ETV Bharat / state

बस्ती: गंदगी, जलजमाव और कूड़े का ढेर बना मेडिकल कॉलेज की पहचान

author img

By

Published : Oct 23, 2019, 7:21 PM IST

उत्तर प्रदेश के बस्ती मेडिकल कॉलेज में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. दरअसल कॉलेज परिसर में वर्षों पड़े कूड़े को मेडिकल प्रशासन हटवाने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके चलते परिसर में रहने वाले लोगों को अनेक गंभीर बीमारियों को सामना करना पड़ रहा है.

प्रशासन की लापरवाही से कूड़े का ढेर बन रहा मेडिकल कॉलेज

बस्तीः एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को स्वच्छ और सुंदर रखने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिले का यह मेडिकल कॉलेज उनके इस अभियान पर पानी फेर रहा है . दरअसल ओपेक चिकित्सालय कैली को भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बना दिया गया हो, लेकिन वहां की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

कूड़े का ढेर बन रहा मेडिकल कॉलेज.

कैली परिसर में वर्षों से पड़ा डंप कूड़ा लोगों की बीमारी का कारण बना हुआ है. हालत यह है कि परिसर में निवास करने वालें लोगों को सांस तक लेना दूभर हो गया है. मेडिकल प्रशासन की इस लापरवाही के चलते गंदगी, जलजमाव और कूड़े का ढेर कैंपस की पहचान बन गया है.

कूड़ा बना लोगों की बीमारी का कारण
लोगों की सेहत सुधारने वाला विभाग खुद लोगों की सेहत को बिगाड़ने में लगा हुआ है. जिले का ओपेक चिकित्सालय कैली को भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बना दिया गया हो, लेकिन उसकी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. कैली परिसर में रहने वाले बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन मेडिकल प्रशासन वर्षों से पड़े डंप कूड़े को हटवाने का नाम नहीं ले रहा है.

संक्रामक बीमारियों का शिकार हो रहे स्थानीय निवासी

  • परिसर में फैली इस गंदगी के चलते आवासों में रहने वाले अनेक परिवार संक्रामक बीमारियों के शिकार हो गए है.
  • पहले बुखार और अब डेंगू ने यहां के लोगों को अपने गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है.
  • अस्पताली कचरा और गंदगी के चलते इस परिसर में निवास करने वालो का सांस तक लेना दूभर हो गया है.
  • परिसर में बने आवास तक झाड़ियों से घिरे गए है.

मेडिकल कॉलेज बनने और ओपेक चिकित्सालय कैली मेडिकल प्रशासन के पास जाने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इसके दिन बहुरेंगे और वर्षों से नारकीय जीवन जी रहे लोगों को इससे निजात मिलेगी, लेकिन हालात नहीं बदले. गंदगी के चलते मच्छरजनित रोगों ने यहां दस्तक दे दी है. परिसर में अनेक लोग डेंगू जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए हैं.

गंदगी का भरमार है यह परिसर
कैली परिसर में रहने वाली और डेंगू की चपेट में आकर अपना इलाज करा रही अदिति सिंह ने बताया कि परिसर में गंदगी का भरमार है. यहां साफ सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते अनेक बीमारियां पनप रही हैं.

साफ सफाई कराने की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं
परिसर में निवास करने वाले डीएन द्विवेदी ने बताया कि परिसर के पिछले हिस्से में आज तक साफ सफाई नहीं हुई है. परिसर में झाड़ू लगाने के कौन कहे कूड़ा तक तो हटवाया नहीं जाता. सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां साफ सफाई कराने के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है.

स्टाफ के लोग अपने स्तर से पैसा इक्ट्ठा कर नालियों की साफ सफाई कराते है. पूर्व में गंदगी के चलते यहां हैजा फैला था और अब लोग बुखार डेंगू जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे है.

वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत का कहना है कि प्रशासन को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई सुनता नहीं.

इसे भी पढ़ें- बरेली: स्वच्छ भारत मिशन की उड़ी धज्जियां, कचरे से परेशान जनता

बस्तीः एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को स्वच्छ और सुंदर रखने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिले का यह मेडिकल कॉलेज उनके इस अभियान पर पानी फेर रहा है . दरअसल ओपेक चिकित्सालय कैली को भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बना दिया गया हो, लेकिन वहां की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

कूड़े का ढेर बन रहा मेडिकल कॉलेज.

कैली परिसर में वर्षों से पड़ा डंप कूड़ा लोगों की बीमारी का कारण बना हुआ है. हालत यह है कि परिसर में निवास करने वालें लोगों को सांस तक लेना दूभर हो गया है. मेडिकल प्रशासन की इस लापरवाही के चलते गंदगी, जलजमाव और कूड़े का ढेर कैंपस की पहचान बन गया है.

कूड़ा बना लोगों की बीमारी का कारण
लोगों की सेहत सुधारने वाला विभाग खुद लोगों की सेहत को बिगाड़ने में लगा हुआ है. जिले का ओपेक चिकित्सालय कैली को भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बना दिया गया हो, लेकिन उसकी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. कैली परिसर में रहने वाले बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन मेडिकल प्रशासन वर्षों से पड़े डंप कूड़े को हटवाने का नाम नहीं ले रहा है.

