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Fake number plate car: 8 साल तक फर्जी नंबर प्लेट के साथ दौड़ती रही कार, किसी को नहीं लगी भनक

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Published : Jan 25, 2023, 7:15 PM IST

बस्ती में एक कार फर्जी नंबर प्लेट (Fake number plate car) के साथ 8 सालों तक सड़कों पर दौड़ती रही. जिसकी खबर न तो कार मालिक को थी न ही आरटीओ विभाग को. ऐसे हुआ खुलासा..

बस्ती में फर्जी नंबर प्लेट कार
बस्ती में फर्जी नंबर प्लेट कार
मामले की जानकारी देते कार के मालिक एसपी मिश्रा

बस्तीः जिले में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर एक कार 8 सालों तक सड़कों पर फर्राटा बढ़ती रही और आरटीओ और ट्रैफिक विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पाई. इस दौरान कार के मालिक ने कई बार बीमा भी करवाया और सड़क हादसे होने के बाद बीमा कंपनी से क्लेम भी लिया. बावजूद इसके संबंधित विभाग के जिम्मेदार इससे अनजान बने रहे. जब इसकी जानकारी कार के मालिक ने शोरूम के मालिक तत्कालीन एआरटीओ और लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है. गौरतलब है कि तत्कालीन एआरटीओ शंकर जी सिंह वर्तमान में बांदा जिले में तैनात और संबंधित बाबू शिवानंद अब रिटायर हो चुका है.

ऐसे पकड़ में आया मामलाः सितंबर 2022 में कार के मालिक ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन किया. इसके बाद आरटीओ विभाग में यह आवेदन पहुंचा तो वहां से चौंकाने वाली बात सामने आई. कार मालिक को यह बताया गया कि उनका नंबर प्लेट फर्जी है. यानी कि 8 साल तक कार मालिक फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर लेकर चलता रहा और इस बात की किसी को भनक तक नहीं लगी.

कार मालिक के बेटे मनीष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने साल 2014 में गोरखपुर के एक कार शोरूम से कार खरीदी थी. इसके बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन पेपर के लिए शुल्क भी जमा किया. मगर उन्हें फर्जी आरसी पेपर दे दिए गए. मनीष ने कहा कि उन्हें जो रजिस्ट्रेशन पेपर मिला था. उन्हें लगा कि वाहन शोरूम मालिक द्वारा फर्जी पेपर नहीं दिए जाएंगे लेकिन उनको विश्वास में लेकर धोखाधड़ी करते हुए ऐसा पेपर दे दिया गया. इसका आरटीओ विभाग में पंजीयन ही नहीं हुआ था. वह अपनी कार को 8 साल तक सड़कों पर लेकर चलते रहे कई बार एक्सीडेंट भी हुआ. जिसको लेकर बीमा का भी लाभ लिया और हर साल बीमा का रजिस्ट्रेशन करवाया. मामले में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

ये भी पढ़ेंः Suicide IN Badaun: प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में चाचा ने देखा तो प्रेमिका ने डर से कर ली आत्महत्या

मामले की जानकारी देते कार के मालिक एसपी मिश्रा

बस्तीः जिले में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर एक कार 8 सालों तक सड़कों पर फर्राटा बढ़ती रही और आरटीओ और ट्रैफिक विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पाई. इस दौरान कार के मालिक ने कई बार बीमा भी करवाया और सड़क हादसे होने के बाद बीमा कंपनी से क्लेम भी लिया. बावजूद इसके संबंधित विभाग के जिम्मेदार इससे अनजान बने रहे. जब इसकी जानकारी कार के मालिक ने शोरूम के मालिक तत्कालीन एआरटीओ और लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है. गौरतलब है कि तत्कालीन एआरटीओ शंकर जी सिंह वर्तमान में बांदा जिले में तैनात और संबंधित बाबू शिवानंद अब रिटायर हो चुका है.

ऐसे पकड़ में आया मामलाः सितंबर 2022 में कार के मालिक ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन किया. इसके बाद आरटीओ विभाग में यह आवेदन पहुंचा तो वहां से चौंकाने वाली बात सामने आई. कार मालिक को यह बताया गया कि उनका नंबर प्लेट फर्जी है. यानी कि 8 साल तक कार मालिक फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर लेकर चलता रहा और इस बात की किसी को भनक तक नहीं लगी.

कार मालिक के बेटे मनीष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने साल 2014 में गोरखपुर के एक कार शोरूम से कार खरीदी थी. इसके बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन पेपर के लिए शुल्क भी जमा किया. मगर उन्हें फर्जी आरसी पेपर दे दिए गए. मनीष ने कहा कि उन्हें जो रजिस्ट्रेशन पेपर मिला था. उन्हें लगा कि वाहन शोरूम मालिक द्वारा फर्जी पेपर नहीं दिए जाएंगे लेकिन उनको विश्वास में लेकर धोखाधड़ी करते हुए ऐसा पेपर दे दिया गया. इसका आरटीओ विभाग में पंजीयन ही नहीं हुआ था. वह अपनी कार को 8 साल तक सड़कों पर लेकर चलते रहे कई बार एक्सीडेंट भी हुआ. जिसको लेकर बीमा का भी लाभ लिया और हर साल बीमा का रजिस्ट्रेशन करवाया. मामले में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

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