बस्ती: कोरोना को लेकर एक तरफ प्रशासन और अस्पताल अलर्ट पर है. वहीं दूसरी तरफ तैयारियों को लेकर बस्ती के एक अस्पताल में व्यवस्था की उस समय पोल खुल गई, जब कोरोना का संदिग्ध बताकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती पति-पत्नी को पूरी रात भूखे रहना पड़ा. इतना ही नहीं वार्ड में मच्छरों के चलते दंपति पूरी रात सो नहीं पाए.
महर्षि वशिष्ठ स्वशासी मेडिकल कॉलेज में दिखी अनियमितता
जनपद के महर्षि वशिष्ठ स्वशासी मेडिकल कॉलेज के ओपेक चिकित्सालय में बुधवार को परसरामपुर निवासी दंपति को भर्ती कराया गया था. 65 वर्षीय बुजुर्ग दिल्ली के एक होटल में कुक का काम करते थे. वहां से कुछ दिन पहले ही अपने घर आए थे. सर्दी-जुकाम की सूचना पर पत्नी सहित उन्हें पांच बेड वाले आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया. दंपति का आरोप है कि अस्पताल के तीसरे फ्लोर वार्ड में उन्हें भोजन तक नहीं दिया गया और न ही उनके साथ किसी को रहने दिया गया.
मरीजों के भोजन की व्यवस्था अस्पताल का काम है, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने दंपति की कोई खबर नहीं ली, जिसके चलते उन्हें भूखे ही रहना पड़ा. एक तरफ आइसोलेशन वार्ड में पति-पत्नी कोरोना के डर से सहमें पड़े हुए थे तो वहीं दूसरी तरफ किसी ने भोजन-पानी तक नहीं पूछा. इतना ही नहीं वार्ड में मच्छरों के चलते वह सो भी नहीं पाए. एसीएमओ डॉ. फकरेयार हुसैन ने बताया कि दंपति में कोरोना के लक्षण नहीं मिल रहे हैं, इसलिए सैम्पल जांच के लिए नहीं भेजा जा रहा है.
वहीं कोरोना के संदिग्धों के साथ अस्पताल में हुए बर्ताव पर सीएमएस डॉ. सोमेश श्रीवास्तव का कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में इस प्रकार की कमी न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.