बस्ती : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिशें तेज हो गईं हैं. कभी जिन्ना तो कभी पाकिस्तान, कभी मुजफ्फरनगर दंगा तो कभी हिंदू और जाट जैसे बयान आम तौर पर हर दूसरे दिन सुनाई दे जाते हैं. इसी बीच पूर्वांचल के बीजेपी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए विवादित बयान दे डाला. कहा कि उत्तर प्रदेश में हिंदू और राष्ट्र विरोधी मुस्लिमों के बीच चुनाव होने जा रहा है.
उन्होंने कहा, 'जनता को यह तय करना है कि प्रदेश की कमान किसके हाथ में होनी चाहिए. जब से योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने है तब से प्रदेश से 45 फीसदी अपराध खत्म हो गया है. अपराधी अपनी जान बचाते फिर रहे हैं. कोई नेपाल तो कोई महाराष्ट्र भाग रहा है'.
अखिलेश यादव से जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने सवाल किया कि क्या उनके राज में हाईवे पर एक बेटी के साथ बलात्कार की घटना नहीं हुई थी. क्या उनके राज में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में दंगे नहीं हुए थे. इन सब मुद्दों को अभी जनता भूली नहीं है.
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दावा किया कि योगी आदित्यनाथ के आने के बाद बिलकुल रामराज आ गया है. आईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी को बीजेपी नेता संजय ने राष्ट्र विरोधी मुस्लिम बताते हुए कहा कि हिंदुओं को धमकाने वाला देश का हितैषी नही हो सकता.
गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से पहले बीजेपी नेता संजय चौधरी कई अहम पदों पर रह चुके है. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश का पिछड़ा वर्ग पूरी तरह बीजेपी के साथ है. इस चुनाव में भाजपा का करंट दौड़ रहा है. चुनाव के दिन वोटिंग में जनता में भाजपा का करंट देखने को मिलेगा.
वहीं, संजय ने बीजेपी छोड़ सपा की साइकिल पर सवार हो चुके पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी जमकर कटाक्ष करते हुए कहा कि कौन नहीं जानता कि बीजेपी की सरकार में मलाई काटने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य सत्ता छोड़ कर दूसरे दल में चले गए तो उन्हे गद्दार ही समझा जाएगा.
बीजेपी नेता के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि बीजेपी किस तरह से चुनाव में वोटो का तुष्टिकरणकर जीत हासिल करना चाहती है. हिंदू मुश्लिम को बांटने वाला बयान देकर भाजपा नेता संजय चौधरी ने इसकी शुरुआत कर दी है.