्ट.
कितना बदला आदर्श गांव
  • सांसद हरीश द्विवेदी ने बस्ती के तीन गांव अगौना, अमोढ़ा और पैड़ा को गोद लिया, लेकिन इन गांवों की जमीनी हकीकत चौकाने वाली है.
  • आज भी अगौना और अमोढ़ा के ज्यादातर लोग नाली, आवास, शौचालय, गैस जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं.
  • वहीं पूरा बस्ती जिला कागजों में ओडीएफ हो चुका है, लेकिन यहां ज्यादातर लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं.
  • अमोढ़ा में कुछ ऐसे भी मोहल्ले थे, जहां लोगों ने आरोप लगाया कि सांसद जाती के नाम पर भेदभाव करते हैं.
  • अभी तक ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला, शौचालय नहीं मिला.

सबसे बड़ा सवाल ये है कि कुछ ऐसे भी इलाके हैं, जहां के लोग सांसद को पहचानते भी नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सांसद कभी गांव के अंदर आए ही नहीं. सड़क पर जब मिलने की कोशिश भी करते हैं, तो उनके लोग मिलने भी नहीं देते हैं.

...नहीं सुनते हैं सांसद

  • बस्ती की पहचान और अगौना के लाल आचार्य रामचन्द्र शुक्ल खुद अपनी ही धरती पर उपेक्षित पड़े हैं.
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम पर लाइब्रेरी बना दी गई है, लेकिन ये लाइब्रेरी अब अराजक तत्वों का अड्डा बन चुकी है.
  • पूर्व प्रधानाचार्य कृष्ण प्रसाद मिश्र ने बताया कि कई बार सांसद हरीश द्विवेदी से कहा गया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
    etv bharat
    बदहाल लाइब्रेरी.

क्या कहते हैं कांग्रेस प्रत्याशी राजकिशोर सिंह

हरीश द्विवेदी पर तंज कसते हुए कहा कि 'अपने मुंह से मियां मिठ्ठू बनते हैं. आज जहां जा रहे हैं, लोग वहां से खदेड़ रहे हैं. जिले में मेडिकल कॉलेज, सड़कों का जाल हमने बिछाया. गोद लिए गांव के लोग आज इन्हें भगा रहें हैं.

जितना हो पाया उतना किया

लोग आरोप लगाते रहते हैं, जब 23 को चुनाव का रिजल्ट आएगा तब पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि जितना मुझसे हो पाया उतना मैने किया.

-हरीश द्विवेदी, सांसद, भाजपा

बस्ती : सत्ता हासिल करने के बाद लालकिले की प्राचीर से पहली बार बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' का ऐलान किया था. इसके तहत सांसदों को पांच साल में तीन आदर्श गांव बनाने थे. योजना जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 अक्तूबर 2014 को लांच की गई. इसके बाद बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी ने भी तीन गांवों को गोद लिया, लेकिन ये गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वचिंत हैं.

देंखे ग्राउंड रिपोर्ट.
कितना बदला आदर्श गांव
  • सांसद हरीश द्विवेदी ने बस्ती के तीन गांव अगौना, अमोढ़ा और पैड़ा को गोद लिया, लेकिन इन गांवों की जमीनी हकीकत चौकाने वाली है.
  • आज भी अगौना और अमोढ़ा के ज्यादातर लोग नाली, आवास, शौचालय, गैस जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं.
  • वहीं पूरा बस्ती जिला कागजों में ओडीएफ हो चुका है, लेकिन यहां ज्यादातर लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं.
  • अमोढ़ा में कुछ ऐसे भी मोहल्ले थे, जहां लोगों ने आरोप लगाया कि सांसद जाती के नाम पर भेदभाव करते हैं.
  • अभी तक ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला, शौचालय नहीं मिला.

सबसे बड़ा सवाल ये है कि कुछ ऐसे भी इलाके हैं, जहां के लोग सांसद को पहचानते भी नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सांसद कभी गांव के अंदर आए ही नहीं. सड़क पर जब मिलने की कोशिश भी करते हैं, तो उनके लोग मिलने भी नहीं देते हैं.

...नहीं सुनते हैं सांसद

  • बस्ती की पहचान और अगौना के लाल आचार्य रामचन्द्र शुक्ल खुद अपनी ही धरती पर उपेक्षित पड़े हैं.
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम पर लाइब्रेरी बना दी गई है, लेकिन ये लाइब्रेरी अब अराजक तत्वों का अड्डा बन चुकी है.
  • पूर्व प्रधानाचार्य कृष्ण प्रसाद मिश्र ने बताया कि कई बार सांसद हरीश द्विवेदी से कहा गया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
    etv bharat
    बदहाल लाइब्रेरी.

क्या कहते हैं कांग्रेस प्रत्याशी राजकिशोर सिंह

हरीश द्विवेदी पर तंज कसते हुए कहा कि 'अपने मुंह से मियां मिठ्ठू बनते हैं. आज जहां जा रहे हैं, लोग वहां से खदेड़ रहे हैं. जिले में मेडिकल कॉलेज, सड़कों का जाल हमने बिछाया. गोद लिए गांव के लोग आज इन्हें भगा रहें हैं.

