बस्ती : पंचायत चुनाव से पहले सरकार ने हर गांव में सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किया. मगर बस्ती जिले के कूदरहा ब्लॉक के कडसरी मिश्र गांव में धरातल पर इस योजना की हकीकत की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है. सामुदायिक शौचालय का ढांचा तो खड़ा हो गया है, मगर अंदर टॉयलेट रूम में न तो सीट लगाई गई है न नल और ना ही दरवाजे. यही नहीं, हैरानी की बात तो यह है कि काम को अधूरा छोड़कर प्रधान ने पूरा भुगतान भी करा लिया है.
दरअसल, यह मामला कूदरहा ब्लॉक के कडसरी मिश्र गांव का है. यहां शौचालय के नाम सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है. यहां शौचालय पर 10 लाख से अधिक का धन तो खर्च हो गया है. लेकिन गांव के लोगों के लिए यह शौचालय बेमतलब साबित हो रहा है. बाहर से शौचालय की तस्वीर देखकर आपको यकीन ही नहीं होगा कि अंदर के हालात कैसे होंगे. शौचालय की दीवारों पर रंगरोहन कर इस कदर टिपटॉप कर दिया गया है, जैसे इस सामुदायिक शौचालय के निर्माण में प्रधान ने अपना खून पसीना लगा दिया हो. मगर अंदर न तो टॉयलेय की शीट लगी है, न ही नल की टोटी और ना ही दरवाजे लगे हैं.
आप को बता दें, गांव में हुए सरकारी धन के बंदरबांट को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया. इस मामले की शिकायत ग्रामीणों ने जिला विकास अधिकारी से भी की है. मगर अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार भले ही अरबों रुपए पानी की तरह बहा रही हो, मगर धरातल पर कई जगह ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल रही हैं. सरकारी धन का बंदरबांट कर जिम्मेदार अधिकारी भी कुंडली मार कर बैठ हुए हैं.
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हालांकि सीडीओ राजेश प्रजापति से इस मामले के बारे में जब बात की गई तो, उन्होंने जांच की बात कही है. सोचने वाली बात यह भी है कि मामले में सीडीओ ने टीम का गठन तो कर दिया है, मगर आज तक टीम मौके पर जांच करने तक नहीं पहुंची है.