संक्रामक बीमारियों का शिकार हो रहे स्थानीय निवासी

  • परिसर में फैली इस गंदगी के चलते आवासों में रहने वाले अनेक परिवार संक्रामक बीमारियों के शिकार हो गए है.
  • पहले बुखार और अब डेंगू ने यहां के लोगों को अपने गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है.
  • अस्पताली कचरा और गंदगी के चलते इस परिसर में निवास करने वालो का सांस तक लेना दूभर हो गया है.
  • परिसर में बने आवास तक झाड़ियों से घिरे गए है.

मेडिकल कॉलेज बनने और ओपेक चिकित्सालय कैली मेडिकल प्रशासन के पास जाने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इसके दिन बहुरेंगे और वर्षों से नारकीय जीवन जी रहे लोगों को इससे निजात मिलेगी, लेकिन हालात नहीं बदले. गंदगी के चलते मच्छरजनित रोगों ने यहां दस्तक दे दी है. परिसर में अनेक लोग डेंगू जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए हैं.

गंदगी का भरमार है यह परिसर
कैली परिसर में रहने वाली और डेंगू की चपेट में आकर अपना इलाज करा रही अदिति सिंह ने बताया कि परिसर में गंदगी का भरमार है. यहां साफ सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते अनेक बीमारियां पनप रही हैं.

साफ सफाई कराने की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं
परिसर में निवास करने वाले डीएन द्विवेदी ने बताया कि परिसर के पिछले हिस्से में आज तक साफ सफाई नहीं हुई है. परिसर में झाड़ू लगाने के कौन कहे कूड़ा तक तो हटवाया नहीं जाता. सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां साफ सफाई कराने के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है.

स्टाफ के लोग अपने स्तर से पैसा इक्ट्ठा कर नालियों की साफ सफाई कराते है. पूर्व में गंदगी के चलते यहां हैजा फैला था और अब लोग बुखार डेंगू जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे है.

वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत का कहना है कि प्रशासन को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई सुनता नहीं.

इसे भी पढ़ें- बरेली: स्वच्छ भारत मिशन की उड़ी धज्जियां, कचरे से परेशान जनता

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- मेडिकल कॉलेज का हो गया कूड़ा

एंकर- लोगों की सेहत सुधारने वाला विभाग खुद की सेहत को बिगड़ने से नहीं रोक पा रहा है। ओपेक चिकित्सालय कैली भले ही मेडिकल कालेज का हिस्सा बन गया, लेकिन उसकी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। कैली के कैंपस में रहने वाले गंदगी के चलते बीमार हो रहे है। परिसर में रहने वाले बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन वर्षो से परिसर में डमप कूड़े को हटवाए जाने की दिशा में जिम्मेदार गंभीर नहीं है। हालत यह है कि यहां आवासो में रहने वाले परिवार अनेक संक्रामक बीमारियों का शिकार हो रहे है। पहले बुखार और अब डेंगू ने यहां के लोगो को गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। अस्पताली कचरा और गंदगी के चलते इस परिसर में निवास करने वालो का सांस लेना तक दूभर है। स्वच्छता का नारा यहां बेमानी है। गंदगी, जलजमाव और कूड़े का ढेर कैंपस की पहचान बन गया है। यहां के आवास तक झाड़ियों से घिरे है। आवास के भवनो तक पर झाड़ झंखाड़ उग आए है। मेडिकल कालेज बनने और ओपेक चिकित्सालय कैली मेउिकल प्रशासन के पास जाने के बाद उम्मीद जगी थी कि इसके दिन बहुरेंगे और वर्षो से नारकीय जीवन जी रहे यहां निवास करने वाले स्टाफ और उसके परिवार के लोगों को इससे निजात मिलेगी, लेकिन हालात नहीं बदले। गंदगी के चलते मच्छरजनित रोगो ने यहां दस्तक दे दी है। अनेक लोग डेंगे जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर अपना इलाज करा रहे है।


Body:कैली परिसर में रहने वाली डेंगू की चपेट में आकर अपना इलाज करा रही अदिति सिंह ने बताया कि यहां गंदगी की भरमार है, साफ सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है जिसके चलते बीमारियां पनप रही हैं। परिसर में निवास करने वाले डीएन द्विवेदी ने बताया कि बनने के बाद से ही परिसर के पिछले हिस्से में आज तक साफ सफाई नहीं कराई र्ग। झाड़ू लगने की कौन कहे कूड़ा तक नहीं हटवाया गया। साफ सफाई कराने की यहां कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। स्टाफ के लोग अपने स्तर से पैसा इक्ट्ठा कर नालियों की साफ सफाई कराते है। सरकारी और अस्पताल प्रशासन की ओर से यहां साफ सफाई कराए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। बताया कि पूर्व में गंदगी के चलते यहां हैजा भी फैला था, बुखार से भी लोग पीड़ित रहे। अब यहां रहने वाले डेंगू का शिकार हो रहे हैं। प्रिंसिपल ने कहा कि प्रशासन को पत्र लिखा गया है लेकिन कोई सुनता नही। 

बाइट- डेंगू पीड़िता
बाइट- स्थानीय कर्मचारी
बाइट- नवनीत....प्रिंसिपल


बस्ती यूपी


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.