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पूर्व जिला पंचायत सदस्य को मृत दिखाकर जमीन कर दी दूसरे के नाम, जांच के आदेश - forgery news in up

बस्ती में फर्जीवाड़े से पूर्व जिला पंचायत सदस्य को मरा दिखाकर जमीन दूसरे के नाम कर दी गई. पीड़ित ने सीएम समेत अफसरों से गुहार लगाई है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.

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पीड़ित और एडीएम ने ये कहा.
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Published : Jul 20, 2022, 3:24 PM IST

बस्तीः हर्रैया तहसील में पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने मुख्यमंत्री सहित दर्जनों उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर गुहार लगाई है. कहा है कि सरकारी अभिलेखों में उन्हें मरा दिखाकर जमीन दूसरे के नाम अंकित कर दी गई है. यह मामला तहसील में चर्चा का विषय बन चुका है. एसडीएम हर्रैया से इसकी शिकायत की गई है. एडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

कप्तानगंज क्षेत्र के परिवारपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीशचंद्र सिंह के मुताबिक उनकी खोभा में खेती व मकान है. 14 जुलाई को उन्होंने गन्ने का सट्टा बनवाने के लिए महराजगंज के सहज जनसेवा केंद्र से परिवारपुर गांव की खतौनी निकाली तो पता चला कि उनके परिवारपुर गांव के खाता संख्या 68 के गाटा संख्या 198, 213, 252 में उनके हिस्से को आलोक सिंह के नाम वरासत कर दिया गया है.

पीड़ित और एडीएम ने ये कहा.

खतौनी के आदेश वाले कॉलम में सतीशचंद्र की 15 मई 2020 को मृत्यु दर्शाई गई है. मौत का हवाला देकर आलोक सिंह नाम के व्यक्ति को उनका पुत्र दर्शाकर जमीन की वरासत कर दी गई. सतीश सिंह के दो पुत्र हैं. बड़े बेटे का नाम रवि सिंह और छोटे बेटे का नाम आनंद प्रताप सिंह है. इस मामले की शिकायत सतीश सिंह के पुत्र आनंद सिंह ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम हर्रेया अमृतपाल कौर के अलावा जनसुनवाई पोर्टल में भी की है. डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि मामला गंभीर है. इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं, मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उधर, सतीश सिंह ने फर्जीवाड़े के लिए तहसील के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए सीएम से न्याय की गुहार लगाई है.

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बस्तीः हर्रैया तहसील में पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने मुख्यमंत्री सहित दर्जनों उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर गुहार लगाई है. कहा है कि सरकारी अभिलेखों में उन्हें मरा दिखाकर जमीन दूसरे के नाम अंकित कर दी गई है. यह मामला तहसील में चर्चा का विषय बन चुका है. एसडीएम हर्रैया से इसकी शिकायत की गई है. एडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

कप्तानगंज क्षेत्र के परिवारपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीशचंद्र सिंह के मुताबिक उनकी खोभा में खेती व मकान है. 14 जुलाई को उन्होंने गन्ने का सट्टा बनवाने के लिए महराजगंज के सहज जनसेवा केंद्र से परिवारपुर गांव की खतौनी निकाली तो पता चला कि उनके परिवारपुर गांव के खाता संख्या 68 के गाटा संख्या 198, 213, 252 में उनके हिस्से को आलोक सिंह के नाम वरासत कर दिया गया है.

पीड़ित और एडीएम ने ये कहा.

खतौनी के आदेश वाले कॉलम में सतीशचंद्र की 15 मई 2020 को मृत्यु दर्शाई गई है. मौत का हवाला देकर आलोक सिंह नाम के व्यक्ति को उनका पुत्र दर्शाकर जमीन की वरासत कर दी गई. सतीश सिंह के दो पुत्र हैं. बड़े बेटे का नाम रवि सिंह और छोटे बेटे का नाम आनंद प्रताप सिंह है. इस मामले की शिकायत सतीश सिंह के पुत्र आनंद सिंह ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम हर्रेया अमृतपाल कौर के अलावा जनसुनवाई पोर्टल में भी की है. डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि मामला गंभीर है. इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं, मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उधर, सतीश सिंह ने फर्जीवाड़े के लिए तहसील के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए सीएम से न्याय की गुहार लगाई है.

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