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बस्ती: सरकार के निर्देशों की उड़ रही धज्जियां, ठंड से ठिठुर रहे गोवंश

यूपी के बस्ती में ग्रामीण क्षेत्रों में बनी गोशालाओं की स्थिति दयनीय है. यहां हाड़ कंपा देने वाली ठंड में गोवंश ठिठुर रहे हैं. शासन और प्रशासन के निर्देशों के बाद भी जिम्मेदार चेत नहीं रहे हैं.

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ठंड से ठिठुर रहे गोवंश
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Published : Jan 1, 2020, 9:54 AM IST

बस्ती: जिले में गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए सीएम योगी के निर्देश कितने प्रभावी हो रहे हैं, इसकी जमीनी हकीकत बस्ती में देखी जा सकती है. यहां एक तरफ जनपद मुख्यालय पर बने गोशाला में गाय को ठंड से बचाने के लिए काऊकोट की व्यवस्था कर प्रशासन भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों मे बनी गोशालाओं में अभी गोवंश इस हाड़ कपा देने वाली ठंड में ठिठुर रहे हैं.

ठंड से ठिठुर रहे गोवंश

गोशालाओं का स्थिति दयनीय

  • हरैया विकास खण्ड और दुबौलिया विकास खण्ड में बनी गोशाला में गोवंशों की हालत दयनीय है.
  • सरकार के निर्देश के बावजूद गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट की व्यवस्था नहीं की गई है.
  • जब यहां की जांच की गई तो कई अव्यवस्थाएं सामने आईं.
  • स्थानीय लोगों ने बताया कि चारा और भूसा होते हुए भी कर्मचारी ठीक ढंग से गोवंशों को खिलाते नहीं हैं.
  • रमना तौफी गोशाला में कई गोवंश बीमार हैं और कई की मौत भी हो चुकी है.
  • इसके बावजूद भी कर्मचारी संवेदनशील नहीं हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय
जोगापुर गोशाला के बारे में एक स्थानीय ने बताया कि यहां पर रोज दारू और मीट की पार्टी होती है और कर्मचारी के अलावा बाहरी लोग भी आते हैं. अभी तक गोवंशों को काऊ कोट भी नहीं पहनाया गया है. अगर किसी जानवर की मौत हो जाती है तो उसे खुले में फेंक दिया जाता है.

जिम्मेदारों की सफाई
वहीं इस पर सफाईकर्मी ने कहा कि काऊ कोट पहनाया जाता है, लेकिन जानवर बार-बार गिरा देते हैं. मौतों के बारे में पशुचिकित्सक ने बताया कि 117 जानवरों में से 2 की मौत हो चुकी है. फिलहाल 115 गोवंश हैं. इनकी नियमित देखभाल की जाती है.

शासन का साफ निर्देश है कि गोशाला में जानवरों के लिए सभी जरूरी चीजें मुहैया कराई जाएं. अगर कहीं लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एडीओ पंचायत को नियमित धरातल पर जाकर निरीक्षण के लिए कहा गया है.
-प्रेम प्रकाश मीणा, एसडीएम

बस्ती: जिले में गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए सीएम योगी के निर्देश कितने प्रभावी हो रहे हैं, इसकी जमीनी हकीकत बस्ती में देखी जा सकती है. यहां एक तरफ जनपद मुख्यालय पर बने गोशाला में गाय को ठंड से बचाने के लिए काऊकोट की व्यवस्था कर प्रशासन भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों मे बनी गोशालाओं में अभी गोवंश इस हाड़ कपा देने वाली ठंड में ठिठुर रहे हैं.

ठंड से ठिठुर रहे गोवंश

गोशालाओं का स्थिति दयनीय

  • हरैया विकास खण्ड और दुबौलिया विकास खण्ड में बनी गोशाला में गोवंशों की हालत दयनीय है.
  • सरकार के निर्देश के बावजूद गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट की व्यवस्था नहीं की गई है.
  • जब यहां की जांच की गई तो कई अव्यवस्थाएं सामने आईं.
  • स्थानीय लोगों ने बताया कि चारा और भूसा होते हुए भी कर्मचारी ठीक ढंग से गोवंशों को खिलाते नहीं हैं.
  • रमना तौफी गोशाला में कई गोवंश बीमार हैं और कई की मौत भी हो चुकी है.
  • इसके बावजूद भी कर्मचारी संवेदनशील नहीं हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय
जोगापुर गोशाला के बारे में एक स्थानीय ने बताया कि यहां पर रोज दारू और मीट की पार्टी होती है और कर्मचारी के अलावा बाहरी लोग भी आते हैं. अभी तक गोवंशों को काऊ कोट भी नहीं पहनाया गया है. अगर किसी जानवर की मौत हो जाती है तो उसे खुले में फेंक दिया जाता है.

