बस्ती: प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्रों के सपने को हर कोई चकनाचूर करने में लगा हुआ है. आवास की नींव पड़ने से पहले ही विकास खंड कूदरहा के ग्राम पंचायत तिघरा के कई दलितों का सपना प्रधान ने तोड़ दिया. पहली किस्त के रूप में मिले 40 हजार रुपये में से प्रधान ने जबरन 10-10 हजार रुपये कई दलित परिवारों से ले लिए. प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्रों का आरोप है कि प्रधान ने बैंक में जाकर 10-10 हजार रुपये ले लिए. लोगों ने अपनी व्यथा बताई कि कैसे प्रधान उन सभी से जबरन वसूली कर रहा है.
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन गरीबों को 1 लाख 20 हजार रुपये दिया जाता है, जिनके पास रहने को अपना पक्का मकान नहीं होता. सरकार द्वारा इस रकम को तीन किस्तों में लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है, लेकिन भ्रष्टाचारी इस योजना में भी अपना लाभ ढूंढ लेते हैं. तिगरा गांव के रंगरूट प्रधान रमेश चौधरी पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब उनके खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किस्त के तौर पर 40 हजार रुपये आए, तो प्रधान उन सभी को बैंक में लेकर गया. इसके बाद उनसे जबरदस्ती 10 हजार की वसूली की. मजबूरी में लाभार्थियों ने प्रधान को 10 हजार रुपये दे दिए.
अगली किस्त से भी लेंगे 10 हजार
प्रधान ने ग्रामीणों से यह भी कहा कि अगली जो किस्त होगी, उसमें से भी 10 हजार उन्हें चाहिए. यानी अब दूसरी किस्त आते ही इन ग्रामीणों को प्रधान को 10 हजार देने होंगे. कुल मिलाकर सरकार द्वारा इन गरीबों को दी जा रही योजना में भी सेंधमारी की जा रही है.
आयुक्त ने कही कार्रवाई की बात
मंडलायुक्त अनिल सागर ने बताया कि जहां से भी प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है, उसकी विस्तृत जांच कराई जा रही है. जो दोषी मिलता है, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होती है. शासन के निर्देशों के अनुसार, अधिकारियों को सख्त निर्देश हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी प्रकार से कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए. अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.