बस्ती: प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कोविड-19 के नियंत्रण और रोकथाम के लिए गठित कोविड-19 कमांड और कंट्रोल सेंटर, विकास भवन और मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक कैली अस्पताल एल-2 का निरीक्षण किया. व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कोविड-19 के रोकथाम और बचाव के लिए आवश्यक सुझाव दिए.
कोविड-19 कमांड और कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण
निरीक्षण के क्रम में सबसे पहले उन्होंने कोविड-19 कमांड और कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया. यहां पर उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने, नियमित रूप से मास्क लगाने और हाथों को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां पर तैनात सभी अधिकारी, कर्मचारी की विशेष सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. कंट्रोल रूम में उन्हें कोविड-19 पेशेंट को फैसिलिटी अलॉटमेंट के बारे में आवश्यक जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि 15 मई को प्राप्त 164 नए केस में 81 होम आइसोलेशन में हैं. प्रमुख सचिव ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के लिए अटैच टॉयलेट के साथ अलग कमरा होना बेहद जरूरी है. उनका ऑक्सीजन लेवल नापने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मोमीटर भी जरूरी है. यदि प्रत्येक मरीज को नहीं मिल रहा तो निगरानी समिति को यह उपलब्ध कराया जाए ताकि वह प्रतिदिन भ्रमण के दौरान उनका जांच कर सकें, यूनिसेफ के आलोक राय ने प्रमुख सचिव को जानकारी दी कि जिले में 64 आरआरटी टीम गठित हैं. 17 मई से 18 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों के टीकाकरण के लिए 18,000 नई वैक्सीन प्राप्त हो गई हैं, जिसे टीकाकरण केंद्रों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे प्रत्येक मरीज से वार्ता करने के लिए कंट्रोल सेंटर में 5-5 अध्यापकों की ड्यूटी शिफ्टवार लगाई गई है.
टीकाकरण अवश्य कराएं
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि टीका लगवाने के संबंध में भ्रांतियों को दूर करें, टीकाकरण को गंभीरता से लें और यह स्पष्ट करें कि टीका लगाने का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गांव के राशन कार्ड धारक लोगों को खाद्यान्न दिया जा रहा है. प्रवासी कामगारों को और रेहड़ी, खोमचे लगाने वाले को 1000 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा निराश्रित और वंचित लोगों को अंत्येष्टि के लिए 5000 रुपये की आर्थिक सहायता भी की जा रही है. गांव एवं मोहल्लों में निगरानी समितियों के माध्यम से लोगों को इसकी आवश्यक जानकारी दी जाए.