जितना हो पाया उतना किया

लोग आरोप लगाते रहते हैं, जब 23 को चुनाव का रिजल्ट आएगा तब पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि जितना मुझसे हो पाया उतना मैने किया.

-हरीश द्विवेदी, सांसद, भाजपा

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
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बस्ती: सत्ता हासिल करने के बाद लालकिले की प्राचीर से पहली बार बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का एलान किया था. इसके तहत सांसदों को पांच साल में तीन आदर्श गांव बनाने थे. योजना जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 अक्तूबर 2014 को लांच की गई. जिसके बाद बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी ने भी तीन गांव की गोद लिया.


योजना के अनुसार, बस्ती के ये तीनों आदर्श गांव को पांच साल में आदर्श बन जाना चाहिए था, लेकिन अभी ये सभी गांव आदर्श बनने के करीब भी नहीं पहुंचे सके हैं. आदर्श गांव योजना की गाइडलाइन करीब 40 पन्नों की है, जिसमें 80 से ज्यादा काम बताए गए हैं. हमने गोद लिए गांवों की सड़क, नाली, आवास, शौचालय, स्कूल, पानी, सीवर जैसी बुनियादी जरूरतों की पड़ताल की. आदर्श गांवों की हकीकत बताती पेश है एक रिपोर्ट.

सांसद हरीश द्विवेदी ने बस्ती के तीन गांव अगौना, अमोढ़ा, और पैड़ा को गोद लिया. लेकिन जब हमने वहां की पडताल की तो जमीनी हकीकत चौकाने वाली थी. आज भी अगौना और अमोढ़ा के ज्यादातर पूरवे सड़क, नाली, आवास, शौचालय, गैस, जैसी बुनियादी सुबिधा से वंचित हैं. वहीं पूरा बस्ती जिला कागजों में ओडीएफ हो चुका है लेकिन यहां ज्यादातर लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं.

इतना ही नही पांच साल में सांसद हरीश द्विवेदी कुछ ऐसे जगह है जहां पहुच नही पाए. लोगो से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम सांसद से कभी मिले ही नही. 

अमोढ़ा में कुछ ऐसे भी मोहल्ले थे जहां लोगों ने आरोप लगाया कि सांसद हिन्दू मुस्लिम के नाम पर भेदभाव करते हैं. अभी तक लोगो को प्रधानमंती आवास योजना का लाभ नही मिला, शौचालय नही मिला. तमाम महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्ह उज्वला योजना का लाभ नही मिला. केंद्र सरकार की तमाम योजनाएं आज भी लोगो के लिए किसी अचंभे से कम नही है.


वही बस्ती के पहचान और अगौना के लाल आचार्य राम चन्द्र शुक्ल खुद अपनी ही धरती पर उपेक्षित पड़े हैं. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम पर लाइब्रेरी बना दी गयी लेकिन वो आज अराजक त्तत्वों का अड्डा बन चुकी है. पूर्व प्रधानाचार्य कृष्ण प्रसाद मिश्र ने बताया कि कई बार सांसद हरीश द्विवेदी से कहा गया लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ मिला नही. 


सबसे बड़ा सवाल ये है कि कुछ ऐसे भी इलाके है जहां के लोग संसद को पहचानते भी नही हैं. लोगों का कहना है कि सांसद कभी गांव के अंदर आये ही नही. सड़क पर जब मिलने की कोशिश भी करते है तो उनके लोग मिलने भी नही देते. 


सुनिए क्या कहते हैं सांसद

सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि लोग आरोप लगाते रहते हैं, जब 23 को चुनाव का रिजल्ट आएगा तब पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि जितना मुझसे हो पाया उतना मैने किया.


क्या कहते हैं कांग्रेस प्रत्याशी राजकिशोर सिंह

हरीश द्विवेदी को विकास द्विवेदी कहने पर राजकीशिर सिंहः ने तंज करते हुए कहा कि अपने मुहं से मियां मिठ्ठू बनते हैं. आज जहां जा रहे है लोग खदेड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिले में मेडिकल कालेज, सड़को का जाल हमने बिछाया. उन्होंने कहा कि गोद लिए गांव के लोग आज इन्हें भगा रही है.





Body:विजुअल...अगौना गांव

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का पुस्तकालय

बाइट...प्रेमचंद्र

बाइट...अंगद प्रसाद गुप्ता

बाइट...सूफिया खातून

विजुअल....आवास नही, शौचालय नही, गैस नही

बाइट... सुमन 

बाइट.... बाबूराम

विजुअल...झोपड़ी

बाइट...श्री राम चौहान

बाइट...श्यामदेव

बाइट...शिला

बाइट....राम अधार

बाइट...फूलमती

बाइट...गुलबा

बाइट... कृष्ण कुमार मिश्रा, पूर्व प्रधानाचार्य, केयर टेकर, पुस्तकालय


विजुअल...अमोढ़ा गांव

बाइट...तुफैल अहमद

बाइट...इमरान खान

बाइट...सलीम

बाइट...अब्दुल कलाम

बाइट...जाहिदा

बाइट...कंचन

बाइट....अनुज कुमार

विजुअल....जर्जर सड़क, नाली, आवास, शौचालय


बाइट....हरीश द्विवेदी, सांसद, बीजेपी प्रत्याशी

बाइट... राजकिशोर सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी




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