बस्ती: जिले के एक गांव में हुए सरकारी धन की बंदरबांट की शिकायत करने वाले चार लोगों पर डीएम के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, रामनगर ब्लॉक के सिसवा बुजुर्ग गांव में प्रधान द्वारा सड़क, नाली और तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर बिना काम कराए ही लाखों रुपये का भुगतान करा लिया गया.
वहीं गांव के चार लोगों ने डीएम से मिलकर जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र दिया. डीएम ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की. टीम के मौके पर जाकर जांच भी की, लेकिन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जांच टीम ने जांच के दौरान उन्हें न तो बुलाया और न ही ठीक तरीके से जांच की गई, बल्कि जो भी कार्य नहीं हुए थे उसकी भी प्रधान के पक्ष में रिपोर्ट लगा दी गई. जांच टीम ने डीएम को रिपोर्ट प्रेषित कर दी है. उसी रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने चारों शिकायतकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. डीएम के आदेश पर सोनहा थाने में गलत शिकायत करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
मामले की जानकारी होते ही स्थानीय विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने नाराजगी जाहिर की और डीएम पर आरोप लगाया कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है. अगर किसी ने शिकायत की है तो शिकायत गलत पाए जाने पर दंड देना उचित नहीं है. विधायक ने डीएम की कार्यशैली से नाराज होकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और मांग की है कि दोबारा किसी भी शिकायतकर्ता पर इस तरह की कार्रवाई न हो, नहीं तो किसी भी गलत काम की शिकायत ऊपर के अधिकारियों तक नहीं पहुंचेगी.
वहीं शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन लोगों ने गांव में बिना कार्य कराए धन का बंदरबांट करने वाले प्रधान के खिलाफ शिकायत की तो उन पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया, जबकि उसी जांच रिपोर्ट में प्रधान के खिलाफ तीन बिंदुओं पर आरोप साबित भी हो चुके हैं, लेकिन डीएम ने प्रधान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.