जिम्मेदारों की सफाई
वहीं इस पर सफाईकर्मी ने कहा कि काऊ कोट पहनाया जाता है, लेकिन जानवर बार-बार गिरा देते हैं. मौतों के बारे में पशुचिकित्सक ने बताया कि 117 जानवरों में से 2 की मौत हो चुकी है. फिलहाल 115 गोवंश हैं. इनकी नियमित देखभाल की जाती है.

शासन का साफ निर्देश है कि गोशाला में जानवरों के लिए सभी जरूरी चीजें मुहैया कराई जाएं. अगर कहीं लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एडीओ पंचायत को नियमित धरातल पर जाकर निरीक्षण के लिए कहा गया है.
-प्रेम प्रकाश मीणा, एसडीएम

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: जिले में गौवंशों को ठंड से बचाने के लिए सीएम योगी के निर्देश कितने प्रभावी हो रहे है, इसकी जमीनी हकीकत देख आप चौक जाएंगे. जहां एक तरफ जनपद मुख्यालय पर बने गोशाला में गाय को ठंड से बचाने के लिए काऊकोट की व्यवस्था कर प्रशासन भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो लेकिन वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों मे बनी गौशालाओं मे अभी गौवंश इस हाड़कपा देने वाली ठंड मे ठिठुर रही हैं.

दरअसल हरैया विकास खण्ड व दुबौलिया विकास खण्ड में बनी वृहद गौशाला, जोगा पुर और रमनातौफी की पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गयी. यहां गौशालाओं मे लगे कर्मचारियों की पार्टियां तो आये दिन हो रही है लेकिन गौवंशो को ठंड से बचाने के लिए जूट का कोट पहनाने की जहमत ये कर्मचारी नही उठा पा रहे है. ये हाल तब है जब गौशालाओं काऊकोट उपलब्ध है. यहां तक की पीने के लिए साफ पानी नाद मे उपलब्ध नही है. चारा व भूषा होते हुयी भी कर्मचारी ठीक ढंग से उनको खिला नही रहे हैं. रमना तौफी गौशाला में कई गौवंश बिमार हैं और कई गायों की मौत हो गयी है. लागतार हो रही मौतों के बाद भी कर्मचारी संवेदनशील नही हैं.

Body:इतना ही नही जोगापुर गौशाला में स्थानिय ने बताया की यहां पर रोज दारू व मीट की पार्टी होती है और कर्मचारी के अलावा बाहरी लोग भी आते हैं. ग्रामीण ने बताया कि अभी तक इनको काऊ कोट नही पहनाया गया है. साथ ही अगर किसी जानवर की मौत हो जाटी है तो उसे खुले ने फेंक दिया जाता है. जहां चील कौवे उसे खाते हैं. उन्होंने बताया कि यहां लागतार मौत हो रही है. उच्चाधिकारी भी गौशालाओं में आने की जहमत तक नही उठाते. तो भला मुख्यमंत्री की काऊकोट वाली स्कीम धरातल पर कैसे सफल हो पायेगी.

वहीं सफाई कर्मी ने कहा कि काऊ कोट पहनाया जाता है, लेकिन जानवर बार बार गिरा देते हैं. साथ ही पशुचिकित्सक ने बताया कि 117 जानवरों में से 2 की मौत हो चुकी है, फिलहाल 115 हैं. इनकी नियमित देखभाल की जाती है.

इस बाबत एसडीएम हरैया प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि शासन का साफ निर्देश है कि गौशाला में जानवरों के लिए सभी जरूरी चीजें मुहैया कराई जाए. अगर कही लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम ने कहा कि एडीओ पंचायत को नियमित धरातल पर जाकर निरीक्षण के लिए कहा गया है.

बाइट...शेर बहादुर सिंह, स्थानीय
बाइट....सफाई कर्मचारी, श्याम बहादुर चौधरी
बाइट....डॉ केएस चौधरी, पशुचिकित्सा
बाइट-एसडीएम हरैया, प्रेम प्रकाश मीणाConclusion:
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