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बस्ती: पराली को लेकर डीएम सख्त, 87 किसानों और 30 कार्मिकों पर हुई कार्रवाई - 30 कार्मिकों पर कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के बस्ती में पराली जलाने के मामले में डीएम ने 87 किसानों पर कड़ी कार्रवाई की है. साथ ही दायित्व का ढंग से निर्वहन न करने पर 30 कार्मिकों पर भी कार्रवाई की.

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पराली को लेकर डीएम की बड़ी कार्यवाही.
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Published : Dec 18, 2019, 4:31 AM IST

बस्तीः पराली जलाने के संबंध में जिले के 87 किसानों पर प्रशासनिक एवं पुलिस की कार्रवाई की गई. मामले पर चार अक्टूबर से चार नवंबर के बीच व्यापक अभियान चलाया गया, जिसमें बिना रीपर वाली छह कंबाइन मशीनें जब्त की गईं. साथ ही 11 किसानों पर एफआईआर दर्ज कराने के अलावा एक लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं इनमें 42,500 हजार रुपये तत्काल जमा भी कराए गए. साथ ही दायित्व का ढंग से निर्वहन न करने पर 30 कार्मिकों पर भी कार्रवाई की गई.

डीएम आशुतोष निरंजन.


जिले में पराली जलाने को लेकर 87 किसानों पर प्रशासनिक एवं पुलिस की कार्रवाई की गई. वहीं 11 किसानों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया. इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद 30 कार्मिकों पर भी कार्रवाई की गई. डीएम आशुतोष निरंजन एवं एसपी हेमराज मीणा ने संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि जिले में वायु प्रदूषण का स्तर काफी नीचे है.

शासन के निर्देश पर धान की पराली न जलाने को लेकर व्यापक अभियान चलाया गया, जिसका प्रतिफल रहा कि पिछले वर्ष पराली जलाने के चिह्नित किए गए चार सौ मामलों के सापेक्ष सिर्फ 87 प्रकरण ही सामने आए.

अधिकारियों की सदस्यता समिति का गठन
साथ ही डीएम ने कहा कि इस बार कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने इसरो से टाइअप करके सेटलाइट का चित्र तैयार कराया था, इसलिए इस मामले में किसी तरह की लापरवाही छिप नहीं सकती. वहीं डीएम ने बताया कि 16 अक्टूबर को एडीएम की अध्यक्षता में एएसपी, डीआईओएस, जिला कृषि प्रसार अधिकारी, डीपीआरओ, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की सदस्यता समिति का गठन किया गया था.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: प्रदेश सरकार के पराली प्रबंधन बजट पर सपा ने उठाए ये सवाल

बस्तीः पराली जलाने के संबंध में जिले के 87 किसानों पर प्रशासनिक एवं पुलिस की कार्रवाई की गई. मामले पर चार अक्टूबर से चार नवंबर के बीच व्यापक अभियान चलाया गया, जिसमें बिना रीपर वाली छह कंबाइन मशीनें जब्त की गईं. साथ ही 11 किसानों पर एफआईआर दर्ज कराने के अलावा एक लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं इनमें 42,500 हजार रुपये तत्काल जमा भी कराए गए. साथ ही दायित्व का ढंग से निर्वहन न करने पर 30 कार्मिकों पर भी कार्रवाई की गई.

डीएम आशुतोष निरंजन.


जिले में पराली जलाने को लेकर 87 किसानों पर प्रशासनिक एवं पुलिस की कार्रवाई की गई. वहीं 11 किसानों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया. इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद 30 कार्मिकों पर भी कार्रवाई की गई. डीएम आशुतोष निरंजन एवं एसपी हेमराज मीणा ने संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि जिले में वायु प्रदूषण का स्तर काफी नीचे है.

शासन के निर्देश पर धान की पराली न जलाने को लेकर व्यापक अभियान चलाया गया, जिसका प्रतिफल रहा कि पिछले वर्ष पराली जलाने के चिह्नित किए गए चार सौ मामलों के सापेक्ष सिर्फ 87 प्रकरण ही सामने आए.

अधिकारियों की सदस्यता समिति का गठन
साथ ही डीएम ने कहा कि इस बार कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने इसरो से टाइअप करके सेटलाइट का चित्र तैयार कराया था, इसलिए इस मामले में किसी तरह की लापरवाही छिप नहीं सकती. वहीं डीएम ने बताया कि 16 अक्टूबर को एडीएम की अध्यक्षता में एएसपी, डीआईओएस, जिला कृषि प्रसार अधिकारी, डीपीआरओ, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की सदस्यता समिति का गठन किया गया था.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: प्रदेश सरकार के पराली प्रबंधन बजट पर सपा ने उठाए ये सवाल

Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो -9889557333

स्लग - पराली पर सामने आए डीएम

एंकर - फसलों का अवशेष यानी पराली जलाने के संबंध में जिले के 87 किसानों पर प्रशासनिक एवं पुलिस की कार्रवाई की गई। चार अक्टूबर से चार नवंबर के बीच इसे लेकर व्यापक अभियान चलाया गया। जिसमें बिना रीपर वाली छह कंबाइन मशीनें जब्त की गईं। 11 किसानों पर एफआईआर दर्ज कराने के अलावा सवा लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। इनमें साढ़े 42 हजार रुपये तत्काल जमा भी कराए गए। दायित्व का ढंग से निर्वहन न करने पर 30 कार्मिकों पर भी कार्रवाई की गई।


Body:डीएम आशुतोष निरंजन एवं एसपी हेमराज मीणा ने संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि यहां वायु प्रदूषण का स्तर वैसे तो काफी नीचे है, लेकिन शासन के निर्देश पर धान की पराली (पुआल) न जलाने को लेकर व्यापक अभियान चलाया गया। जिसका प्रतिफल रहा कि पिछले वर्ष पराली जलाने के चिह्नित किए गए चार सौ मामलों के सापेक्ष सिर्फ 87 प्रकरण ही सामने आए। डीएम ने बताया कि इस बार कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने इसरो से टाइअप करके सेटलाइट का चित्र तैयार कराया था। इसलिए इसमें किसी तरह की हीलाहवाली या लापरवाही छिप नहीं सकती। बताया कि 16 अक्टूबर को एडीएम की अध्यक्षता में एएसपी, डीआईओएस, जिला कृषि प्रसार अधिकारी, डीपीआरओ, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की सदस्यता वाली समिति का गठन किया गया था।

बाइट - आशुतोष निरंजन...डी एम्


बस्ती यूपी


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