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बस्ती: पिता फर्जी प्रिंसिपल तो बेटा निकला फर्जी टीचर, एफआईआर दर्ज

यूपी के बस्ती जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाप-बेटे को फर्जी टीचर और प्रधानाचार्य बनने के मामले में पुलिस ने बेटे पर कार्रवाई की है. इस मामले में परशुरामपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है.

एफआईआर दर्ज
एफआईआर दर्ज
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Published : Sep 7, 2020, 6:50 PM IST

बस्ती: जिले में फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षक बने विवेक कुमार सिंह निवासी आनंद नगर कटरा पर कार्रवाई की गई है. विवेक कुमार सिंह के खिलाफ परशुरामपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. यह मामला जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पिछले चार सालों से लटका पड़ा था. देशराज नारंग इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रहे आरोपी के पिता रमेश चंद्र सिंह के खिलाफ फर्जी अभिलेखों के सहारे प्रधानाचार्य का पद हथियाने के मामले में शिक्षा निदेशक की कार्रवाई के बाद विवेक सिंह का मामला सुर्खियों में आ गया था. यह जानकारी संयुक्त निदेशक मनोज द्विवेदी दी.

जानकारी देते संयुक्त निदेशक मनोज द्विवेदी.

मुख्य बिंदु

  • फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षक बने विवेक कुमार सिंह पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.
  • इससे पहले विवेक कुमार के पिका पर भी शासन स्तर से कार्रवाई हुई थी.

विवेक कुमार फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर के आधार पर पहुंचा बस्ती

इस संबंध में किसान इंटर कॉलेज परशुरामपुर के प्रबंधक नरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस को तहरीर दी थी. इसमें उन्होंने कहा कि आरोपी विवेक कुमार सिंह खुद को लोकमान्य इंटर कॉलेज कुशीनगर में प्रवक्ता बताते हुए एकल स्थानांतरित आदेश लेकर 20 सितम्बर 2016 को उनके विद्यालय पहुंचा था. इसके क्रम में उसे कॉलेज में कार्यभार ग्रहण करा दिया गया. वेतन भुगतान की कार्रवाई के लिए डीआईओएस कार्यालय को पत्रावली प्रस्तुत की गई, इसके क्रम में वहां से एक माह का वेतन भुगतान भी कर दिया गया. इसी बीच तत्कालीन लेखाधिकारी को विवेक कुमार सिंह के स्थानांतरण आदेश पर शंका हुई.

शंका के आधार पर उन्होंने कुशीनगर के लोकमान्य इंटर कॉलेज और वहां के डीआईओएस कार्यालय से इसकी पुष्टि कराई. वहां से मिली जानकारी में पता चला कि उसका स्थानांतरण आदेश फर्जी है. इस पर उस समय के तत्कालीन डीआईओएस ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. आरोप है कि राजनीतिक दबाव में मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.


पिता पर हुई कार्रवाई के बाद मामला आया था सुर्खियों में
ये मामला सुर्खियों में तब आया जब विवेक सिंह के पिता की प्रवक्ता पद पर हुई नियुक्ति कूटरचित अभिलेखों के आधार पर पाए जाने पर शासन स्तर से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों के संज्ञान में विवेक सिंह का मामला आया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई के प्रयास तेज हो गए. 11 अगस्त को जेडी बस्ती मंडल व 21 अगस्त को डीआईओएस ने प्रबंधक को पत्र लिखकर आरोपी विवेक सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था, जिसमें अब जाकर परशुरामपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में संयुक्त निदेशक मनोज द्विवेदी ने बताया कि फर्जी अभिलेख के आधार पर आयोग से नियुक्ति की शिकायत पर कार्रवाई की गई है.

फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षक बनने के मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है. साक्ष्यों की तलाश की जा रही है. साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
-रविन्द्र सिंह, एएसपी

बस्ती: जिले में फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षक बने विवेक कुमार सिंह निवासी आनंद नगर कटरा पर कार्रवाई की गई है. विवेक कुमार सिंह के खिलाफ परशुरामपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. यह मामला जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पिछले चार सालों से लटका पड़ा था. देशराज नारंग इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रहे आरोपी के पिता रमेश चंद्र सिंह के खिलाफ फर्जी अभिलेखों के सहारे प्रधानाचार्य का पद हथियाने के मामले में शिक्षा निदेशक की कार्रवाई के बाद विवेक सिंह का मामला सुर्खियों में आ गया था. यह जानकारी संयुक्त निदेशक मनोज द्विवेदी दी.

जानकारी देते संयुक्त निदेशक मनोज द्विवेदी.

मुख्य बिंदु

  • फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षक बने विवेक कुमार सिंह पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.
  • इससे पहले विवेक कुमार के पिका पर भी शासन स्तर से कार्रवाई हुई थी.

विवेक कुमार फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर के आधार पर पहुंचा बस्ती

इस संबंध में किसान इंटर कॉलेज परशुरामपुर के प्रबंधक नरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस को तहरीर दी थी. इसमें उन्होंने कहा कि आरोपी विवेक कुमार सिंह खुद को लोकमान्य इंटर कॉलेज कुशीनगर में प्रवक्ता बताते हुए एकल स्थानांतरित आदेश लेकर 20 सितम्बर 2016 को उनके विद्यालय पहुंचा था. इसके क्रम में उसे कॉलेज में कार्यभार ग्रहण करा दिया गया. वेतन भुगतान की कार्रवाई के लिए डीआईओएस कार्यालय को पत्रावली प्रस्तुत की गई, इसके क्रम में वहां से एक माह का वेतन भुगतान भी कर दिया गया. इसी बीच तत्कालीन लेखाधिकारी को विवेक कुमार सिंह के स्थानांतरण आदेश पर शंका हुई.

शंका के आधार पर उन्होंने कुशीनगर के लोकमान्य इंटर कॉलेज और वहां के डीआईओएस कार्यालय से इसकी पुष्टि कराई. वहां से मिली जानकारी में पता चला कि उसका स्थानांतरण आदेश फर्जी है. इस पर उस समय के तत्कालीन डीआईओएस ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. आरोप है कि राजनीतिक दबाव में मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.


पिता पर हुई कार्रवाई के बाद मामला आया था सुर्खियों में
ये मामला सुर्खियों में तब आया जब विवेक सिंह के पिता की प्रवक्ता पद पर हुई नियुक्ति कूटरचित अभिलेखों के आधार पर पाए जाने पर शासन स्तर से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों के संज्ञान में विवेक सिंह का मामला आया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई के प्रयास तेज हो गए. 11 अगस्त को जेडी बस्ती मंडल व 21 अगस्त को डीआईओएस ने प्रबंधक को पत्र लिखकर आरोपी विवेक सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था, जिसमें अब जाकर परशुरामपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में संयुक्त निदेशक मनोज द्विवेदी ने बताया कि फर्जी अभिलेख के आधार पर आयोग से नियुक्ति की शिकायत पर कार्रवाई की गई है.

फर्जी अभिलेखों के सहारे शिक्षक बनने के मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है. साक्ष्यों की तलाश की जा रही है. साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
-रविन्द्र सिंह, एएसपी

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