बस्ती: जनपद में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने की लाख कोशिशों के बाद भी आखिरकार किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. बाढ़ हर बार की अपेक्षा कम थी. इसके बावजूद किसानों की धान और गन्ने की फसल डूब गई. इसका सबसे बड़ा कारण नदी की धारा मोड़ने के लिए बनाई गई ठोकर थी.
दरअसल अतिसंवेदनशील तटबन्ध कटरिया चांदपुर से सटे गांव के पास कृषि योग्य जमीन को सरयू अपने आगोश में ले चुकी है. तटबन्ध के स्तरों पर दबाव बरकरार है. नदी का जलस्तर घटने के साथ ही तेजी से कटान करती हुई नदी तटबन्ध की तरफ बढ़ रही है. वहीं किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलती है. कई सौ बीघा धान और गन्ने की फसल बर्बाद हो गई. बाढ़ कम होने के बावजूद काफी नुकसान हो गया.
ठोकर के दूसरे छोर पर नदी का पानी बैकरोल होने के कारण तेजी से कटान हो रहा है. जिससे किसानों के खेतों में लगी फसल बर्बाद हो रही है. सरकार ने नदी की धारा मोड़ने के लिए जो पैसा लगाया वह डूब गया.
-हंसा देवी, किसान
भारी बारिश और बाढ़ का सबसे अधिक खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ा है. खरीफ फसल की मुख्य खेती धान से किसानों को हाथ धोना पड़ा है. किसान रो रहा है. इसकी भरपाई कैसे हो समझ में नहीं आ रहा है. यह सब ठोकर के कारण हुआ है. जिसकी वजह से पानी उल्टा खेतों में आ गया.
-राधेश्याम, किसान